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रामलीला का मंचन: हनुमान जी ने उजाड़ दी लंकेश की अशोक वाटिका

रामलीला में अशोक वाटिका में मां सीता और हनुमान के बीच संवाद का रोचक मंचन किया गया. रामलीला को देखने लोग दूर-दूर से पहुंच रहे हैं.

rudraprayag Kothiada village ramlila news
रामलीला मंचन का आयोजन.
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Published : Nov 7, 2020, 1:10 PM IST

रुद्रप्रयाग: विकासखंड जखोली की ग्राम पंचायत कोठियाड़ा गांव में आयोजित रामलीला मंचन में हनुमान द्वारा लंका प्रवेश का मंचन किया गया. रामलीला देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग दूर-दूर से पहुंच रहे हैं. रामलीला में अशोक वाटिका में मां सीता और हनुमान के बीच संवाद का रोचक मंचन किया गया. इसके अलावा रामलीला मंचन के दौरान हनुमान रावण संवाद, लंका दहन एवं समुद्र पर विश्राम की लीलाओं का मंचन किया गया.

इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि मानव जाति श्रीराम चंद्र के जीवन, उनके मूल्य और आदर्श से सीखकर आगे बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि भगवान ने कभी किसी के साथ वर्ग-जाति भेद नहीं किया. उनके लिए सभी समान थे. आज इंसान के अंदर समानता का भाव और भाईचारा बहुत कम देखने को मिलता है. उन्होंने कहा कि हमें अपने अंदर के अहंकार, ईर्ष्या, जलन और द्वेष की भावना को खत्म करना होगा. यही भगवान राम ने सीख दी थी.

यह भी पढ़ें-हल्द्वानी: राज्य स्थापना दिवस पर दो दिवसीय उत्तराखंड महोत्सव

व्यापार सभा मयाली के अध्यक्ष प्रेम प्रकाश कोठारी, नगर पंचायत तिलवाड़ा के सभासद संजय रावत, पूर्व प्रधान लौंगा, जगदीश गोदियाल, शिक्षक लक्ष्मी प्रसाद कोठारी ने कहा कि टीवी-मोबाइल के इस दौर में भी गांव की रामलीला प्रासंगिक है.उन्होंने रामलीला की परंपरा को जीवंत रखने के लिए रामलीला कमेटी को बधाई दी.

रुद्रप्रयाग: विकासखंड जखोली की ग्राम पंचायत कोठियाड़ा गांव में आयोजित रामलीला मंचन में हनुमान द्वारा लंका प्रवेश का मंचन किया गया. रामलीला देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय लोग दूर-दूर से पहुंच रहे हैं. रामलीला में अशोक वाटिका में मां सीता और हनुमान के बीच संवाद का रोचक मंचन किया गया. इसके अलावा रामलीला मंचन के दौरान हनुमान रावण संवाद, लंका दहन एवं समुद्र पर विश्राम की लीलाओं का मंचन किया गया.

इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कहा कि मानव जाति श्रीराम चंद्र के जीवन, उनके मूल्य और आदर्श से सीखकर आगे बढ़ सकती है. उन्होंने कहा कि भगवान ने कभी किसी के साथ वर्ग-जाति भेद नहीं किया. उनके लिए सभी समान थे. आज इंसान के अंदर समानता का भाव और भाईचारा बहुत कम देखने को मिलता है. उन्होंने कहा कि हमें अपने अंदर के अहंकार, ईर्ष्या, जलन और द्वेष की भावना को खत्म करना होगा. यही भगवान राम ने सीख दी थी.

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