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19 लाख की स्ट्रीट लाइटों से जगमगाया अलकनंदा और मंदाकिनी का संगम - Street Lights in Rudraprayag

श्रद्धालुओं की संख्या और सुविधा को देखते हुए जिला प्रशासन ने मंदाकिनी-अलकनंदा संगम स्थल पर स्ट्रीट लाइटें लगवा दी हैं. ऊर्जा निगम ने यहां 19 लाख की लागत से कुल 50 स्ट्रीट लाइटें लगाई हैं.

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संगम स्थल पर 19 लाख की लागत से लगाई गई स्ट्रीट लाइटें
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Published : Jan 6, 2020, 10:57 PM IST


रुद्रप्रयाग: भगवान शिव की नगरी में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के संगम स्थल को और भी दर्शनीय बनाने के लिए ऊर्जा निगम ने स्ट्रीट लाइटें लगा दी हैं. 19 लाख की लागत से लगाई गई स्ट्रीट लाइटों से संगम स्थल चमचमा रहा है. स्ट्रीट लाइटें लगने के बाद रात के समय भी दोनों नदियों के संगम के विहंगम दृश्य को देखा जा सकता है. वहीं दूसरी ओर संगम स्थल पर लगी इन स्ट्रीट लाइटों को लेकर बयानबाजी भी तेज हो गई है.

रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का संगम स्थल है. साथ ही संगम स्थल के बीचों-बीच चामुण्डा मां एवं रुद्रनाथ भगवान का पौराणिक मंदिर है. जिससे यहां की मान्यता और भी बढ़ जाती है. यहां पूरे सालभर दर्शनों और गंगा स्नान के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है. श्रद्धालुओं की संख्या और सुविधा को देखते हुए जिला प्रशासन ने मंदाकिनी-अलकनंदा संगम स्थल पर स्ट्रीट लाइटें लगवा दी हैं. ऊर्जा निगम ने 19 लाख की लागत से यहां कुल 50 स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं.

पढ़ें-मुख्य सचिव ने की कैंपा प्रोजेक्ट्स की समीक्षा, दिए संशोधन के लिए सुझाव

बता दें इससे पहले नमामि गंगे की ओर से लगाई गई लाखों रुपए की सोलर लाइटें नदियों का जल स्तर बढ़ने से या तो खराब हो गई या फिर उनकी बैटरियां चोरी हो गई थी. संगम स्थल पर लगी स्ट्रीट लाइटों पर बोलते हुए नगर सभासद सुरेन्द्र रावत ने कहा कि सभी विद्युत पोल मानकों के अनुसार नहीं लगाए गये हैं. उन्होंने कहा कि बरसात के दिनों में नदियों का जल स्तर उफान पर रहता है. जिससे स्ट्रीट लाइटों को नुकसान पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि स्ट्रीट लाइटों को सुरक्षित स्थान पर लगाना चाहिए था.

पढ़ें-10 जनवरी को हरिद्वार में जुटेंगे साहित्य के पुरोधा, तीन दिन करेंगे मंथन

स्ट्रीट लाइटों के खुलने और बंद होने का समय तय नहीं
ऊर्जा निगम ने लाखों की लागत से संगम स्थल पर स्ट्रीट लाइटें तो लगवा दी हैं, मगर अभी भी इनके खुलने और बंद होने का समय तय नहीं है. ये लाइटें कभी रात में खुलती नहीं हैं तो कभी दिनभर जलती रहती हैं.


रुद्रप्रयाग: भगवान शिव की नगरी में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के संगम स्थल को और भी दर्शनीय बनाने के लिए ऊर्जा निगम ने स्ट्रीट लाइटें लगा दी हैं. 19 लाख की लागत से लगाई गई स्ट्रीट लाइटों से संगम स्थल चमचमा रहा है. स्ट्रीट लाइटें लगने के बाद रात के समय भी दोनों नदियों के संगम के विहंगम दृश्य को देखा जा सकता है. वहीं दूसरी ओर संगम स्थल पर लगी इन स्ट्रीट लाइटों को लेकर बयानबाजी भी तेज हो गई है.

रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का संगम स्थल है. साथ ही संगम स्थल के बीचों-बीच चामुण्डा मां एवं रुद्रनाथ भगवान का पौराणिक मंदिर है. जिससे यहां की मान्यता और भी बढ़ जाती है. यहां पूरे सालभर दर्शनों और गंगा स्नान के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है. श्रद्धालुओं की संख्या और सुविधा को देखते हुए जिला प्रशासन ने मंदाकिनी-अलकनंदा संगम स्थल पर स्ट्रीट लाइटें लगवा दी हैं. ऊर्जा निगम ने 19 लाख की लागत से यहां कुल 50 स्ट्रीट लाइटें लगाई गई हैं.

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बता दें इससे पहले नमामि गंगे की ओर से लगाई गई लाखों रुपए की सोलर लाइटें नदियों का जल स्तर बढ़ने से या तो खराब हो गई या फिर उनकी बैटरियां चोरी हो गई थी. संगम स्थल पर लगी स्ट्रीट लाइटों पर बोलते हुए नगर सभासद सुरेन्द्र रावत ने कहा कि सभी विद्युत पोल मानकों के अनुसार नहीं लगाए गये हैं. उन्होंने कहा कि बरसात के दिनों में नदियों का जल स्तर उफान पर रहता है. जिससे स्ट्रीट लाइटों को नुकसान पहुंच सकता है. उन्होंने कहा कि स्ट्रीट लाइटों को सुरक्षित स्थान पर लगाना चाहिए था.

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स्ट्रीट लाइटों के खुलने और बंद होने का समय तय नहीं
ऊर्जा निगम ने लाखों की लागत से संगम स्थल पर स्ट्रीट लाइटें तो लगवा दी हैं, मगर अभी भी इनके खुलने और बंद होने का समय तय नहीं है. ये लाइटें कभी रात में खुलती नहीं हैं तो कभी दिनभर जलती रहती हैं.

Intro:संगम पर लगाई गई लाइटों पर स्थानीय लोगों ने किये सवाल खड़े
विद्युत पोल नदी के नजदीक होने से मानसून सीजन में बह सकते हैं पोल
19 लाख की लागत से संगम पर लगाई गई हैं लाइटें
रुद्रप्रयाग।
अलकनंदा और मंदाकिनी नदी के संगम स्थल पर रात्रि के समय दोनों नदियों का दीदार करने के लिये सीएसआर मद में 19 लाख की स्ट्रीट लाइटें लगा दी गई हैं, लेकिन अब इन लाइटों का विरोध शुरू हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जहां पर लाइटें लगाई गई हैं, मानसून काल में यह लाइटे नहीं टिक पाएंगी। नदियों का जल स्तर बढ़ते ही लाइटे नदी की भेंट चढ़ जाएंगी। ऐसे में लाइटों को सुरक्षित स्थानों पर लगाना चाहिये।
Body:दरअसल, रुद्रप्रयाग शहर बद्रीनाथ व केदारनाथ यात्रा का मुख्य द्वार है। यहां पर बद्रीनाथ से बहने वाली अकलनंदा एवं केदारनाथ से बहने वाली मंदाकिनी नदी का पवित्र संगम स्थल स्थित है। साथ ही संगम स्थल के बीचोंबीच चामुण्डा मां एवं रुद्रनाथ भगवान का पौराणिक मंदिर भी स्थित है। जहां पूरे सालभर दर्शनों के गंगा स्नान के लिए लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है। जून 2013 में आई केदारनाथ आपदा ने संगम स्थल पर स्थित 15 फीट ऊंची प्राचीन नारदशिला भी केदारनाथ आपदा की भेंट चढ़ गई थी। वर्तमान में नारदशिला के कुछ अंश ही यहां पर मिलते हैं। जिसके संरक्षण के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए है। जिला प्रशासन ने मंदाकिनी-अलकनंदा संगम के रात्रि में भी दीदार के लिए दोनों ओरे से जगमग कर दिया। ऊर्जा निगम ने सीएसआर मद में 19 लाख खर्च कर कुल 50 स्ट्रीट लाइटें लगा दी हैं। इसके अलावा नमामि गंगे की ओर से लगाई गई लाखों रूपए की सोलर लाइटें नदियों का जल स्तर बढ़ने से या तो खराब हो गई, या फिर उनकी बैट्रियां चोरी हो गई। जो मात्र सरकारी धन का दुप्रयोग है। नगर के सभासद सुरेन्द्र रावत, सामाजि कार्यकर्ता अशोक चैधरी, भाजयुमो जिला महामंत्री विकास डिमरी आदि का कहना है कि सभी विद्युत पोल मानकों के अनुसार नहीं लगे है। बरसात के दौरान नदियों का जल स्तर उफान पर रहता है। जिससे यह सभी पोलों को नुकसान पहुंच सकता है। जिससे पोल क्षतिग्रस्त होने से नदी के पानी में करंट फैल सकता है। तथा मछलियों के साथ ही कई जीव जन्तुओं को नुकसान पहुंच सकता है।
स्ट्रीट लाइटों का बंद व खुलने का नहीं कोई समय
रुद्रप्रयाग। ऊर्जा निगम की ओर से शहर में संगम स्थली को चमकाने के लिए 19 लाख की स्ट्रीटी लाइटें तो लगा दी, लेकिन इनका बंद व खुलने का कोई समय नहीं है। यह लाइटें कभी तो रात्रि में खुलती नहीं है, यदि किसी रात्रि को खोल भी दी जाती है, तो वह दिनभर जलती रहती है। इससे लगता है कि इन लाइटों के संचालन की कोई व्यवस्था नहीं है। लाइटें दिनभर खुली रहने से इनका बिल कौन वहन करेगा। यह भी अभी तक साफ नहीं हो सका है। नगर पालिका को इन लाइटों की ना तो जानकारी है, और ना ही लाइटें अभी तक हैंडओवर तक नहीं हो सकी है।
फोटो : रुद्रप्रयाग: संगम स्थल पर लगाई गई लाइटेंConclusion:
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