रुद्रप्रयाग: द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए आज सुबह विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए हैं. आज सुबह सात बजे मंत्रोच्चारण के साथ कपाट बंद कर दिए गए. इस दौरान भक्तजन भी धाम में दर्शन के लिए पहुंचे.
बता दें कि, बाबा मदमहेश्वर के जयकारों के बीच सुबह सात बजे द्वितीय केदार मदमहेश्वर जी के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. इस अवसर पर डोली प्रभारी मनीष तिवारी, अधिकारी- कर्मचारी, वेदपाठी- पुजारी गण और सीमित संख्या में श्रद्धालु भी मौजूद रहे. मदमहेश्वर धाम में बर्फबारी के कारण मौसम सर्द बना हुआ है.
द्वितीय केदार मदमहेश्वर मंदिर के कपाट बंद होने के पश्चात उत्सव डोली ने मंदिर की परिक्रमा की तथा प्रथम पड़ाव गौंडार गांव को प्रस्थान किया. 20 नवंबर को भगवान मदमहेश्वर की उत्सव डोली द्वितीय पड़ाव रांसी, 21 नवंबर को तृतीय पड़ाव गिरिया और 22 नवंबर को अपने गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी. इसी दिन परंपरागत रूप से मदमहेश्वर मेला आयोजित होगा.
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वहीं, 22 नवंबर को रावल के प्रतिनिधि, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम् प्रबंधन बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह, कार्याधिकारी एनपी जमलोकी, पुजारी बागेश लिंग, केदारनाथ धाम के पुजारी शिवशंकर लिंग, सहायक अभियंता गिरीश देवली, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल स्थानीय जनता सहित तीर्थ यात्री श्री मदमहेश्वर की डोली का मंगोल चौंरी में स्वागत करेंगे.