प्रतापनगर: शिक्षा विभाग भले ही बड़े-बड़े दावे करता हो, लेकिन जमीनी हकीकत ठीक उलट है. मामला राजकीय प्राथमिक विद्यालय सेमल क्यारी का है जहां, मूलभूत सुविधाओं का आभाव है. स्कूल भवन की जर्जर छत हादसों को दावत दे रही है. जिससे बच्चे खौफ के साए में पठन-पाठन करने को मजबूर हैं. वहीं, अभिभावकों का कहना है कि, मामले की शिकायत कई बार प्रशासन से की गई. लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
गौर हो कि अभिभावकों ने कहा कि स्कूल में शिक्षकों की कमी से बच्चों पर भारी पड़ रही है. जिससे उन्हें बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है. बदहाली का आलम ये है कि स्कूल में बिजली, पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं है. शौचालय भी काफी जर्जर अवस्था में है. वहीं, मैदान के अभाव में बच्चे खेल नहीं पाते हैं. वहीं लंबे समय से स्कूल की छत जर्जर होती जा रही है.जो किसी भी वक्त हादसों को दावत दे सकती है.बरसात के समय ये खतरा और बढ़ जाता है और बच्चे स्कूल तक आना बंद कर देते हैं.
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वहीं विभाग और सरकार की उदासीनता के चलते इस विद्यालय में छात्रों की संख्या भी गिरती जा रही है. अधिकारियों को समस्या से अवगत कराने के बावजूद वे पल्ला झाड़ते दिखाई देते हैं.
वहीं अधिकारियों की हीलाहवाली के चलते अब तक 50 से अधिक विद्यालय बंद भी हो चुके हैं. लगभग 12 विद्यालय इसी साल बंद हुए हैं. अभिभावकों का कहना है कि प्रशासन और अधिकारियों की इसी लापरवाही के चलते इसी साल जून के महीने में प्रताप नगर के 11 नौनिहालों ने अपनी जान से हाथ धोया था.