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PPA मोड पर चल रहे अस्पताल का मरीजों को नहीं मिल रहा लाभ, सड़कों पर उतरने की दी चेतावनी - बदहाल, जिला अस्पताल  बोराड़ी पीपीपी मोड पर चलेगा

टिहरी जिले के सबसे बड़े जिला अस्पताल बोराड़ी में सुविधाओं की भारी कमी है. अस्पताल परिसर महज बैठकों तक सीमित रह गया है. पीपीपी मोड पर दिए जाने के बाद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ.

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जिला अस्पताल बदहाल
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Published : Jan 24, 2020, 1:44 PM IST

टिहरीः जिले के सबसे बड़े अस्पताल बोराड़ी को पीपीपी मोड पर दिए जाने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है. इस अस्पताल को जौलीग्रांट हिमालय को दिया गया है और इसे दिए हुए लगभग 1 साल से अधिक समय हो गया है. लेकिन हॉस्पिटल में इलाज की उचित व्यवस्था न होने से आए दिन कर्मचारियों और मरीजों में बहस होती रहती है.

जिला अस्पताल बदहाल

जौलीग्रांट अस्पताल प्रबंधन की ओर से बैठकों का दौर शुरू हो गया है, लेकिन बैठक करने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है और आए दिन किसी न किसी रूप में विवाद होते रहते हैं. इलाज कराने आने वाले अधिकांश मरीजों को रेफर कर दिया जाता हैं. वहीं दूर-दराज से इलाज कराने आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए अन्य जनपदों का रुख करना पड़ता हैं. जिससे उन्हें इलाज के लिए काफी ज्यादा धन खर्च करना पड़ता है.

वहीं अस्पताल में बेहतर सुविधा न होने से लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है. जिसको लेकर स्थानीय लोग मुखर होते जा रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में सुविधाओं का अभाव है. जिस कारण आए दिन मरीजों के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है. उन्होंने कहा कि जल्द व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरने को विवश होंगे. लोगों का कहना है कि जिला बोराड़ी अस्पताल को पीपीपी मोड पर दिए जाने से लोगों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने की आस जगी थी, लेकिन समय बीतने के साथ ही हालात उलट हैं. अस्पताल में व्यवस्थाओं का टोटा दूर-दराज से इलाज कराने आने वाले मरीजों पर भारी पड़ रहा है.

यह भी पढ़ेंः UKD ने दिया रेल प्रभावितों के आंदोलन को समर्थन, अल्टीमेटम देकर चेताया

अस्पताल के इंचार्ज का कहना है कि अस्पताल की व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिए कर्मचारियों के साथ बैठक की जाती है. साथ ही बैठक में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का प्रयास किया जाता है. जिससे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके. अस्पताल में जो भी कमी पाई जाएगी उसका जल्द निस्तारण किए जाने का प्रयास किया जाएगा.

टिहरीः जिले के सबसे बड़े अस्पताल बोराड़ी को पीपीपी मोड पर दिए जाने के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है. इस अस्पताल को जौलीग्रांट हिमालय को दिया गया है और इसे दिए हुए लगभग 1 साल से अधिक समय हो गया है. लेकिन हॉस्पिटल में इलाज की उचित व्यवस्था न होने से आए दिन कर्मचारियों और मरीजों में बहस होती रहती है.

जिला अस्पताल बदहाल

जौलीग्रांट अस्पताल प्रबंधन की ओर से बैठकों का दौर शुरू हो गया है, लेकिन बैठक करने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है और आए दिन किसी न किसी रूप में विवाद होते रहते हैं. इलाज कराने आने वाले अधिकांश मरीजों को रेफर कर दिया जाता हैं. वहीं दूर-दराज से इलाज कराने आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए अन्य जनपदों का रुख करना पड़ता हैं. जिससे उन्हें इलाज के लिए काफी ज्यादा धन खर्च करना पड़ता है.

वहीं अस्पताल में बेहतर सुविधा न होने से लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है. जिसको लेकर स्थानीय लोग मुखर होते जा रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल में सुविधाओं का अभाव है. जिस कारण आए दिन मरीजों के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है. उन्होंने कहा कि जल्द व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरने को विवश होंगे. लोगों का कहना है कि जिला बोराड़ी अस्पताल को पीपीपी मोड पर दिए जाने से लोगों में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने की आस जगी थी, लेकिन समय बीतने के साथ ही हालात उलट हैं. अस्पताल में व्यवस्थाओं का टोटा दूर-दराज से इलाज कराने आने वाले मरीजों पर भारी पड़ रहा है.

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अस्पताल के इंचार्ज का कहना है कि अस्पताल की व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिए कर्मचारियों के साथ बैठक की जाती है. साथ ही बैठक में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने का प्रयास किया जाता है. जिससे मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके. अस्पताल में जो भी कमी पाई जाएगी उसका जल्द निस्तारण किए जाने का प्रयास किया जाएगा.

Intro:टिहरी

बैठक तक सीमित रह गया जिला अस्पताल बोराडी,सामाजिक कार्यकर्ताओ ने जी सरकार से अपील की अस्पताल की सच्चाई जानने के लिए नई टिहरी की जनता से की जाय फीडबैकBody:टिहरी जिले के सबसे बड़े जिला अस्पताल बोराड़ी को पीपी मोड पर जौलीग्रांट हिमालय को दिया गया है और इसे दिए हुए लगभग 1 साल से अधिक का समय हो गया है परंतु यहां पर इस अस्पताल में इलाज करने के लिए पूरी तरह से सुविधाएं नहीं है और आए दिन अस्पताल में कर्मचारियों वह मरीजों का विवाद देखने को मिलता है जिसको लेकर जौलीग्रांट के अस्पताल प्रबंधन के लोग आपस में बैठक का दौर शुरू है परंतु बैठक करने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है और आए दिन किसी न किसी रूप में विवाद होते रहते हैं पर अब तो यह अस्पताल बैठकों तक ही सीमित रह गया

इलाज के नाम पर अभी भी अधिकतर यहां से मरीजों का रेफर किया जाता है अगर आप यहां अस्पताल के रिकॉर्ड को देखा जाए तो हर दिन लगभग कोई न कोई मरीज का रेफर सेंटर बना हुआ है जबकि सरकार ने इस अस्पताल को पीपी मोड पर इसलिए दिया था कि मरीजों को अपने इलाज के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ेगा

क्योंकि गांव से आए हुए मरीजों का इलाज यही पर मिल सके परंतु यहां पर मरीजों का इलाज पूरी तरह से नहीं हो पाता है

Conclusion: इस अस्पताल में आए दिन मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाही को लेकर अब स्थानीय लोगों ने आवाज स्थानीय लोगों ने आवाज उठानी शुरू कर दी है लोगों का कहना है कि इस अस्पताल में सुविधाओं का अभाव है जिस कारण आए दिन मरीज मरीजों के इलाज में लापरवाही हो रही है जिसका जीता जागता उदाहरण मधुसूदन बहुगुणा व धनपाल आदि हैं परंतु अस्पताल प्रबंधन अपने कागजी खानापूर्ति करके अपने अंक बढ़ाने में लगा है जबकि हकीकत स्थानीय लोगों से ली जा सकती है कि अस्पताल में जनता को किस तरह की सुविधाएं मिल गई हैं परंतु जनता से अस्पताल का कोई भी फीडबैक नहीं लिया जा रहा है साथी स्थानीय लोगों का कहना है कि बहुत जल्दी अस्पताल प्रबंधन ने अपनी व्यवस्था नहीं सुधरी तो अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया जाएगा जिसकी जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन की होगी यहां तक कि स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में इलाज के वजह अधिकारी व कर्मचारी आपस में ही राजनीति करके अस्पताल की व्यवस्था खराब कर रहे हैं जिस कारण
मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है

सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिला अस्पताल बोराड़ी को पीपी मोड पर जो दिया गया है उससे जनता को कितना लाभ मिल रहा है इसका फीडबैक सरकार नई टिहरी की जनता से करवाएं ताकि पीपी मोड़ पर चल गए अस्पताल की हकीकत सरकार के सामने आ सके पीपीपी मोड पर चल रहे अस्पताल किस तरह से मरीजों का इलाज में लापरवाही बरत रहा है जिससे दूध का दूध और पानी साफ हो जाएगा

अस्पताल इंचार्ज ऑफिसर का कहना है कि ऐसी बैठक है अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने के लिए कर्मचारियों के साथ की जाती रहती है कि कहां पर क्या कमी हो गई है जिस कमी को सुधारने का प्रयास किया जाएगा जिससे कि मरीजों को इलाज में दिक्कत है ना हो लेकिन इंचार्ज अफसर भी मानते हैं कि अस्पताल में कहीं ना कहीं कमियां हैं जिस को दूर करने के प्रयास के जा रहे हैं

बाइट राकेश राणा सामाजिक कार्यकर्ता
बाइट मुरारी लाल सामाजिक कार्यकर्ता
बाइट आकाश किराश्ली अध्यक्ष एकता मंच नई टिहरी
बाइट ए के सिंह अस्पताल इंचार्ज ऑफिसर
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