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विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का टोटा, पिछली घटनाओं से भी प्रशासन नहीं ले रहा सबक - प्रतापनगर हिंदी समाचार

प्रतापनगर के प्राथमिक विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का टोटा है. जिसके कारण छात्रों की संख्या घटती जा रही है.

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राजकीय प्राथमिक विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का टोटा
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Published : Dec 31, 2019, 10:42 AM IST

Updated : Dec 31, 2019, 6:15 PM IST

प्रतापनगर: शिक्षा विभाग भले ही बड़े-बड़े दावे करता हो, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट है. मामला राजकीय प्राथमिक विद्यालय सेमल क्यारी का है जहां, मूलभूत सुविधाओं का आभाव है. स्कूल भवन की जर्जर छत हादसों को दावत दे रही है. जिससे बच्चे खौफ के साए में पठन-पाठन करने को मजबूर हैं. वहीं, अभिभावकों का कहना है कि, मामले की शिकायत कई बार प्रशासन से की गई. लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

राजकीय प्राथमिक विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का टोटा

गौर हो कि अभिभावकों ने कहा कि स्कूल में शिक्षकों की कमी से बच्चों पर भारी पड़ रही है. जिससे उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है. बदहाली का आलम ये है कि स्कूल में बिजली, पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. शौचालय भी काफी जर्जर अवस्था में है. वहीं, मैदान के अभाव में बच्चे खेल नहीं पाते हैं. वहीं लंबे समय से स्कूल की छत जर्जर होती जा रही है.जो किसी भी वक्त हादसों को दावत दे सकती है.बरसात के समय ये खतरा और बढ़ जाता है और बच्चे स्कूल तक आना बंद कर देते हैं.

ये भी पढ़ें: डोइवाला: धार्मिक स्थल में तोड़फोड़ करने वाला 5 घंटे में गिरफ्तार, पहले भी कर चुका है ऐसी हरकत

वहीं विभाग और सरकार की उदासीनता के चलते इस विद्यालय में छात्रों की संख्या भी गिरती जा रही है. अधिकारियों को समस्या से अवगत कराने के बावजूद वे पल्ला झाड़ते दिखाई देते हैं.

वहीं अधिकारियों की हीलाहवाली के चलते अब तक 50 से अधिक विद्यालय बंद भी हो चुके हैं. लगभग 12 विद्यालय इसी साल बंद हुए हैं. अभिभावकों का कहना है कि प्रशासन और अधिकारियों की इसी लापरवाही के चलते इसी साल जून के महीने में प्रताप नगर के 11 नौनिहालों ने अपनी जान से हाथ धोया था.

प्रतापनगर: शिक्षा विभाग भले ही बड़े-बड़े दावे करता हो, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट है. मामला राजकीय प्राथमिक विद्यालय सेमल क्यारी का है जहां, मूलभूत सुविधाओं का आभाव है. स्कूल भवन की जर्जर छत हादसों को दावत दे रही है. जिससे बच्चे खौफ के साए में पठन-पाठन करने को मजबूर हैं. वहीं, अभिभावकों का कहना है कि, मामले की शिकायत कई बार प्रशासन से की गई. लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

राजकीय प्राथमिक विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का टोटा

गौर हो कि अभिभावकों ने कहा कि स्कूल में शिक्षकों की कमी से बच्चों पर भारी पड़ रही है. जिससे उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है. बदहाली का आलम ये है कि स्कूल में बिजली, पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. शौचालय भी काफी जर्जर अवस्था में है. वहीं, मैदान के अभाव में बच्चे खेल नहीं पाते हैं. वहीं लंबे समय से स्कूल की छत जर्जर होती जा रही है.जो किसी भी वक्त हादसों को दावत दे सकती है.बरसात के समय ये खतरा और बढ़ जाता है और बच्चे स्कूल तक आना बंद कर देते हैं.

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वहीं विभाग और सरकार की उदासीनता के चलते इस विद्यालय में छात्रों की संख्या भी गिरती जा रही है. अधिकारियों को समस्या से अवगत कराने के बावजूद वे पल्ला झाड़ते दिखाई देते हैं.

वहीं अधिकारियों की हीलाहवाली के चलते अब तक 50 से अधिक विद्यालय बंद भी हो चुके हैं. लगभग 12 विद्यालय इसी साल बंद हुए हैं. अभिभावकों का कहना है कि प्रशासन और अधिकारियों की इसी लापरवाही के चलते इसी साल जून के महीने में प्रताप नगर के 11 नौनिहालों ने अपनी जान से हाथ धोया था.

Intro: ready to package प्रताप नगर शिक्षा विभाग की पोल खोलता जीपीएस सेमल क्यारी


Body:प्रतापनगर
शिक्षा विभाग की पोल खोलता जीपीएस सेमल क्यारी ।
शिक्षा विभाग भले ही आज कितने ही बड़े बड़े दावे क्यों ना कर ले लेकिन सारे दावे खोखले ही निकलते हैं ऐसा ही एक मामला राजकीय प्राथमिक विद्यालय सेमल क्यारी जो ग्राम पंचायत क्यारी का एक हिस्सा है जिस पर 35 sc परिवार निवासरत हैं और उस विद्यालय में उस उन 35 sc परिवारों के 17 बच्चे आज अध्ययनरत हैं लेकिन विद्यालय भवन जीण शीर्ण स्थिति मे है कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना घट सकती है कभी भी कोई बड़ी त्रासदी हो सकती है ना विद्यालय में पीने का पानी है ना विद्यालय के शौचालय में पानी है ना किचन में पानी है न विद्यालय का अपना मैदान है ना विद्यालय में बिजली है कैसे यह विद्यालय बना होगा कैसे इस विद्यालय भवन का मैप तैयार किया होगा किस इंजीनियर ने इस विद्यालय के मैप को तैयार किया होगा यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है और कैसे यह विद्यालय संचालित हो रहा है जो वहां पर शिक्षिका है शिक्षक हैं वे लोग कैसे विद्यालय में बच्चों को पढ़ा रहे हैं यह भी एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है कि विद्यालय में न तो पीने का पानी है ना किचन में पानी है ना शौचालय में पानी है ना खेलने का मैदान है और बड़ी बात 3 महीने वहां धूप नहीं आती ऐसे में बच्चे कैसे पढ़ पाएंगे और बच्चे जरूर बीमार हो जाएंगे वहीं विभाग और सरकार की उदासीनता देखिए की रोज सरकार और विभाग बड़े-बड़े दावे करते हैं साथ ही आज सरकार सरकारी स्कूलों में छात्रों की घटती संख्या पर चिंता जता रही है लेकिन जो मूलभूत सुविधाएं विद्यालय में होनी चाहिए उनका ध्यान नहीं रखा जा रहा है और हमेशा अधिकारियों के द्वारा कहा जाता है कि हम कोशिश कर रहे हैं हम कोशिश कर रहे हैं हम कोशिश कर रहे हैं और इसी कोशिश के चक्कर में अब तक 50 विद्यालय बंद हो चुके हैं 12 विद्यालय इसी वर्ष बंद हुए हैं और लगातार विद्यालय बंद होने की कगार पर है दिन प्रतिदिन सरकारी स्कूलों से छात्रों की संख्या बढ़ती ही जा रही है इसी उदासीन रवैया के कारण इसी सिस्टम के कारण व्हिच इस साल जून के महीने में प्रताप नगर के 11 नौनिहालों ने अपना बलिदान दिया है


Conclusion: प्रतापनगर
शिक्षा विभाग की पोल खोलता जीपीएस सेमल क्यारी
डिप्टी BO ने भी माना कि विद्यालय भवन है जर्जर
bite डिप्टी BO Vinod Mathura
Last Updated : Dec 31, 2019, 6:15 PM IST
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