रुद्रप्रयाग: जनपद में कोरोना को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान जिलाधिकारी वंदना सिंह की अध्यक्षता में बैठक की गई. जहां उन्होंने लोगों को कोरोना को लेकर लोगों को जागरूक किया. साथ ही गांव के बीमार, गर्भवती और बुजुर्ग व्यक्तियों के सर्वे के निर्देश भी दिए.
जनपद के तीन विकासखंड की आशाओं के साथ कोविड-19 की कार्यशाला जिलाधिकारी वंदना सिंह की अध्यक्षता में जिला सभागार में आयोजन हुई. कार्यशाला में आशाओं को होम आइसोलेशन का प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण के दौरान आशाओं को होम आइसोलेशन में मरीज की निगरानी करने, सामाजिक दूरी, सैनिटाइजर का उपयोग सहित साफ-सफाई के बारे में भी बताया गया.
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इस दौरान जिलाधिकारी ने आशाओं को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 में आशाओं की अहम भूमिका है. ऐसे में उन्हें न सिर्फ स्वयं की सुरक्षा का ध्यान रखना है, बल्कि अन्य लोगों को भी किसी तरह की भ्रांतियों से बचने के लिए जागरूक करना है. जिलाधिकारी ने आशाओं को गांव में रह रहे लोगों को कोरोना टेस्ट करवाने के लिए जागरूक करने के निर्देश दिए. कहा कि कुछ लोगों द्वारा ऐसा कहा जाता है कि उन में कोरोना के कोई लक्षण नही हैं तो वे टेस्ट क्यों करवाएं? ऐसे लोगों को समझाएं कि उनकी शारीरिक क्षमता बेहतर होने के कारण वायरस का प्रभाव नहीं महसूस होता है. लेकिन उनके संपर्क में आने वाले लोगों को वायरस धीरे-धीरे अपनी चपेट में ले लेता है, इसलिए हर व्यक्ति को कोरोना टेस्ट करवाना आवश्यक है.
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जिलाधिकारी ने कहा कि गांव के लोग अगर कोरोना सैंपलिंग के लिए तैयार होते हैं तो गांव में सभी की निःशुल्क सैंपलिंग जांच की जाएगी. आशाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि उनके द्वारा अच्छा कार्य किया जा रहा है. साथ ही कहा कि आशाओं को भी माह में एक बार सैंपलिंग करना आवश्यक है. गांव में बीमार, गर्भवती और बुजुर्ग व्यक्तियों का सर्वे करें तथा कुछ समय के अंतराल पर उनका हालचाल पूछें. किसी तरह की परेशानी अथवा कोविड के लक्षण पाए जाने पर डॉक्टर को अवगत करायें. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा भ्रान्तियां फैलाई जा रही हैं कि कोरोना के उपचार के लिए मरीज को पैसे मिल रहे हैं जो गलत हैं. इसके लिए उन्होंने आशाओं को इस तरह की किसी भी भ्रामक संदेश पर लोगों को जागरूक करने को कहा. उन्होंने कहा कि शारीरिक क्षमताओं को बढ़ाने के लिए अच्छा पोषण जरूरी है.