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काशीपुर: तीन पीढ़ियों से कर रहे हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम, रामलीला में बना रहे पुतले - Kashipur Ravan and effigies of Kumbhakaran

काशीपुर की रामलीला में हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिलती है. जहां पिछले सौ सालों से रावण और कुम्भकरण के पुतले बनाने वाले मोहम्मद महबूब का परिवार हिन्दू- मुस्लिम एकता को बढ़ावा दे रहा है.

रामलीला में पुतलों को रूप देते महबूब.
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Published : Oct 1, 2019, 3:15 PM IST

काशीपुर: पूरे देश के साथ ही काशीपुर में भी नवरात्रि में रामलीला का मंचन किया जा रहा है. वहीं काशीपुर की रामलीला में हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिलती है. जहां पिछले सौ सालों से रावण और कुम्भकरण के पुतले बनाने वाले मोहम्मद महबूब का परिवार हिन्दू- मुस्लिम एकता को न सिर्फ बढ़ावा दे रहे है. बल्कि तीन पीढ़ियों से उनका परिवार इस कार्य को करता आ रहा है. साथ ही उनके बनाए पुतले लोगों के आकर्षण का केन्द्र होते हैं.

तीन पीढ़ियों से कर रहे हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम.

उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के रहने वाले महबूब अपने परिवार सहित यहां हर साल आते हैं. वे रामलीला में रावण और कुम्भकरण के पुतलों को बनाते हैं. उनका परिवार इस कार्य को तीन पीढ़ियों से करता आ रहा है. काशीपुर की रामलीला में कई वर्षों से सेवा कर रहे मोहल्ला जाकिर कॉलोनी में रहने वाले मोहम्मद महबूब के साथ दस सदस्यीय टीम पूरी मेहनत और लगन से पुतलों को बना रहे हैं. महबूब बताते हैं कि उनके दादा और उनके पिता मो० रियाजुद्दीन के बाद वे इस कार्य को कर रहे हैं.

पढ़ें-नवरात्र विशेष: यहां अश्रुधार से बनी थी झील, शिव-सती के वियोग का साक्षी है ये मंदिर

महबूब ने आगे बताते हैं कि वे उत्तराखंड, काशीपुर, दिल्ली की रामलीला में भी रावण और कुम्भकरण के पुतले तैयार करते हैं . इस बार रामलीला में रावण का 55 फीट तथा कुम्भकरण का 50 फीट ऊंचा पुतला तैयार किया गया है. रावण और कुम्भकरण के पुतले तैयार करने में महबूब और उनकी टीम को डेढ़ महीने का समय लगा. उनकी टीम दशहरे के त्योहार से डेढ़ महीने पूर्व से इस कार्य में लगी हुई थी. वहीं महबूब हिन्दू- मुस्लिम एकता की मिसाल भी कायम कर रहे हैं.

काशीपुर: पूरे देश के साथ ही काशीपुर में भी नवरात्रि में रामलीला का मंचन किया जा रहा है. वहीं काशीपुर की रामलीला में हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल देखने को मिलती है. जहां पिछले सौ सालों से रावण और कुम्भकरण के पुतले बनाने वाले मोहम्मद महबूब का परिवार हिन्दू- मुस्लिम एकता को न सिर्फ बढ़ावा दे रहे है. बल्कि तीन पीढ़ियों से उनका परिवार इस कार्य को करता आ रहा है. साथ ही उनके बनाए पुतले लोगों के आकर्षण का केन्द्र होते हैं.

तीन पीढ़ियों से कर रहे हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल कायम.

उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के रहने वाले महबूब अपने परिवार सहित यहां हर साल आते हैं. वे रामलीला में रावण और कुम्भकरण के पुतलों को बनाते हैं. उनका परिवार इस कार्य को तीन पीढ़ियों से करता आ रहा है. काशीपुर की रामलीला में कई वर्षों से सेवा कर रहे मोहल्ला जाकिर कॉलोनी में रहने वाले मोहम्मद महबूब के साथ दस सदस्यीय टीम पूरी मेहनत और लगन से पुतलों को बना रहे हैं. महबूब बताते हैं कि उनके दादा और उनके पिता मो० रियाजुद्दीन के बाद वे इस कार्य को कर रहे हैं.

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महबूब ने आगे बताते हैं कि वे उत्तराखंड, काशीपुर, दिल्ली की रामलीला में भी रावण और कुम्भकरण के पुतले तैयार करते हैं . इस बार रामलीला में रावण का 55 फीट तथा कुम्भकरण का 50 फीट ऊंचा पुतला तैयार किया गया है. रावण और कुम्भकरण के पुतले तैयार करने में महबूब और उनकी टीम को डेढ़ महीने का समय लगा. उनकी टीम दशहरे के त्योहार से डेढ़ महीने पूर्व से इस कार्य में लगी हुई थी. वहीं महबूब हिन्दू- मुस्लिम एकता की मिसाल भी कायम कर रहे हैं.

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Summary- दशहरे का पर्व वैसे तो हिंदू धर्म में मनाया जाता है लेकिन काशीपुर में दशहरे के पर्व पर चार चांद उस वक्त लग जाते हैं, जब रावण और कुंभकर्ण के पुतले बनाने वाले मेरठ के महबूब भाई और उनका परिवार हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करते हुए इन पुतलों को बनाते हैं।

एंकर- काशीपुर में पिछले सौ सालों से भी अधिक रावण और कुम्भकरण के पुतले बनाने वाले मो० महबूब हिन्दू मुस्लिम एकता के भाईचारे को न सिर्फ बढ़ावा दे रहे हैं बल्कि रामलीला में तीसरी पीढ़ी के रूप में सेवा दे रहे हैं ! उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के रहने वाले मेहबूब अपने परिवार सहित यहाँ हर साल आते हैं ! इस मौके पर महबूब और कमेटी के पदाधिकारी मनोज अग्रवाल से खास बात के ईटीवी भारत संवाददाता भागीरथ शर्मा ने।

Body:वीओ- काशीपुर के मोहल्ला घासमंडी में रावण और कुम्भकर्ण के पुतले बनाते यह हैं मेरठ के मोहम्मद महबूब ! मोहम्मद समद की चौथी पीढ़ी के रूप में काशीपुर की रामलीला में कई वर्षों से सेवा कर रहे मोहल्ला ज़ाकिर कॉलोनी में रहने वाले मोहम्मद महबूब के साथ उनकी दस सदस्यीय टीम पूरी मेहनत और लगन से काम करते हुए इन पुतलों को तैयार करती है ! महबूब के मुताबिक़ उनसे पूर्व उनके दादा और उनके बाद महबूब के पिता मो० रियाजुद्दीन और अब वह इस काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं ! मेहबूब इसके अलावा यूपी और उत्तराखंड के काशीपुर के अलावा दिल्ली की रामलीला में भी रावण और कुम्भकरण के पुतले तैयार करते हैं !

वीओ- इस बार रामलीला में रावण का 55 फ़ीट तथा कुम्भकर्ण का 50 फ़ीट ऊंचा पुतला तैयार किया गया है ! मेरठ का यह मुस्लिम परिवार लगभग सौ वर्षों से अधिक समय से हिन्दू मुस्लिम कौमी एकता के प्रतीक के रूप में सन्देश देता सेवा कर रहा है ! रावण और कुम्भकर्ण के पुतले तैयार करने में महबूब और उनकी टीम को डेढ़ महीने का समय लगता है और दशहरे के त्यौहार से डेढ़ महीने पूर्व वह यहाँ आते हैं !
वीओ- साम्प्रदायिक भाईचारे की मिसाल कायम करते इस परिवार की मिसाल यहां के स्थानीय निवासी भी हतप्रभ हैं। वहीं रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों के मुताबिक यह मुस्लिम परिवार राम भवन में रहकर अपनी कलाकारी को अंजाम देते हैं और इस दौरान वह अपने त्यौहार भी यहीं मनाते हैं।

बाइट- महबूब,मुस्लिम कलाकार
बाइट- मनोज अग्रवाल,उप-सचिव रामलीला कमेटीConclusion:
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