टिहरी: जिले में तेज बारिश हो रही है. बारिश ने लोगों की मुसीबत बढ़ा रखी है. भूस्खलन से जिले में जन जीवन अस्तव्यस्त है. घनसाली में लैंडस्लाइड हुआ है. तहसील के ग्राम कोट बूढ़ाकेदार में पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा रिहायशी इलाके में आ गया. मलबे की चपेट में चार मकान आ गए हैं. मकानों के मलबे में दबने की सूचना मिलते ही राजस्व विभाग की टीम मौके के लिए रवाना हो गई है.
टिहरी में मलबे की नीचे दबे चार मकान: चार मकान मलबे में दबे होने की सूचना से जिले में हड़कंप मचा है. यहां चमोली जैसा हादसा नहीं हो जाए इसके लिए बिजली विभाग भी सतर्क हो गया है. UPCL को विद्युत ब्रेक डाउन करने के लिए सूचित किया गया है. इसके साथ ही पशु चिकित्सकों की टीम को भी प्रभावित इलाके के लिए रवाना हेतु कहा गया है. ऐसी आशंका है कि मकान के अंदर कई पशु दबे हैं.
ग्रामीणों ने लगाया ये आरोप: ग्रामीणों का कहना है कि पहाड़ों में सबसे ज्यादा मलबा आने की घटना सड़कों को बेतरतीब बनाने के कारण हो रही है. क्योंकि सड़कों को बनाते समय मानकों से ज्यादा ब्लास्टिंग की जा रही है. इससे पहाड़ियां कमजोर हो गई हैं. पहाड़ियों में जैसे ही बारिश का पानी घुसता है तो वहां फिर भूस्खलन शुरू हो जा रहा है. तेज बारिश में भूस्खलन विकराल रूप धारण कर रहा है.
घनसाली में तेज बारिश के चलते ग्राम कोट बूढ़ाकेदार में पहाड़ी से भारी मलबा आने के चलते उमेद सिंह, सुंदरलाल, जयंतीलाल, देवदास, दीपू लाल, सिन्दू लाल और गोपाल लाल के मकान पूरी तरह से चपेट में आ गये. गनीमत रही कि सुबह के समय यह लोग मकान से बाहर आंगन में आए हुए थे. सामने से लोगों की चिल्लाने की आवाज आई कि पहाड़ी से मलबा आ रहा है तो आनन-फानन में यह लोग मकान से बाहर निकल गए. जिससे कोई जनहानि नहीं हुई. मकानों के अंदर कई पशु दबे होने की सूचना मिली है.
उत्तराखंड में बारिश ने मचाया है तांडव: उत्तराखंड में मानसून के आगमन के बाद से ही बारिश ने तांडव मचा रखा है. राज्य की सैकड़ों सड़कें मलबे से पटी पड़ी हैं. हरिद्वार में तो मानो जल प्रलय ही आ गया था. हरिद्वार में राहत और बचाव के लिए सेना बुलानी पड़ी थी. रुद्रप्रयाग में बदरीनाथ नेशनल हाईवे का 70 मीटर हिस्सा नदी में समा गया है. इस कारण सीमांत जिले से गढ़वाल इलाके का सड़क संपर्क कटा हुआ है.
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नदियां उफान पर: लैंडस्लाइड और मलबा आने से जहां सड़कें बंद पड़ी हैं, वहीं नदियां भी रौद्र रूप में बह रही हैं. भागीरथी, अलकनंदा, गंगा, यमुना, मंदाकिनी, नंदाकिनी, पिंडर, रामगंगा, गगास, कोसी, सरयू, गोमती, काली और नौरड़ नदियां उफान पर हैं. इन उफनती पहाड़ी नदियों को देखकर ही सिहरन पैदा हो जा रही है. संपर्क मार्ग बंद होने से लोग आवागमन के लिए परेशान हैं.