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CAB के विरोध में उतरा दलित मुस्लिम एकता मंच, SDM के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

दलित मुस्लिम एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि CAA भारतीय संविधान की मूल भावना, धर्मनिरपेक्ष स्वरूप एवं लोकातंत्रिक व्यवस्था के विरोध में है. भारतीय संविधान में सभी धर्मों को समान अधिकार दिये गये हैं, जबकि नागरिकता संशोधन बिल देश के नागरिकों के समान अधिकारों का हनन करता है.

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Published : Dec 17, 2019, 6:06 PM IST

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CAB के विरोध में उतरा दलित मुस्लिम एकता मंच

काशीपुर: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. देशभर के अलग-अलग हिस्सों में हर कोई अपने-तरीके से इस बिल का विरोध कर रहा हैं. इसी के तहत मंगलवार को काशीपुर में दलित मुस्लिम एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम से मुलाकात की. इस दौरान दलित मुस्लिम एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेज कर अपना विरोध दर्ज करवाया.

CAB के विरोध में उतरा दलित मुस्लिम एकता मंच

दलित मुस्लिम एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि कैब भारतीय संविधान की मूल भावना, धर्मनिरपेक्ष स्वरूप एवं लोकातंत्रिक व्यवस्था के विरोध में है. भारतीय संविधान में सभी धर्मों को समान अधिकार दिये गये हैं, जबकि नागरिकता संशोधन बिल देश के नागरिकों के समान अधिकारों का हनन करता है. वर्तमान में भारत में जनसंख्या विस्फोट के कारण बेरोजगारी और भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में अगर अन्य देशों के नागरिकों को यहां की नागरिकता प्रदान की जाएगी तो देश में अव्यवस्थाएं और भी बढ़ जाएंगी.

पढ़ें-हल्द्वानीः रेलवे ट्रैक पर युवक का शव मिलने से सनसनी, जांच में जुटी पुलिस

मुस्लिम एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए. कार्यकर्ताओं ने बिल को निरस्त करते हुए शरणार्थियों को वापस उनके देश भेजने की मांग की है.

काशीपुर: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. देशभर के अलग-अलग हिस्सों में हर कोई अपने-तरीके से इस बिल का विरोध कर रहा हैं. इसी के तहत मंगलवार को काशीपुर में दलित मुस्लिम एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम से मुलाकात की. इस दौरान दलित मुस्लिम एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेज कर अपना विरोध दर्ज करवाया.

CAB के विरोध में उतरा दलित मुस्लिम एकता मंच

दलित मुस्लिम एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने ज्ञापन के माध्यम से कहा कि कैब भारतीय संविधान की मूल भावना, धर्मनिरपेक्ष स्वरूप एवं लोकातंत्रिक व्यवस्था के विरोध में है. भारतीय संविधान में सभी धर्मों को समान अधिकार दिये गये हैं, जबकि नागरिकता संशोधन बिल देश के नागरिकों के समान अधिकारों का हनन करता है. वर्तमान में भारत में जनसंख्या विस्फोट के कारण बेरोजगारी और भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में अगर अन्य देशों के नागरिकों को यहां की नागरिकता प्रदान की जाएगी तो देश में अव्यवस्थाएं और भी बढ़ जाएंगी.

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मुस्लिम एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए. कार्यकर्ताओं ने बिल को निरस्त करते हुए शरणार्थियों को वापस उनके देश भेजने की मांग की है.

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Summary- केंद्र सरकार के द्वारा नागरिकता संशोधन बिल (कैब) का विरोध थमने का नाम नही ले रहा है। इसी के तहत काशीपुर में आज दलित मुस्लिम एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम काशीपुर के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन प्रेषित कर अपना विरोध जताया।


एंकर- केंद्र सरकार के द्वारा नागरिकता संशोधन बिल (कैब) का विरोध थमने का नाम नही ले रहा है। इसी के तहत काशीपुर में आज दलित मुस्लिम एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने एसडीएम काशीपुर के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन प्रेषित कर अपना विरोध जताया।

Body:वीओ- नागरिकता संशोधन बिल (कैब) के विरोध में दलित मुस्लिम एकता मंच ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन उपजिलाधिकारी सुंदर लाल तोमर को सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से दलित मुस्लिम एकता मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि कैब भारतीय संविधान की मूल भावना धर्मनिरपेक्ष स्वरूप एवं लोकातंत्रिक व्यवस्था के विरोध में है। भारतीय संविधान में इस राष्ट्र में सभी धर्मों को समान अधिकार दिये गये हैं। जबकि नागरिकता संशोधन बिल देश के नागरिकों के समान अधिकारों का हनन करता है। वर्तमान में भारत में जनसंख्या विस्फोट के कारण नागरिकों को बेरोजगारी और भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में यदि अन्य देश के नागरिकों को वह चाहे किसी भी धर्म के क्यों ना हो, इतनी बड़ी संख्या में नागरिकता प्रदान करना देश की बेरोजगारी और भुखमरी को बढ़ावा देना है। उन्होंने उक्त बिल को निरस्त करते हुए शरणार्थियों को वापस उनके देश भेजने की मांग की है।
बाइट- सुंदर लाल तोमर, उपजिलाधिकारीConclusion:
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