रुद्रप्रयाग: जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत नरकोटा में रेल परियोजना से मकानों में दरारें पड़ रही है, जिसका जायजा लेने के लिए शुक्रवार को एसडीएम सदर अर्पणा ढौंडियाल गांव पहुंची. उन्होंने नरकोटा में सुरंग निर्माण से आवासीय भवनों को हो रहे खतरे का निरीक्षण किया. एसडीएम ने एक सप्ताह के भीतर जांच कर कार्रवाई का भरोसा ग्रामीणों को दिया.
वहीं, ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि एक सप्ताह के भीतर उनके साथ न्याय नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. बता दें कि बीते लंबे समय से नरकोटा के ग्रामीणों रेल विकास निगम की कार्यप्रणाली को लेकर आंदोलन करते आ रहे हैं, किंतु हर तरफ से हो रहे नुकसान से उनकी समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.
ग्रामीणों का कहना है कि सुरंग बनाने के लिए पहाड़ों में डायनामाइट लगाकर विस्फोट किया जा रहा है, जिससे उनके घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है. इन घरों में रहना उनके लिए किसी खतरे से कम नहीं है. ग्रामीणों का आरोप है कि आरबीएनएल की कॉन्ट्रेर्क्स कम्पनी मेघा और आरसीसी ने ग्रामीणों के प्राचीन नर्वेदेश्वर शिवालय के पैदल सम्पर्क मार्ग को भी भारी क्षति पहुंचाई गई, जबकि प्रांगण के आगे भी मलबा भर गया है. इसके साथ ही गांव का मुख्य सार्वजनिक पैदल मार्ग भी ध्वस्त है.
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ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने रोज प्रदूषण समेत अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों की इसी शिकायत पर उप जिलाधिकारी अर्पणा ढौंडियाल शुक्रवार को नरकोटा गांव पहुंची. उन्होंने जायजा लेते हुए ग्रामीणों के साथ ही आरबीएनएल अधिकारियों से जानकारी ली. उप जिलाधिकारी ने कहा कि एक स्वतंत्र कमेटी एक सप्ताह के भीतर भवनों की जांच करेगी, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.
जिसके बाद एसडीएम ने शिवालय मार्ग, प्राकृतिक नाले पर पडे मलबे, सार्वजनिक पैदल मार्ग का एक सप्ताह के भीतर ट्रीटमेंट करने के निर्देश भी आरबीएनएल और आरसीसी को दिए. ग्राम प्रधान चन्द्रमोहन ने बताया कि गांव में मौजूदा समय में रेल परियोजना से प्रभावित युवाओं को रोजगार नहीं दिया जा रहा है, जबकि बाहर से लोगों को लगाया जा रहा है.