ETV Bharat / state

फर्जी जज बनकर महिला ने उठाई मौज, कोर्ट ने दी दो साल की कैद - फर्जी जज बनकर उठाई मौज

मुंबई की एक महिला खुद को जज बताकर सरकारी आवास में ठहरी. लालबत्ती का इस्तेमाल किया. जब मामला खुला तो आरोपी महिला को गिरफ्तार किया गया. कोर्ट ने महिला को 2 साल कैद की सजा सुनाई है.

फर्जी जज बनकर महिला ने उठाई मौज
author img

By

Published : Nov 23, 2019, 10:08 AM IST

टिहरी: खुद को जज बताकर सरकारी गेस्ट हाऊस में ठहरने और बिना इजाजत टैक्सी वाहन पर लालबत्ती लगाने के आरोप में महिला को मुख्य न्यायिक कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है. साथ ही 25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.


मामला 19 जनवरी 2016 का है. जब वन दरोगा दिगंबर सिंह चौहान ने थाना कैंप्टी पुलिस में महिला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि 19 जनवरी की शाम वन विभाग के धनोल्टी अतिथि गृह में नई दिल्ली निवासी संजीव कुमार भटनागर के साथ मुंबई निवासी डॉ. पूजा ठक्कर पहुंची. पूजा ने खुद को जज बताकर कमरा खोलने को कहा. बताया जा रहा है कि अगले दिन 20 जनवरी को जब वन रेंजर नीलम बड़थ्वाल ने उनसे आईडी मांगी तो वह धमकाने लगी. आईडी देने से मना करने पर रेंजर को शक हुआ.

पढ़ेंः रुड़की: महिला को दहेज के लालच में घर से निकाला, गर्भपात होने के बाद दिया तीन तलाक

इसके बाद वन रेंजर की सूचना पर कैंप्टी थाना पुलिस मौके पर पहुंची. जिसके बाद आरोपी महिला को गिरफ्तार किया गया. सीजेएम राहुल कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपी डॉ. पूजा ठक्कर को दोषी पाते हुए दो साल के कठोर कारावास और 25 हजार जुर्माने की सजा सुनाई.

टिहरी: खुद को जज बताकर सरकारी गेस्ट हाऊस में ठहरने और बिना इजाजत टैक्सी वाहन पर लालबत्ती लगाने के आरोप में महिला को मुख्य न्यायिक कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है. साथ ही 25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.


मामला 19 जनवरी 2016 का है. जब वन दरोगा दिगंबर सिंह चौहान ने थाना कैंप्टी पुलिस में महिला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि 19 जनवरी की शाम वन विभाग के धनोल्टी अतिथि गृह में नई दिल्ली निवासी संजीव कुमार भटनागर के साथ मुंबई निवासी डॉ. पूजा ठक्कर पहुंची. पूजा ने खुद को जज बताकर कमरा खोलने को कहा. बताया जा रहा है कि अगले दिन 20 जनवरी को जब वन रेंजर नीलम बड़थ्वाल ने उनसे आईडी मांगी तो वह धमकाने लगी. आईडी देने से मना करने पर रेंजर को शक हुआ.

पढ़ेंः रुड़की: महिला को दहेज के लालच में घर से निकाला, गर्भपात होने के बाद दिया तीन तलाक

इसके बाद वन रेंजर की सूचना पर कैंप्टी थाना पुलिस मौके पर पहुंची. जिसके बाद आरोपी महिला को गिरफ्तार किया गया. सीजेएम राहुल कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपी डॉ. पूजा ठक्कर को दोषी पाते हुए दो साल के कठोर कारावास और 25 हजार जुर्माने की सजा सुनाई.

Intro:टिहरी

टिहरी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने अपने आप को जज बताकर सरकारी गेस्ट हाउस में ठहरने और बिना इजाजत टैक्सी वाहन पर लालबत्ती लगाने की आरोपी महिला को दो साल के कठोर कारवास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

Body:19 जनवरी 2016 को वन दरोगा दिगंबर सिंह चौहान ने थाना कैंपटी पुलिस में महिला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी की
।रिपोर्ट में कहा गया था कि 19 जनवरी को शाम वन विभाग के धनोल्टी अतिथि गृह में संजीव कुमार भटनागर निवासी नई दिल्ली के साथ पहुंची डा. पूजा ठक्कर निवासी जुहू मुंबई हाल निवासी देहरादून ने स्वयं को जज बताकर कमरा खोलने को कहा। ओर कमरा खोल दिया उसके बाद 20 जनवरी को जब वन रेंजर नीलम बड़थ्वाल ने उनसे आईडी मांगा तो वह धमकाने लगी। आईडी मांगी गई तो आई डी देने से मन कर दिया जिस पर इस महिला पर शक हुआ

Conclusion:कैंपटी थाने को सूचना देने पर मौके पर पहुंचे थानाध्यक्ष कैंपटी ने पूछताछ करने के बाद आरोपी महिला को गिरफ्तार करके सीजेएम राहुल कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपी डा. पूजा ठक्कर को दोषी पाते हुए दो साल के कठोर कारावास और 25 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है।

अर्थदंड जमा नहीं करने पर आरोपी को चार माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.