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राष्ट्रीय बजरंग दल नेता सुरेश कुशवाहा का निधन, क्षेत्र में शोक की लहर

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Published : Feb 13, 2021, 8:19 PM IST

प्रदेश महामंत्री राष्ट्रीय बजरंग दल सुरेश कुशवाहा को तबीयत बिगड़ने के बाद बरेली के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया.

राष्ट्रीय बजरंग दल नेता सुरेश कुशवाहा का निधन
राष्ट्रीय बजरंग दल नेता सुरेश कुशवाहा का निधन

खटीमा: राष्ट्रीय बजरंग दल के प्रदेश महामंत्री सुरेश कुशवाहा को तबीयत बिगड़ने के बाद बरेली के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. उनके निधन का समाचार सुन सीमान्त क्षेत्र खटीमा के हिंदूवादी संगठनों में शोक की लहर है.

खटीमा में लोहिया हेड रोड निवासी सुरेश कुशवाहा लंबे समय से हिंदूवादी संगठनों से जुड़े थे. वर्तमान में वह प्रदेश महामंत्री राष्ट्रीय बजरंग दल के दायित्व को संभाल रहे थे. अचानक तबीयत खराब होने पर उनके परिजनों ने उन्हें बरेली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका निधन हो गया.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में कोरोनाः शनिवार को मिले 44 नए केस, दो की मौत

सुरेश कुशवाहा जहां गौ रक्षा व धर्मांतरण रोकथाम के लिए अपने सीमान्त क्षेत्र खटीमा में लंबे समय से सक्रिय थे. वही, हिंदूवादी कार्यक्रमों को लगातार खटीमा क्षेत्र में आयोजित करते रहते थे. खटीमा में राष्ट्रीय बजरंग दल के बैनर तले वह लंबे समय से गौशाला निर्माण को लेकर भी संघर्षरत थे, लेकिन उनके आकस्मिक निधन की खबर ने सीमान्त क्षेत्र खटीमा के हिंदूवादी संगठनों में शोक की लहर ला दी है.

सुरेश कुशवाहा खटीमा में सामाजिक तौर पर भी सक्रिय थे. निर्धन व निशक्त जनों की सहायता हो या लॉकडाउन के दौरान सैकड़ों लोगों को हिंदूवादी साथियों की मदद से भोजन पानी की व्यवस्था कराना, वह हर वक्त सामाजिक कार्यो में अहम व सक्रिय भूमिका में नजर आए.

खटीमा: राष्ट्रीय बजरंग दल के प्रदेश महामंत्री सुरेश कुशवाहा को तबीयत बिगड़ने के बाद बरेली के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. उनके निधन का समाचार सुन सीमान्त क्षेत्र खटीमा के हिंदूवादी संगठनों में शोक की लहर है.

खटीमा में लोहिया हेड रोड निवासी सुरेश कुशवाहा लंबे समय से हिंदूवादी संगठनों से जुड़े थे. वर्तमान में वह प्रदेश महामंत्री राष्ट्रीय बजरंग दल के दायित्व को संभाल रहे थे. अचानक तबीयत खराब होने पर उनके परिजनों ने उन्हें बरेली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका निधन हो गया.

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सुरेश कुशवाहा जहां गौ रक्षा व धर्मांतरण रोकथाम के लिए अपने सीमान्त क्षेत्र खटीमा में लंबे समय से सक्रिय थे. वही, हिंदूवादी कार्यक्रमों को लगातार खटीमा क्षेत्र में आयोजित करते रहते थे. खटीमा में राष्ट्रीय बजरंग दल के बैनर तले वह लंबे समय से गौशाला निर्माण को लेकर भी संघर्षरत थे, लेकिन उनके आकस्मिक निधन की खबर ने सीमान्त क्षेत्र खटीमा के हिंदूवादी संगठनों में शोक की लहर ला दी है.

सुरेश कुशवाहा खटीमा में सामाजिक तौर पर भी सक्रिय थे. निर्धन व निशक्त जनों की सहायता हो या लॉकडाउन के दौरान सैकड़ों लोगों को हिंदूवादी साथियों की मदद से भोजन पानी की व्यवस्था कराना, वह हर वक्त सामाजिक कार्यो में अहम व सक्रिय भूमिका में नजर आए.

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