काशीपुर: कोरोना काल पर लॉकडाउन में कोई भी बच्चा पढ़ाई से दूर न रहे, इसके लिए शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन के बाद अब ऑफलाइन शिक्षा की पहल की है. उप शिक्षा अधिकारी गीता जोशी के नेतृत्व में अजीज प्रेम जी फाउंडेशन के सहयोग से शुरू की गई यह शिक्षा पूरे प्रदेश के शिक्षा विभाग के लिए मिसाल बन गई है.
बता दें कि उप शिक्षा अधिकारी कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग ने क्वारंटाइन कर दिया है. शिक्षा अधिकारी रितिका जोशी ने बताया कि कोरोना के चलते सभी स्कूल पिछले 3 माह से बंद है. सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के लिए विभिन्न जिलों में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की गई, लेकिन इसका लाभ विभिन्न कारणों के चलते बच्चों तक मात्र 14% ही पहुंच पाया.
ऑफलाइन शिक्षा कारगर सबित
उप शिक्षाधिकारी ने बताया कि काशीपुर में उनके द्वारा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से ऑफलाइन शिक्षा शुरू की गई. इस दौरान बच्चों को वर्कशीट प्रोग्राम के तहत काशीपुर के 450 शिक्षकों ने अपना सहयोग दिया और बच्चों तक पहुंचकर उन्हें वर्कशीट के माध्यम से कोविड-19 से बचाव के उपाय भी बताए. इस दौरान शिक्षक विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर बच्चों की स्क्रीनिंग के बाद उनसे वक्त पर काम कराया. इस शिक्षा में विद्यालयों के प्रारंभिक कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को स्कूली पाठ्यक्रम के आधार पर तैयार वर्कशीट दी गई, जिसमें पढ़ाई की सामग्री के साथ ही प्रश्नावली को भी शामिल किया गया. वर्कशीट देते समय शिक्षकों ने विद्यार्थियों को टिप्स भी दिए.
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ऑनलाइन शिक्षा नहीं हो पाई सफल
दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों की बात तो दूर शहरी क्षेत्रों में विभिन्न कारणों के चलते बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से दूर रहे. इसमें इंटरनेट कनेक्टिविटी, बच्चों के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति लॉक डाउन के चलते बिगड़ जाना आदि रही. कुछ परिवारों में एक मोबाइल तथा छात्र-छात्राएं अधिक होने के कारण ऑनलाइन शिक्षा सफल नहीं रही.
बीते दिनों जिलाधिकारी ने काशीपुर में शुरू हुई पायलट प्रोजेक्ट की तारीफ भी की गई और जिले के सभी शिक्षकों को जोड़कर हर बच्चे को पढ़ाने का लक्ष्य रखा गया. इस योजना की तारीफ शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम भी कर चुके हैं. ऐसे में हो सकता है कि आने वाले समय में यह प्रोजेक्ट प्रदेश के विभिन्न जिलों में लागू कर दिया जाए.