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हाईकोर्ट की सख्ती का असर, खटीमा में रात में शुरू हुई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई - खटीमा न्यूज

नैनीताल हाईकोर्ट ने खटीमा में अतिक्रमण हटाने के उसके ढाई साल पुराने आदेश का अभी तक पालन नहीं करने पर नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश जारी करते हुए खटीमा नगर पालिका के ईओ से अतिक्रमण नहीं हटाने पर जवाब मांगा है.

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Published : Nov 20, 2020, 10:14 AM IST

Updated : Nov 20, 2020, 10:46 AM IST

खटीमा: नैनीताल हाईकोर्ट ने खटीमा में अतिक्रमण हटाने के उसके ढाई साल पुराने आदेश का अभी तक पालन नहीं करने पर नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश जारी करते हुए खटीमा नगर पालिका के ईओ से अतिक्रमण नहीं हटाने पर जवाब मांगा है. साथ ही आदेश का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है.

हाईकोर्ट की सख्ती का असर.

हाइकोर्ट के खटीमा नगरीय अतिक्रमण पर सख्त रुख अपनाने के बाद प्रशासन ने रात में ही खटीमा नगर से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है. खटीमा नगरीय अतिक्रमण की रिपोर्ट जहां 21 नवंबर को कोर्ट में पेश होनी है वहीं, प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के मामले में हाइकोर्ट के सख्त रुख के बाद कार्रवाई रात में ही शुरू कर दी.

गौरतलब है कि, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि कुमार मलिमथ और न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ में खटीमा निवासी कवींद्र कफलिया की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने जून 2018 में खटीमा में चिन्हित 460 अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे. इस आदेश का पालन नहीं होने पर जून 2020 में याचिकाकर्ता ने पुनः हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया. जिसकी सुनवाई के दौरान नगर पालिका खटीमा ने 18 जून को कोर्ट में शपथपत्र देकर कहा कि एक माह के भीतर चिन्हित अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे.

पढ़ें: रेल लाइन की सुरंग से गांव में पड़ रही दरारें, DM ने किया निरीक्षण

इस मामले की सुनवाई में कोर्ट के आदेशों का पालन न होने पर कड़ा रुख अपनाते हुए खंडपीठ ने सरकार से जबाव देने को कहा है. जिसके बाद नगर पालिका और तहसील प्रशासन ने रात में ही खटीमा नगर के अतिक्रमण को जेसीबी और पोकलैंड से जमींदोज करना शुरू कर दिया है. वहीं, रात में अतिक्रमण हटाने की प्रशासन की इस कार्रवाई का कुछ अतिक्रमणकारियों द्वारा विरोध भी किया गया.

खटीमा: नैनीताल हाईकोर्ट ने खटीमा में अतिक्रमण हटाने के उसके ढाई साल पुराने आदेश का अभी तक पालन नहीं करने पर नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश जारी करते हुए खटीमा नगर पालिका के ईओ से अतिक्रमण नहीं हटाने पर जवाब मांगा है. साथ ही आदेश का पालन न करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है.

हाईकोर्ट की सख्ती का असर.

हाइकोर्ट के खटीमा नगरीय अतिक्रमण पर सख्त रुख अपनाने के बाद प्रशासन ने रात में ही खटीमा नगर से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है. खटीमा नगरीय अतिक्रमण की रिपोर्ट जहां 21 नवंबर को कोर्ट में पेश होनी है वहीं, प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के मामले में हाइकोर्ट के सख्त रुख के बाद कार्रवाई रात में ही शुरू कर दी.

गौरतलब है कि, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि कुमार मलिमथ और न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ में खटीमा निवासी कवींद्र कफलिया की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने जून 2018 में खटीमा में चिन्हित 460 अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे. इस आदेश का पालन नहीं होने पर जून 2020 में याचिकाकर्ता ने पुनः हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया. जिसकी सुनवाई के दौरान नगर पालिका खटीमा ने 18 जून को कोर्ट में शपथपत्र देकर कहा कि एक माह के भीतर चिन्हित अतिक्रमण हटा दिए जाएंगे.

पढ़ें: रेल लाइन की सुरंग से गांव में पड़ रही दरारें, DM ने किया निरीक्षण

इस मामले की सुनवाई में कोर्ट के आदेशों का पालन न होने पर कड़ा रुख अपनाते हुए खंडपीठ ने सरकार से जबाव देने को कहा है. जिसके बाद नगर पालिका और तहसील प्रशासन ने रात में ही खटीमा नगर के अतिक्रमण को जेसीबी और पोकलैंड से जमींदोज करना शुरू कर दिया है. वहीं, रात में अतिक्रमण हटाने की प्रशासन की इस कार्रवाई का कुछ अतिक्रमणकारियों द्वारा विरोध भी किया गया.

Last Updated : Nov 20, 2020, 10:46 AM IST
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