रुद्रप्रयाग: गंगोत्री, यमुनोत्री और बदरीनाथ धाम के दर्शन देश-विदेश के तीर्थ यात्रियों को आसानी से हो रहे हैं, लेकिन केदारनाथ धाम के दर्शनों के लिये यात्रियों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. कारण यात्रियों को पंजीकरण न होना. जिन यात्रियों ने केदारनाथ धाम जाने के लिये पंजीकरण नहीं करवाया है, उन्हें रुद्रप्रयाग से वापस लौटाया जा रहा है. ऐसे में यात्रियों में निराशा है, पुलिस के सामने कई बार फरियाद करने और धूप-प्यास में खड़े रहने के बाद भी यात्रियों को निराशा ही मिल रही है.
केदारनाथ धाम की यात्रा पर आने के लिये तीर्थ यात्रियों का भारी जमावड़ा है, लेकिन आधे से अधिक तीर्थ यात्री बिना पंजीकरण के केदारनाथ धाम की यात्रा पर पहुंच रहे हैं. ऐसे में यात्रियों को रुद्रप्रयाग में जगह-जगह बैरियरों पर रोका जा रहा है. बिना पंजीकरण के आये यात्रियों को वापस भेजा जा रहा है. अभी तक हजारों तीर्थ यात्रियों को पुलिस वापस भेज चुकी है.
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दरअसल, केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. एक दिन में 10-15 हजार से अधिक तीर्थ यात्री केदारनाथ धाम के दर्शनों के लिये पहुंच रहे हैं. बाबा केदारनाथ के कपाट खुले अभी एक महीना भी नहीं हुआ है. ऐसे में कई यात्री ऐसे भी हैं, जो बिना रजिस्ट्रेशन के ही पहुंच रहे हैं और ऐसे यात्रियों को पुलिस रास्ते में ही रोक रही है और वहीं से वापस भेज रही है. रजिस्ट्रेशन वाले यात्रियों को ही केदारनाथ भेजने की अनुमति दी जा रही है.
ऐसे में हजारों किलोमीटर की दूरी चलने के बाद आधे रास्ते से वापस भेजे जाने पर यात्री बेहद परेशान हो रहे हैं. यात्रियों का कहना है कि वह कई सौ किमी का सफर करके आ रहे हैं, लेकिन रजिस्ट्रेशन न होने के कारण उन्हें वापस भेजा जा रहा है. साथ ही यात्री प्रशासन पर भी तमाम तरह के आरोप लगा रहे हैं. उनका कहना है कि हमारे द्वारा रजिस्ट्रेशन कराया भी गया है, लेकिन स्थानीय प्रशासन उस रजिस्ट्रेशन को फर्जी बता रहा है.
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वहीं, कई यात्रियों का कहना है कि उनके कई घंटों से जाम में रुकने पर दिक्कतें हो रही हैं. साथ ही यात्रा का रजिस्ट्रेशन की तारीख बहुत देरी में मिली होने के कारण भी उनका समय खराब हो रहा है और उन्हें खाने-पीने की समस्या भी हो रही है.
वहीं, श्री केदारनाथ होटल एसोसिएशन ने रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की है. होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि यात्रियों के न पहुंचने से उनका रोजगार भी प्रभावित हो रहा है. केदारघाटी में अधिकांश होटल-लॉज खाली हैं. उन्होंने सरकार से रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता को समाप्त करने की मांग की है.
जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित ने यात्रियों के अपील की है कि वे रजिस्ट्रेशन के बाद ही केदारनाथ की यात्रा पर आए. वरना उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा.