टिहरी: खुद को जज बताकर सरकारी गेस्ट हाऊस में ठहरने और बिना इजाजत टैक्सी वाहन पर लालबत्ती लगाने के आरोप में महिला को मुख्य न्यायिक कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है. साथ ही 25 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.
मामला 19 जनवरी 2016 का है. जब वन दरोगा दिगंबर सिंह चौहान ने थाना कैंप्टी पुलिस में महिला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि 19 जनवरी की शाम वन विभाग के धनोल्टी अतिथि गृह में नई दिल्ली निवासी संजीव कुमार भटनागर के साथ मुंबई निवासी डॉ. पूजा ठक्कर पहुंची. पूजा ने खुद को जज बताकर कमरा खोलने को कहा. बताया जा रहा है कि अगले दिन 20 जनवरी को जब वन रेंजर नीलम बड़थ्वाल ने उनसे आईडी मांगी तो वह धमकाने लगी. आईडी देने से मना करने पर रेंजर को शक हुआ.
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इसके बाद वन रेंजर की सूचना पर कैंप्टी थाना पुलिस मौके पर पहुंची. जिसके बाद आरोपी महिला को गिरफ्तार किया गया. सीजेएम राहुल कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपी डॉ. पूजा ठक्कर को दोषी पाते हुए दो साल के कठोर कारावास और 25 हजार जुर्माने की सजा सुनाई.