रुद्रप्रयाग: मदमहेश्वर घाटी के पंचायत प्रतिनिधियों और राजस्व विभाग की टीम ने विगत दिनों मदमहेश्वर घाटी के गौंडार में मूसलाधार बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया. ग्रामीणों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया. विगत दिनों मदमहेश्वर घाटी में हुई मूसलाधार बारिश के कारण गौंडार गांव में साल 2016 में करोड़ों रुपये की लागत से बनी लघु जल विद्युत परियोजना के क्षतिग्रस्त होने से गौंडार गांव सहित विभिन्न हिस्सों में अंधेरा छाया हुआ है. अभी तक उरेडा विभाग के अधिकारियों के गांव में न पहुंचने से ग्रामीणों में उरेडा विभाग के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है.
वन पंचायत सरपंच मदन सिंह पंवार ने बताया कि द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम के ऊपरी हिस्से में जल मोड़ नाली का निर्माण न होने से विगत दिनों मंदिर परिसर में पानी भर गया था. भविष्य में भी जल भराव का खतरा बना हुआ है. ग्रामीण हर्षवर्धन ने बताया कि वनातोली से मदमहेश्वर के मध्य पैदल मार्ग 16 स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो चुका है और तीन स्थानों पर पैदल मार्ग अधिक क्षतिग्रस्त हो चुका है.
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पूर्व प्रधान आलम सिंह पंवार ने बताया कि जल संस्थान की मदमहेश्वर-वनातोली पेयजल योजना के क्षतिग्रस्त होने से यात्रा पड़ाव पर पेयजल संकट बना हुआ है. प्रधान बीर सिंह पंवार ने बताया कि करोड़ों रुपये की लागत से बनी लघु जल विद्युत परियोजना के क्षतिग्रस्त होने से गांव विगत तीन दिनों से अंधेरे में जी रहा है. उन्होंने गौंडार गांव सहित विभिन्न तोकों को सोलर लाइट से रोशन करने की मांग की.
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ग्रामीणों का कहना है कि गौंडार-आफल-कोटमा-मकोडा पैदल मार्ग भी कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो चुका है. बौसार-आफल पैदल मार्ग पर बना पुल गदेरे के उफान में बह गया है. मौके पर पहुंचे जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा ने कहा कि ग्रामीणों की हर एक समस्या का निराकरण करने का प्रयास किया जायेगा और समस्याओं से जिलाधिकारी को अवगत कराया जाएगा.