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सरकारी जमीन को अपनी बताकर व्यवसायियों ने ले लिया लाखों का मुआवजा, जांच में पता चली सच्चाई - पट्टे की जमीन

राजमार्ग बनते वक्त दो व्यवसायियों ने चालाकी दिखाते हुए पट्टे की जमीन पर सरकार से मोटा मुआवजा ले लिया था. मामले की जांच रूद्रपुर तहसील से कराई गई थी. जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ.

नोटिस पाने के बाद व्यवसायियों ने धोखे से लि गई मुआवजे की रकम लौटाई.
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Published : Aug 21, 2019, 7:45 PM IST

उधम सिंह नगर: जिले के दानपुर क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण में फर्जी तरीके से मुआवजा लेने का मामला सामने आया है. जहां दो व्यवसायियों ने चालाकी से राष्ट्रीय राजमार्ग-74 के अधिग्रहण में मुआवजा ले लिया. बाद में मामले की जांच में सारी सच्चाई सामने आ गई, जिसके बाद दोनों ने मुआवजे की रकम वापस कर दी.

वर्ष 2011-12 में हल्द्वानी के दोनो व्यवसायियों द्वारा लगभग 10 बीघा जमीन दानपुर में खरीदी गई थी, जिसे वर्ग 1 क श्रेणी में दर्ज किया गया था, उक्त जमीन का कुछ हिस्सा एनएच 74 में आ रहा था. जिसके मुआवजे के रूप में दोनों व्यवसायियों को 8 लाख 12 हजार 790 रुपये का भुगतान कर दिया था.

नोटिस पाने के बाद व्यवसायियों ने धोखे से लि गई मुआवजे की रकम लौटाई.

यह भी पढ़ें-जीरो टॉलरेंसः यहां ईमानदारी के बदले मिलती है सजा, 9 महीने से नहीं दिया जा रहा वेतन

मामले की जांच रूद्रपुर तहसील से कराई गई थी. जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ. उक्त भूमि जांच के दौरान पट्टे की पाई गई. मामले में दोनों व्यवसायियों को मुआवजे की रकम लौटने के लिए नोटिस जारी किया गया था. नोटिस पाने के बाद सरकारी जमीन पर मुआवजा लेने वाले दोनों व्यवसायियों ने मुआवजे की धनराशि एसएलओ दफ्तर को चेक के माध्यम से लौटा दी है .

वहीं, एसएलओ नरेश चन्द्र दुर्गापाल ने बताया कि मामले में पूर्व में शिकायत मिली थी कि उक्त भूमि सरकारी है. जांच करने पर तथ्य सामने आए थे. मामले में दोनों लोगों को नोटिस जारी किया गया था. दोनों ने 8 लाख से अधिक की रकम लौटा दी है.

उधम सिंह नगर: जिले के दानपुर क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण में फर्जी तरीके से मुआवजा लेने का मामला सामने आया है. जहां दो व्यवसायियों ने चालाकी से राष्ट्रीय राजमार्ग-74 के अधिग्रहण में मुआवजा ले लिया. बाद में मामले की जांच में सारी सच्चाई सामने आ गई, जिसके बाद दोनों ने मुआवजे की रकम वापस कर दी.

वर्ष 2011-12 में हल्द्वानी के दोनो व्यवसायियों द्वारा लगभग 10 बीघा जमीन दानपुर में खरीदी गई थी, जिसे वर्ग 1 क श्रेणी में दर्ज किया गया था, उक्त जमीन का कुछ हिस्सा एनएच 74 में आ रहा था. जिसके मुआवजे के रूप में दोनों व्यवसायियों को 8 लाख 12 हजार 790 रुपये का भुगतान कर दिया था.

नोटिस पाने के बाद व्यवसायियों ने धोखे से लि गई मुआवजे की रकम लौटाई.

यह भी पढ़ें-जीरो टॉलरेंसः यहां ईमानदारी के बदले मिलती है सजा, 9 महीने से नहीं दिया जा रहा वेतन

मामले की जांच रूद्रपुर तहसील से कराई गई थी. जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ. उक्त भूमि जांच के दौरान पट्टे की पाई गई. मामले में दोनों व्यवसायियों को मुआवजे की रकम लौटने के लिए नोटिस जारी किया गया था. नोटिस पाने के बाद सरकारी जमीन पर मुआवजा लेने वाले दोनों व्यवसायियों ने मुआवजे की धनराशि एसएलओ दफ्तर को चेक के माध्यम से लौटा दी है .

वहीं, एसएलओ नरेश चन्द्र दुर्गापाल ने बताया कि मामले में पूर्व में शिकायत मिली थी कि उक्त भूमि सरकारी है. जांच करने पर तथ्य सामने आए थे. मामले में दोनों लोगों को नोटिस जारी किया गया था. दोनों ने 8 लाख से अधिक की रकम लौटा दी है.

Intro:summry - पट्टे की जमीन पर लिए गए मुआवजे में दोनो व्यवसायियों द्वारा उक्त रकम को लौटा दिया गया है मामला राष्ट्रीय राजमार्ग 74 के दानपुर क्षेत्र का है।


एंकर - सरकारी जमीन पर मुआवजा लेने के मामले में हल्द्वानी के दो व्यवसायियों द्वारा मुआवजे की धनराशि एस एल ओ दफ्तर को चेक के माध्यम से लौटा दी है दरअसल एनएच 74 में अधिकृत की गई दानपुर कि उक्त भूमि जांच के दौरान पट्टे की पाई गई थी। जिसके बाद दोनों व्यवसायको को मुआवजे की रकम लौटने के लिए नोटिस जारी किया गया था।


Body:वीओ - उधम सिंह नगर जिले के दानपुर में पट्टे की जमीन में दो व्यवसायको द्वारा लिए गए मुआवजे की भारी भरकम रकम लगभग 8 लाख रुपये की धन राशि एसएलओ दफ्तर में चैक के माध्यम से लौटा दी है। दरशल राष्ट्रीय राजमार्ग 74 के निर्माण में उक्त भूमि को अधिकरण किया गया था। जिसमे दोनो व्यवसायिक द्वारा उक्त पट्टे की जमीन को वर्ग एक क में दिखा कर सरकार से मोटा मुआवजा लिया गया था। मामले की जांच रूद्रपुर तहसील से कराई गई थी जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ था। मामले में दोनो व्यवसायको को मुआवजे की रकम लौटने के लिए नोटिस भी जारी किया गया था। गौरतलब है कि वर्ष 2011- 12 में हल्द्वानी के दोनो व्यवसायको द्वारा लगभग 10 बीघा जमीन दानपुर में खरीदी गई थी जिसे वर्ग 1 क श्रेणी में दर्ज की गई थी। उक्त जमीन का कुछ हिस्सा एनएच 74 में आ रहा था। जिसका मुआवजा दोनो व्यवसायको को 8 लाख 12 हजार 790 रुपये का भुगतान कर दिया था।
वही एस एल ओ नरेश चन्द्र दुर्गापाल ने बताया कि मामले में पूर्व में शिकायत मिली थी कि उक्त भूमि सरकारी है। जिसकी जाच करने पर तथ्य सामने आए थे। मामले में दोनो लोगो को नोटिस जारी किया गया था दोनो के द्वारा 8 लाख से अधिक की रकम लौटा दी है।

बाइट - नरेश दुर्गापाल, एसएलओ।


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