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CM त्रिवेंद्र के एनआरसी पर दिए बयान को लेकर बंगाली समाज में आक्रोश, आंदोलन की दी चेतावनी

प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा दिये गए एनआरसी के बयान के बाद बंगाली समुदाय में खासा आक्रोश है, जिसको लेकर गदरपुर के पूर्व विधायक ने बंगाली समाज के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर एनआरसी का विरोध किया.

CM त्रिवेंद्र के एनआरसी पर दिए बयान को लेकर बंगाली समाज में आक्रोश
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Published : Sep 21, 2019, 9:51 PM IST

गदरपुर: एनआरसी पर मुख्यमंत्री के बयान के बाद बंगाली समुदाय में खासा आक्रोश है. जिसके चलते गदरपुर क्षेत्र के पूर्व विधायक ने अपने आवास पर बंगाली समाज के सभी जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आहूत की.

CM त्रिवेंद्र के एनआरसी पर दिए बयान को लेकर बंगाली समाज में आक्रोश

बता दें कि बीते दिनों सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि, देवभूमि में भी असम की तर्ज पर एनआरसी लागू करने की आवश्यकता है, ताकि भारत में अवैध रूप से रहने वाले नागरिकों को बाहर किया जा सके. ऐसे में सीएम के इस बयान को लेकर बंगाली समुदाय में आक्रोश है. शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन के नेतृत्व में सैकड़ों बांग्ला भाषी और पंजाबी समाज के लोगों ने एक बैठक की, जिसमें एनआरसी का विरोध किया गया. इस मौके पर पूर्व विधायक महाजन ने कहा कि, एनआरसी के मुद्दे पर एक ही समुदाय के लोगों को टारगेट किया जा रहा है.

वहीं, इस मामले में प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति अध्यक्ष तारक बाछाड़ का कहना है कि, अगर प्रदेश में बंगालियों का उत्पीड़न होता है तो इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम हिन्दू हैं और हिंदुस्तान में रहते हैं, बंगाली समाज कोई घुसपैठिया नहीं है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बंगाली समाज को जबरदस्ती एनआरसी के दायरे में लाने की कोशिश की गई, तो उसके विरोध में उग्र आंदोलन किया जायेगा.

गदरपुर: एनआरसी पर मुख्यमंत्री के बयान के बाद बंगाली समुदाय में खासा आक्रोश है. जिसके चलते गदरपुर क्षेत्र के पूर्व विधायक ने अपने आवास पर बंगाली समाज के सभी जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आहूत की.

CM त्रिवेंद्र के एनआरसी पर दिए बयान को लेकर बंगाली समाज में आक्रोश

बता दें कि बीते दिनों सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि, देवभूमि में भी असम की तर्ज पर एनआरसी लागू करने की आवश्यकता है, ताकि भारत में अवैध रूप से रहने वाले नागरिकों को बाहर किया जा सके. ऐसे में सीएम के इस बयान को लेकर बंगाली समुदाय में आक्रोश है. शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन के नेतृत्व में सैकड़ों बांग्ला भाषी और पंजाबी समाज के लोगों ने एक बैठक की, जिसमें एनआरसी का विरोध किया गया. इस मौके पर पूर्व विधायक महाजन ने कहा कि, एनआरसी के मुद्दे पर एक ही समुदाय के लोगों को टारगेट किया जा रहा है.

वहीं, इस मामले में प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति अध्यक्ष तारक बाछाड़ का कहना है कि, अगर प्रदेश में बंगालियों का उत्पीड़न होता है तो इसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम हिन्दू हैं और हिंदुस्तान में रहते हैं, बंगाली समाज कोई घुसपैठिया नहीं है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बंगाली समाज को जबरदस्ती एनआरसी के दायरे में लाने की कोशिश की गई, तो उसके विरोध में उग्र आंदोलन किया जायेगा.

Intro:उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा दिये गए एनआरसी के बयान से बंगाली समुदाय में आक्रोश है जिसके चलते गदरपुर क्षेत्र में एक बैठक कर एनआरसी का विरोध कियाBody:उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा दिये गए एनआरसी के बयान पर पूरे कुमाऊँ के बंगालियों में आक्रोश है जगह जगह विरोध के सुर उठने लगे हैं जिसके चलते के पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन ने अपने आवास पर बंगाली समाज के तमाम जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर एनआरसी का विरोध किया ।
तो वही चुनाव के उपरांत एक बड़ा सभा करने पर भी विचार हुआ
आपको बता दु की उधम सिंह नगर जिले में लगभग 400000 बंगाली है

विओ - आपको बताते चले कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा दिए गए एनआरसी के बयान पर बंगाली समाज के लोगों में आक्रोश है जिसके चलते हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन के नेतृत्व में सैकड़ो बांग्ला भाषी तथा पंजाबी समाज के लोगों ने बैठक बैठक कर कर एनआरसी लागु करने का जमकर विरोध किया
इस दौरान पूर्व विधायक प्रेमानंद महाजन ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि एनआरसी के मुद्दे में एक ही समुदाय को टारगेट किया जा रहा है
प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में एनआरसी लागू करने का बयान जारी किया है
उन्होंने कहा विभाजन के समय बांग्लादेश से आये तमाम शरणार्थियों को तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ , उड़ीसा ,असम सहित तमाम राज्यों में बंगालियों को बसाया था और ये सभी यहां पर बसने वाले लोग हिन्दू हैं 1951 में बसाया गया और आज एनआरसी के माध्यम से वह लोग अपने आप को भारतीय होना कैसे साबित करेंगे कई पीढ़ी गुजर चुकी हैं लिहाजा दस्तावेज होना नामुमकिन है
एनआरसी लागू होने के बाद बंगालियों का उत्पीड़न होना तय है
इसी बंगाली समाज के लोगो ने ही वोट देके त्रिवेंद्र सरकार बनाने में मदद की है उसी का इनाम बो बंगाली समाज को दे रहे है
साथ ही कहा कि त्रिवेंद्र सरकार एनआरसी की जांच से हमें जेल भेजना चाहते हैं तो हम अभी से जेल जाने के लिए तैयार है
वही प्रादेशिक बंगाली कल्याण समिति अध्यक्ष तारक बाछाड़ का कहना था कि यदि प्रदेश में बंगालियों का उत्पीड़न होता है तो बर्दाश्त नही किया जाएगा
हम हिन्दू हैं और हिंदुस्तान में रहते हैं यदि कल को उन्हें यह कहा जाए कि आप बांग्लादेशी हो तो यह ठीक नही होगा और कहा कि यहा कोई बंगाली घुसपैठिया नही है और एनआरसी के दायरे में कोई बंगाली नही आता अगर जबर्दस्ती बंगाली समाज को एनआरसी के दायरे में लाने की कोशिश करेगा तो उसके विरोध में आंदोलन होगा कुछ भी हो सकता है और कुछ भी कर सकते है
Conclusion:वाइट - तारक बाछाड़ अध्यक्ष बंगाली कल्याण समिति
वाइट - प्रेमानंद माहाजन पूर्व विधायक
वाइट - किशोर हालदार
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