काशीपुर: गन्ना किसानों के भुगतान की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत काशीपुर में धरने पर बैठ गए. इस दौरान त्रिवेंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड के किसान त्रिवेंद्र सरकार की किसान विरोधी नीति से त्रस्त हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गन्ना किसानों का भुगतान जल्द करे और कर्जे माफ की प्रक्रिया शुरू करे. ताकि आपदाओं से बेहाल किसानों को राहत मिल सके.
इसके साथ ही हरीश रावत ने गन्ना एवं अन्य फसलों के दाम बढ़ाने की मांग भी सरकार से की है. उन्होंने कहा कि गन्ने का 200 करोड़ रुपया उधमसिंह नगर जिले की चीनी मिलों पर बकाया है. इसके साथ ही किच्छा और बाजपुर की चीनी मिलों का मॉर्डनाइजेशन नहीं किया गया तो अगले वर्ष तराई के किसानों के सामने गन्ने का संकट पैदा हो जाएगा.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने बाजपुर चीनी मिल के लिए पैसा जारी किया था, जो बंदरबांट में खत्म हो गया है. हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने समय किसान और मिल मालिक के हितों के लिए अच्छा काम किया था. हरीश रावत ने बेरोजगारी के मुद्दे पर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना बीरबल की खिचड़ी की तरह है. न जाने किस पेड़ पर लटकी हुई है.
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अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के कार्यक्रम में हरीश रावत
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बाजपुर में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा की नवनियुक्त राष्ट्रीय प्रबन्ध कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और आगामी विधानसभा चुनाव को मंत्र दिया.
इस मौके पर हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश को बचाने का काम किया है. लेकिन वर्तमान में प्रदेश की भाजपा सरकार लोगों से उनकी जमीनों को हड़पने का प्रयास कर रही है. जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बाजपुर के जमीन प्रकरण को लेकर कांग्रेस किसानों के साथ है और उनके हक को किसी को छीनने का अधिकार नहीं है. हरीश रावत ने यह भी बताया कि बाजपुर के भूमि प्रकरण मामले को लेकर कांग्रेस सदन में भी उठाएगी.