रुद्रप्रयाग/लक्सर/मसूरीः उत्तराखंड में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2023 धूमधाम से मनाया जा रहा है. विश्व विख्यात केदारनाथ धाम में भी श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव भव्य तरीके से मनाया रहा है. जहां भगवान श्रीकृष्ण की भव्य झांकी निकाली गई. जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया. इसके अलावा लक्सर और मसूरी में भी जन्माष्टमी पर्व मनाया जा रहा है. वहीं, सीएम धामी ने प्रदेशवासियों को जन्माष्टमी पर्व की शुभकामनाएं दी है.
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कृष्ण जिनका नाम, गोकुल जिनका धाम,
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
श्री द्वारकाधीश को हम सब का प्रणाम।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।#KrishnaJanmashtami pic.twitter.com/filpMqNpRt
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केदारनाथ में श्रीकृष्ण की भव्य झांकी निकलीः द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव भव्य तरीके से मनाया जा रहा है. इस दौरान रात के समय मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई. जबकि, आज बदरी केदार मंदिर समिति की ओर से धाम में भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य और भव्य झांकी निकाली गई. इस झांकी ने पूरी केदार नगरी का भ्रमण किया.
वहीं, झांकी में मंदिर समिति के कर्मचारियों के अलावा, तीर्थ पुरोहित, धाम में तैनात सुरक्षा जवान और तीर्थ यात्री भी शामिल हुए. केदारनाथ में हर साल इसी तरह से झांकी निकालकर जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. बीकेटीसी के सीईओ योगेंद्र सिंह ने बताया कि केदारनाथ धाम में धूमधाम से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया गया. जिसमें देश विदेश से आए श्रद्धालुओं ने भी प्रतिभाग किया.
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लक्सर में दुल्हन की तरह से सजे मंदिरः श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर लक्सर में मंदिरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है. हरे कृष्णा मंदिर, जगदंबा मंदिर, दुर्गा मंदिर, शिव मंदिर पर जन्माष्टमी की धूम है. इस दौरान स्कूलों में रंगारंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. जहां महिलाओं ने कृष्ण लीला के गीत गाए तो कई स्थानों पर झांकियां सजाई गई.
मसूरी में जन्माष्टमी का पर्वः मसूरी में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. मसूरी के सभी मंदिरों को सजाया गया है. सुबह से भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा अर्चना की जा रही है. मसूरी राधा कृष्ण मंदिर के आचार्य परशुराम भट्ट ने बताया कि हर साल जन्माष्टमी पर मसूरी के सभी मंदिरों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
इस बार कृष्ण जन्मोत्सव 6 और 7 सितंबर को मनाया जा रहा है. ऐसा किसी एक साल नहीं बल्कि, हर साल होता है. जन्माष्टमी का पर्व दो दिन में मनाए जाने के पीछे दो तरह की परंपरा और मान्यताएं भी हैं. पहले दिन जन्माष्टमी का पर्व स्मार्त यानी गृहस्थ लोग मनाते हैं. वहीं, दूसरे दिन वैष्णव संप्रदाय से जुड़े लोग या साधु संत मनाते हैं.
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