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टिहरी झील से प्रभावित ग्रामीणों के पुनर्वास को लेकर उच्चस्तरीय बैठक

टिहरी झील से प्रभावित गांवों के पुनर्वास को लेकर आज भारत सरकार में सचिव, ऊर्जा मंत्री उत्तराखंड और ऊर्जा सचिव डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करेंगे.

Tehri Lake news
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Published : Jul 1, 2021, 3:09 PM IST

टिहरी: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 11 साल बाद टिहरी झील से प्रभावित गांवों के पुनर्वास को लेकर आज भारत सरकार में सचिव, ऊर्जा मंत्री उत्तराखंड और ऊर्जा सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करेंगे. बैठक में टिहरी जनपद के जिलाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे. इस दौरान रौलाकोट, नकोट और स्याशु गांवों को विस्थापित करने को लेकर चर्चा की जाएगी. भारत सरकार की यह तीसरी बैठक होगी.

बता दें, टिहरी झील बनने के बाद आसपास के गांवों में भूस्खलन और मकानों में दरार पड़ने लग गई थी. ऐसे में झील के आसपास गांवों में रहने वाले लोग दहशत की जिंदगी जी रहे हैं. झील बनने के बाद शासन प्रशासन ने ग्रामीणों की कोई सुध नहीं ली, जबकि भूगर्भीय वैज्ञानिकों ने झील के आसपास गांवों की जांच में साफ बताया है कि रौलाकोट, नकोट, स्याशु को तत्काल विस्थापित करें. इन गावों को झील के कारण खतरा पैदा हो गया है.

पुनर्वास को लेकर उच्चस्तरीय बैठक

पढ़ें- तीरथ का दिल्ली दौरा: रात 12 बजे तक गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक, जेपी नड्डा समेत कई नेता रहे मौजूद

सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में दिया था आदेश

पुरानी टिहरी निवासी शांति भट्ट और ग्रामिणों ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाकर पुनर्वास विभाग ओर टिहरी बांध परियोजना के खिलाफ एक जनहित याचिका डाली जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर, 2010 को रौलाकोट, नकोट और स्याशु को तत्काल विस्थापित करने का आदेश था.

टिहरी: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 11 साल बाद टिहरी झील से प्रभावित गांवों के पुनर्वास को लेकर आज भारत सरकार में सचिव, ऊर्जा मंत्री उत्तराखंड और ऊर्जा सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक करेंगे. बैठक में टिहरी जनपद के जिलाधिकारी भी उपस्थित रहेंगे. इस दौरान रौलाकोट, नकोट और स्याशु गांवों को विस्थापित करने को लेकर चर्चा की जाएगी. भारत सरकार की यह तीसरी बैठक होगी.

बता दें, टिहरी झील बनने के बाद आसपास के गांवों में भूस्खलन और मकानों में दरार पड़ने लग गई थी. ऐसे में झील के आसपास गांवों में रहने वाले लोग दहशत की जिंदगी जी रहे हैं. झील बनने के बाद शासन प्रशासन ने ग्रामीणों की कोई सुध नहीं ली, जबकि भूगर्भीय वैज्ञानिकों ने झील के आसपास गांवों की जांच में साफ बताया है कि रौलाकोट, नकोट, स्याशु को तत्काल विस्थापित करें. इन गावों को झील के कारण खतरा पैदा हो गया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में दिया था आदेश

पुरानी टिहरी निवासी शांति भट्ट और ग्रामिणों ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाकर पुनर्वास विभाग ओर टिहरी बांध परियोजना के खिलाफ एक जनहित याचिका डाली जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर, 2010 को रौलाकोट, नकोट और स्याशु को तत्काल विस्थापित करने का आदेश था.

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