टिहरी: धनौल्टी में राजकीय स्वास्थ्य उपकेंद्र में चलने वाले एलोपैथी अस्पताल खुद 'बीमार' है. आलम ये है कि क्षेत्र का एकमात्र अस्पताल मात्र एक जर्जर कमरे में चल रहा है. जहां स्वास्थ्य सुविधाओं का भी घोर अभाव है. ऐसे में मरीजों को इलाज के लिए मसूरी या देहरादून की अस्पतालों का रुख करना पड़ता है.
आपको बता दें कि अंग्रेजों के जमाने का बसाया हुआ धनौल्टी एक कस्बा है. जो पर्यटकों की पहली पंसद है. वहीं, आजादी के समय से यह स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. मात्र एक कमरे में यहां एलोपैथिक अस्पताल एकमात्र फार्मेसिस्ट के भरोसे चल रहा है. ऐसे में धनौल्टी आने वाले पर्यटकों को भी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
जब कभी पर्यटक व स्थानीय लोगों की तबीयत खराब होती है तो उनको इस अस्पताल से कोई सुविधा नहीं मिल पाती है. जिस कारण मरीजों को मसूरी या देहरादून के अस्पतालों में जाना पड़ता है. देश विदेशों में प्रसिद्ध पर्यटक स्थल धनौल्टी में सिर्फ एक जर्जर कमरे में एलोपैथी अस्पताल में चल रहा है.
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स्थानीय लोगों की मांग पर धनौल्टी से 1 किलोमीटर आगे स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल की बिल्डिंग बनाई गई लेकिन कई साल बीत जाने के बावजूद अभी तक इस बिल्डिंग में एलोपैथिक अस्पताल को शिफ्ट नहीं किया गया है. जिस कारण यहां पर आए दिन मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस अस्पताल की स्थिति ऐसी है कि 2 आदमी से ज्यादा इसे कमरे में नहीं बैठ सकते. वहीं, इस कमरे की हालात भी जर्जर बनी हुई है.