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टिहरी: ठक्कर बापा छात्रावास में रखी गईं पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा की अस्थियां

हिमालय के रक्षक और जाने माने पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा ने ऋषिकेश एम्स में अंतिम सांस ली. ऋषिकेश में गंगा किनारे उनका अंतिम संस्कार किया गया था.

Environmentalist Sunderlal Bahuguna
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Published : May 23, 2021, 7:51 PM IST

टिहरी: पद्मविभूषण एवं चिपको आंदोलन के प्रणेता स्व. सुन्दरलाल बहुगुणा की अस्थियों को दर्शन के लिए ठक्कर बापा छात्रावास में रखा गया है. जहां, पर लोगों ने अस्थियों के दर्शन करन के बाद आड़ू व चुलु के पेड़ लगाकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर कांग्रेस नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री किशोर उपाध्याय सहित कई लोग उपस्थित रहे.

Environmentalist Sunderlal Bahuguna
आड़ू का पेड़ लगाकर स्व. बहुगुणा के बताये रास्ते पर चलने का प्रण लिया.

स्व. सुंदर लाल बहुगुणा हमेशा फलदार वृक्ष के पक्षधर थे. इस लिए छात्रावास के आंगन में आगंतुकों ने आड़ू का पौधा लगाकर स्व. बहुगुणा के बताये रास्ते पर चलने का प्रण लिया. इस मौके पर किशोर उपाध्याय ने कहा कि बहुगुणा जैसी शख्सियत पूरे उत्तराखंड में न तो है और न ही आने वाले समय में कोई होगी. उनके तप और सामर्थ्य का अवलोकन पूरा विश्व करता है.

इस मौके पर हिमालय बचाओ आंदोलन के समीर रतूड़ी ने कहा कि स्व. बहुगुणा भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन जो नींव उन्होंने हमारे बीच रखी है, वे हमेशा स्व बहुगुणा को जीवित रखेंगी. उन्होंने बताया कि ठक्कर बापा छात्रावास स्व. बहुगुणा जी के संघर्षों का एक प्रतिफल है. इसी छात्रावास से उन्होंने कई जनसंघर्ष के बिगुल बजाए है. ऐसे में उनके अस्थियों को दर्शन हेतु रखना बेहद महत्वपूर्ण था.

पढ़ं- पद्मविभूषण सुंदरलाल बहुगुणा ने पहाड़ को दिया 'जीत का मंत्र', हिमालय के थे रक्षक

उन्होंने बताया कि टिहरी बांध विरोध के आंदोलन के दौरान स्व. बहुगुणा ने प्रण किया था कि वे अपने आश्रम तब जायेंगे, जब बांध का काम रुक जाएगा. बांध के न रुकने के कारण स्व. बहुगुणा अपने आश्रम नहीं गए. इसलिए उनकी अस्थियों को सिलयारा स्थित आश्रम ले जाया जाएगा. बता दें, सोमवार को पर्वतीय नवजीवन मंडल आश्रम में उनकी अस्थियां अंतिम दर्शन को रखी जाएंगी और मंगलवार को देवप्रयाग संगम में उनकी अस्थियों को प्रवाहित किया जाएगा.

टिहरी: पद्मविभूषण एवं चिपको आंदोलन के प्रणेता स्व. सुन्दरलाल बहुगुणा की अस्थियों को दर्शन के लिए ठक्कर बापा छात्रावास में रखा गया है. जहां, पर लोगों ने अस्थियों के दर्शन करन के बाद आड़ू व चुलु के पेड़ लगाकर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर कांग्रेस नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री किशोर उपाध्याय सहित कई लोग उपस्थित रहे.

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आड़ू का पेड़ लगाकर स्व. बहुगुणा के बताये रास्ते पर चलने का प्रण लिया.

स्व. सुंदर लाल बहुगुणा हमेशा फलदार वृक्ष के पक्षधर थे. इस लिए छात्रावास के आंगन में आगंतुकों ने आड़ू का पौधा लगाकर स्व. बहुगुणा के बताये रास्ते पर चलने का प्रण लिया. इस मौके पर किशोर उपाध्याय ने कहा कि बहुगुणा जैसी शख्सियत पूरे उत्तराखंड में न तो है और न ही आने वाले समय में कोई होगी. उनके तप और सामर्थ्य का अवलोकन पूरा विश्व करता है.

इस मौके पर हिमालय बचाओ आंदोलन के समीर रतूड़ी ने कहा कि स्व. बहुगुणा भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन जो नींव उन्होंने हमारे बीच रखी है, वे हमेशा स्व बहुगुणा को जीवित रखेंगी. उन्होंने बताया कि ठक्कर बापा छात्रावास स्व. बहुगुणा जी के संघर्षों का एक प्रतिफल है. इसी छात्रावास से उन्होंने कई जनसंघर्ष के बिगुल बजाए है. ऐसे में उनके अस्थियों को दर्शन हेतु रखना बेहद महत्वपूर्ण था.

पढ़ं- पद्मविभूषण सुंदरलाल बहुगुणा ने पहाड़ को दिया 'जीत का मंत्र', हिमालय के थे रक्षक

उन्होंने बताया कि टिहरी बांध विरोध के आंदोलन के दौरान स्व. बहुगुणा ने प्रण किया था कि वे अपने आश्रम तब जायेंगे, जब बांध का काम रुक जाएगा. बांध के न रुकने के कारण स्व. बहुगुणा अपने आश्रम नहीं गए. इसलिए उनकी अस्थियों को सिलयारा स्थित आश्रम ले जाया जाएगा. बता दें, सोमवार को पर्वतीय नवजीवन मंडल आश्रम में उनकी अस्थियां अंतिम दर्शन को रखी जाएंगी और मंगलवार को देवप्रयाग संगम में उनकी अस्थियों को प्रवाहित किया जाएगा.

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