काशीपुर: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर में 300 लोगों द्वारा हिंदू धर्म त्यागकर बौद्ध धर्म ( 300 people left Hinduism and converted to Buddhism) की दीक्षा लेने का मामला सामने आया है. काशीपुर में रामनगर रोड स्थित प्रतापपुर क्षेत्र के एक पार्क में धम्म देशना और धम्म दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में 300 से अधिक हिन्दुओं ने गौतम बुद्ध की 22 प्रतिज्ञा लेकर बौद्ध धर्म अपनाया. इस दौरान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री दद्दू प्रसाद ने शिरकत की. इस दौरान धर्म ग्रहण करने वाले लोगों ने भगवान गौतम बुद्ध के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया.
काशीपुर के ग्राम भोगपुर, प्रतापपुर स्थित डॉ अंबेडकर पार्क जन कल्याण सेवा समिति के अध्यक्ष और कार्यक्रम के आयोजक चंद्रहास गौतम की अगुवाई में इस दीक्षा समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में वक्ताओं ने अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्ग के अधिक से अधिक लोगों को बौद्ध धर्म से जोड़ने की बात कही. जिसके बाद बहुजन समाज के करीब 300 उपासकों एवं उपासिकाओं ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली.
उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री दद्दू प्रसाद ने लोगों को बौद्ध धर्म स्वीकार करवाया. इस दौरान कार्यक्रम के आयोजक और प्रबंधक चन्द्रहास गौतम ने कहा कार्यक्रम में एक हजार के आसपास जो लोग आये थे, जिनमें से 500 लोगों ने धम्म की दीक्षा ग्रहण की. सभी लोगों ने अपनी स्वेच्छा से दीक्षा ग्रहण की है. जिसकी जानकारी उनके द्वारा जिलाधिकारी को शपथ पत्र के माध्यम से दी जा चुकी है. कार्यक्रम के बारे में स्थानीय प्रशासन से अनुमति ली गयी थी.
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उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा भारत ना तो कभी हिंदू राष्ट्र था और ना ही कभी हिंदू राष्ट्र बनेगा, क्योंकि एससी, एसटी और ओबीसी के लोग कभी हिंदू नहीं थे. कोई भी उनको हिंदू साबित नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कोई भी अगर एससी एसटी और ओबीसी के लोगों को हिंदू साबित कर देता हम उसको एक करोड़ का इनाम देंगे. इन जाति के लोगों का किसी तरह का कोई पाणिग्रहण संस्कार नहीं होता, इसलिए इनको हिंदू साबित नहीं किया जा सकता. यह पुराने बुद्धिस्ट हैं.
उन्होंने कहा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने 14 अक्टूबर 1956 को धर्म की शिक्षा ली थी. कार्यक्रम में दिल्ली, बरेली, मुरादाबाद, रामपुर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, नैनीताल और बागेश्वर आदि विभिन्न जनपदों से लोग कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे. जिन्होंने धर्म के शिक्षा ग्रहण की.