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चारधाम में अब तक 91 श्रद्धालुओं की मौत, गुरुवार को 16 लोगों ने तोड़ा दम

तीन मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू हो गई थी. चारधाम यात्रा को शुरू हुए अभीतक एक महीना भी नहीं हुआ है, लेकिन अभीतक 91 लोगों की मौत हो चुकी है. इससे साफ पता चलता है कि चारधाम यात्रा में किस तरह से अव्यवस्थाएं फैली हैं, जिसकी खामियाजा यात्रियों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है.

Chardham yatra
चारधाम
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Published : May 26, 2022, 7:15 PM IST

Updated : May 27, 2022, 11:42 AM IST

रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी: उत्तराखंड चारधाम में तीर्थयात्रियों की मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. गुरुवार 26 मई को एक दिन में ही 16 यात्रियों की जान चली गई. भी केदारनाथ धाम में चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई. वहीं, यमुनोत्री धाम में भी 4 तीर्थयात्रियों ने दम तोड़ दिया. केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में गुरुवार को हुई सभी आठ मौतें बीमारी के कारण ही हुई हैं. चारधाम में अभीतक 91 श्रद्धालुओं की मौत हो चुका है.

एक दिन में 16 तीर्थयात्रियों की मौत: उत्तराखंड की डायरेक्टर हेल्थ डॉक्टर शैलजा ने बताया कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होने से गुरुवार 26 मई तक 91 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है. डॉक्टर शैलजा के अनुसार 16 तीर्थ यात्रियों की मौत अकेले 26 मई को हुई है. आपको बता दें कि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 3 मई से शुरू हुई थी. 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुले थे. 6 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुले थे. 8 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्री पूरी तरह शुरू हो गई थी.

यमुनोत्री धाम में मौत का आंकड़ा: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में बदलता मौसम श्रद्धालुओं की जान पर भारी पड़ रहा है. गुरुवार 26 मई को यमुनोत्री धाम में तीन तीर्थयात्रियों की मौत हुई है. इसी के साथ यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा 26 तक पहुंच गया है. जिनमें से तीन यात्रियों की गिरने और चोट लगने से मौत हुई, बाकी की सभी 23 श्रद्धालुओं की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है.

चारधाम में मौत का आंकड़ाः बता दें कि चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) अभी तक 91 श्रद्धालुओं की मौत (Pilgrims death in Chardham) हो चुकी है. यमुनोत्री धाम में 26 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. गंगोत्री धाम में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. केदारनाथ धाम में 42 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. उधर, बदरीनाथ धाम में भी 17 यात्रियों ने जान गंवाई है. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा मौते केदारनाथ यात्रा में हुई है. जहां अभी तक 42 तीर्थ यात्रियों की सांसें थम चुकी है.
पढ़ें- यमुनोत्री में श्रद्धालुओं को मिलेगी पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा, हर 5KM पर एंबुलेंस तैनात

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार देर शाम को यमुनोत्री मंदिर परिसर में दिलिप परांसपे (75) पुत्र मधुकर परांसपे निवासी कंचनगली लॉ कालेज पुणे महाराष्ट्र की हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई. वहीं, गुरुवार को रामचन्द्र साहू (67) पुत्र विश्वनाथ प्रसाद निवासी 32/334 चकदाउद नगर नैनी प्रयागराज, यूपी की सीएचसी बड़कोट और लाल चन्द राठी (56) पुत्र पशुराज राठी निवासी चुरू राजस्थान की यमुनोत्री दर्शन करने जाते वक्त पैदल मार्ग पर राममंदिर के निकट हृदय गति रुकने से मौत हो गई.

केदारनाथ में 42 तीर्थयात्रियों की मौत: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में सबसे ज्यादा मौतें केदारनाथ धाम में हो रही है. केदारनाथ धाम में गुरुवार को 4 लोगों की मौत हुई है. गुरुवार को जिन चार तीर्थयात्रियों की मौत हुई है, उसके नाम नंदू (65) निवासी नालंदा बिहार, हरिद्वार तिवारी (62) बलरामपुर झाबड़ा उत्तर प्रदेश, रामनारायण त्रिपाठी (65) विश्वेश्वरनगर आलमबाग उत्तर प्रदेश और हेमराज सोनी (61) निवासी सीसवती जिला बारा राजस्थान है.
पढ़ें- चारधाम यात्री कृपया ध्यान दें, बुकिंग स्लॉट फुल, उत्तराखंड पुलिस ने श्रद्धालुओं से की ये अपील

केदारनाथ धाम और पैदल मार्ग पर मरने वाले अधिकांश तीर्थयात्रियों की मौत का कारण हार्ट अटैक ही सामने आ रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक गौरीकुंड से केदारनाथ की पैदल चढ़ाई चढ़ने वाले यात्रियों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, जिसे वे नजरअंदाज कर दे रहे हैं और इसी वजह से उनकी मौतें हो रही है.

अब तक केदारनाथ यात्रा के दौरान 42 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. वहीं, जिला अस्पताल में मोर्चरी रूम भी छोटा होने से पोस्टमॉर्टम सही समय पर नहीं हो पा रहा है. जिस यात्री की पहचान नहीं हो पा रही है, उनका शव तीन दिनों तक रखा जा रहा है. मोर्चरी रूम में बॉडी रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की भी व्यवस्था नहीं है. ऐसे में पोस्टमॉर्टम के समय भी दिक्कतें हो रही हैं.
पढ़ें- चारधाम यात्रा मार्ग पर 'देवदूत' बने NDRF के जवान, यात्रियों की कर रहे हरसंभव मदद

रुद्रप्रयाग मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीके शुक्ला ने बताया कि केदारनाथ यात्रा के दौरान अब तक 42 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. तीर्थयात्रियों को सलाह दिये जाने के बाद भी वे अपने स्वास्थ्य के प्रति चिंतित नहीं दिखाई दे रहे हैं. यात्रा के दौरान श्रद्धालु श्रद्धा भाव से भूखे पेट यात्रा कर रहे हैं, जबकि जो बीमार यात्री हैं, वे सही समय दवाईयां नहीं ले रहे हैं और उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है.

उन्होंने बताया कि गुरूवार को 1,619 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार कराया किया गया. जिसमें 1,187 पुरुष और 432 महिलाएं शामिल हैं. अब तक ओपीडी के माध्यम से 38,706 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार किया गया है. साथ ही अब तक 844 यात्रियों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई है.

रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी: उत्तराखंड चारधाम में तीर्थयात्रियों की मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. गुरुवार 26 मई को एक दिन में ही 16 यात्रियों की जान चली गई. भी केदारनाथ धाम में चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई. वहीं, यमुनोत्री धाम में भी 4 तीर्थयात्रियों ने दम तोड़ दिया. केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में गुरुवार को हुई सभी आठ मौतें बीमारी के कारण ही हुई हैं. चारधाम में अभीतक 91 श्रद्धालुओं की मौत हो चुका है.

एक दिन में 16 तीर्थयात्रियों की मौत: उत्तराखंड की डायरेक्टर हेल्थ डॉक्टर शैलजा ने बताया कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होने से गुरुवार 26 मई तक 91 तीर्थ यात्रियों की मौत हो चुकी है. डॉक्टर शैलजा के अनुसार 16 तीर्थ यात्रियों की मौत अकेले 26 मई को हुई है. आपको बता दें कि उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 3 मई से शुरू हुई थी. 3 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुले थे. 6 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुले थे. 8 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्री पूरी तरह शुरू हो गई थी.

यमुनोत्री धाम में मौत का आंकड़ा: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में बदलता मौसम श्रद्धालुओं की जान पर भारी पड़ रहा है. गुरुवार 26 मई को यमुनोत्री धाम में तीन तीर्थयात्रियों की मौत हुई है. इसी के साथ यमुनोत्री धाम में श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा 26 तक पहुंच गया है. जिनमें से तीन यात्रियों की गिरने और चोट लगने से मौत हुई, बाकी की सभी 23 श्रद्धालुओं की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है.

चारधाम में मौत का आंकड़ाः बता दें कि चारधाम यात्रा (Chardham Yatra 2022) अभी तक 91 श्रद्धालुओं की मौत (Pilgrims death in Chardham) हो चुकी है. यमुनोत्री धाम में 26 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. गंगोत्री धाम में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. केदारनाथ धाम में 42 श्रद्धालुओं की मौत हुई है. उधर, बदरीनाथ धाम में भी 17 यात्रियों ने जान गंवाई है. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो सबसे ज्यादा मौते केदारनाथ यात्रा में हुई है. जहां अभी तक 42 तीर्थ यात्रियों की सांसें थम चुकी है.
पढ़ें- यमुनोत्री में श्रद्धालुओं को मिलेगी पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा, हर 5KM पर एंबुलेंस तैनात

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार देर शाम को यमुनोत्री मंदिर परिसर में दिलिप परांसपे (75) पुत्र मधुकर परांसपे निवासी कंचनगली लॉ कालेज पुणे महाराष्ट्र की हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई. वहीं, गुरुवार को रामचन्द्र साहू (67) पुत्र विश्वनाथ प्रसाद निवासी 32/334 चकदाउद नगर नैनी प्रयागराज, यूपी की सीएचसी बड़कोट और लाल चन्द राठी (56) पुत्र पशुराज राठी निवासी चुरू राजस्थान की यमुनोत्री दर्शन करने जाते वक्त पैदल मार्ग पर राममंदिर के निकट हृदय गति रुकने से मौत हो गई.

केदारनाथ में 42 तीर्थयात्रियों की मौत: उत्तराखंड चारधाम यात्रा में सबसे ज्यादा मौतें केदारनाथ धाम में हो रही है. केदारनाथ धाम में गुरुवार को 4 लोगों की मौत हुई है. गुरुवार को जिन चार तीर्थयात्रियों की मौत हुई है, उसके नाम नंदू (65) निवासी नालंदा बिहार, हरिद्वार तिवारी (62) बलरामपुर झाबड़ा उत्तर प्रदेश, रामनारायण त्रिपाठी (65) विश्वेश्वरनगर आलमबाग उत्तर प्रदेश और हेमराज सोनी (61) निवासी सीसवती जिला बारा राजस्थान है.
पढ़ें- चारधाम यात्री कृपया ध्यान दें, बुकिंग स्लॉट फुल, उत्तराखंड पुलिस ने श्रद्धालुओं से की ये अपील

केदारनाथ धाम और पैदल मार्ग पर मरने वाले अधिकांश तीर्थयात्रियों की मौत का कारण हार्ट अटैक ही सामने आ रहा है. डॉक्टरों के मुताबिक गौरीकुंड से केदारनाथ की पैदल चढ़ाई चढ़ने वाले यात्रियों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, जिसे वे नजरअंदाज कर दे रहे हैं और इसी वजह से उनकी मौतें हो रही है.

अब तक केदारनाथ यात्रा के दौरान 42 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. वहीं, जिला अस्पताल में मोर्चरी रूम भी छोटा होने से पोस्टमॉर्टम सही समय पर नहीं हो पा रहा है. जिस यात्री की पहचान नहीं हो पा रही है, उनका शव तीन दिनों तक रखा जा रहा है. मोर्चरी रूम में बॉडी रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की भी व्यवस्था नहीं है. ऐसे में पोस्टमॉर्टम के समय भी दिक्कतें हो रही हैं.
पढ़ें- चारधाम यात्रा मार्ग पर 'देवदूत' बने NDRF के जवान, यात्रियों की कर रहे हरसंभव मदद

रुद्रप्रयाग मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीके शुक्ला ने बताया कि केदारनाथ यात्रा के दौरान अब तक 42 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है. तीर्थयात्रियों को सलाह दिये जाने के बाद भी वे अपने स्वास्थ्य के प्रति चिंतित नहीं दिखाई दे रहे हैं. यात्रा के दौरान श्रद्धालु श्रद्धा भाव से भूखे पेट यात्रा कर रहे हैं, जबकि जो बीमार यात्री हैं, वे सही समय दवाईयां नहीं ले रहे हैं और उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है.

उन्होंने बताया कि गुरूवार को 1,619 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार कराया किया गया. जिसमें 1,187 पुरुष और 432 महिलाएं शामिल हैं. अब तक ओपीडी के माध्यम से 38,706 श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार किया गया है. साथ ही अब तक 844 यात्रियों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई है.

Last Updated : May 27, 2022, 11:42 AM IST
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