खटीमाः उत्तराखंड में मॉनसून की दस्तक से पहले प्रशासन द्वारा निपटने की तैयारी की जा रही है. खटीमा में मॉनसून के दौरान आपदा और बाढ़ से निपटने को लेकर प्रशासन ने पांच बाढ़ नियंत्रण चौकियां बनाई हैं. इन बाढ़ नियंत्रण चौकियों पर 24 घंटे कर्मचारियों की ड्यूटी रहेगी. आपदा राहत कार्यों के लिए सरकारी राशन दुकानों में खाद्यान्न, केरोसिन और खाने के पैकेट रखने को कहा गया है. वहीं, तहसील खटीमा में बाढ़ नियंत्रण कक्ष का निर्माण किया गया है.
बता दें कि उधम सिंह नगर जिले की खटीमा तहसील बाढ़ की दृष्टि से अति संवेदनशील क्षेत्र है. आने वाले मॉनसून सीजन को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने खटीमा तहसील में पांच बाढ़ राहत चौकियों को तैयार किया है. इन बाढ़ राहत चौकियों पर 24 घंटे कर्मचारियों की ड्यूटी रहेगी. ये बाढ़ चौकियां 15 जून से अस्तित्व में आ गई हैं. खटीमा तहसील क्षेत्र के प्राथमिक पाठशाला सिसैया, प्राथमिक विद्यालय मझोला, सुनपहर, गांगी, जंगल जोगीठेर में बाढ़ चौकियों के साथ खटीमा तहसील में बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया गया है.
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प्रत्येक बाढ़ चौकी में टीम प्रभारी समेत नौ कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है. जिसमें राजस्व विभाग, ग्राम विकास विभाग, वन विभाग,पशुधन प्रसार अधिकारी, आंगनबाड़ी, पुलिस, मंडी, नागरिक अस्पताल के साथ ही बाल विकास परियोजना के अधिकारी तैनात होंगे. जहां-जहां बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं, वहां पर नानक सागर बांध के ओवरफ्लो होने से प्रवीण नदी का जल बढ़ जाता है. साथ ही देवहा नदी, कामन नदी व जगबूढ़ा नदी हर साल बरसात के समय काफी नुकसान पहुंचाती है.
वहीं, खटीमा एसडीएम रविंद्र बिष्ट (Khatima SDM Ravindra Bisht) ने इन बाढ़ राहत चौकियों में कार्यरत कर्मचारियों को आपदा की तत्काल सूचना देने के निर्देश दिए हैं. साथ ही खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में खाद्यान्न, केरोसीन और खाने के पैकेट रखने के भी आदेश दिए हैं. जिससे किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके और आपदाग्रस्त जगहों पर राहत सामग्री पहुंचाई जा सके.