रुद्रप्रयाग: भरदार क्षेत्र के ग्राम पंचायत दरमोला (darmola Village) में चल रहे पांडव नृत्य (Pandav Nritya) को देखने के धियाणियां (बेटियां) भी अपने मायके पहुंचनी शुरू हो गई हैं. पांडव नृत्य में प्रतिदिन हनुमान के पश्वा का नृत्य भी लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. देर रात तक चलने वाला पांडव नृत्य लोगों को खूब पसंद आ रहा है.
पांडव नृत्य (Pandav Nritya) कमेटी दरमोला (darmola Village) के तत्वाधान में दरमोला भरदार में चल रहे पांडव नृत्य में प्रतिदिन पुजारी कीर्तिराम डिमरी द्वारा बदरी विशाल, हीत, तुंगनाथ, मां चामुंडा, नागराजा, क्षेत्रपाल समेत कई देव निशानों की पूजा-अर्चना एवं आरती के बाद ही पाण्डव नृत्य शुरू हो रहा है. इस दिनों दरमोला गांव में पांडव नृत्य की धूम है. पांडव पश्वा नाचने वाले स्थान को पूजा करने के बाद ही नृत्य शुरु कर रहे हैं.
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पांडव नृत्य (Pandav Nritya) में हनुमान की भूमिका को भी महत्वपूर्ण माना जाता है. पांडव के पश्र्वा जब अस्त्र-शस्त्रों एवं ढोल दमाऊ की थाप पर नृत्य करते हैं, तो ऐसा प्रतीत होता है कि पांडव यहां सजीव रुप में यहां आ गए हों. गांव की धियाणियां भी पांडवों के दर्शनों के लिए मायके पहुंचनी शुरू हो गई हैं. धियाणियां भी काफी उत्साह के साथ पांडव नृत्य एवं देवताओं के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रही हैं.
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पांडव नृत्य देखने के लिए दरमोला(darmola Village) के साथ ही जवाड़ी, रौठिया, उत्यासू, डुंग्री, स्वीली, सेम, दरमोला, तरवाड़ी, कालापहाड़ समेत कई गांवों के ग्रामीण यहां बड़ी संख्या में पहुंच नृत्य का आंनद ले रहे हैं. पांडव नृत्य कमेटी के अध्यक्ष जसपाल सिंह पंवार ने बताया कि 1 दिसम्बर नौगरी का कौथिग, 2 दिसम्बर को गेंडा कौथिग व सिरोता एवं 3 दिसम्बर को फल वितरण के साथ पांडव नृत्य का समापन होगा. उन्होंने अधिक से अधिक लोगों से यहां पहुंचकर आशीर्वाद लेने की अपील की है.