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रुद्रप्रयाग: जल संरक्षण, सम्वर्द्धन व वृक्षारोपण पर डीएम ने दिया जोर - rudraprayag water conservation updates

जल संरक्षण, सम्वर्द्धन व वृक्षारोपण को लेकर की गई बैठक में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने नदियों के पुनरुद्धार पर चर्चा की. साथ ही जल संरक्षण पर भी जोर दिया.

रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी की बैठक समाचार, डीएम ने ली बैठक रुद्रप्रयाग
जिलाधिकारी ने ली बैठक.
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Published : Jun 1, 2020, 9:14 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिलाधिकारी वंदना सिंह ने जल संरक्षण, सम्वर्द्धन व वृक्षारोपण को लेकर बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि नदियों के पुनरुद्धार के लिए गोविंद बल्लभ पंत या वाडिया भूगर्भ वैज्ञानिक संस्था के वैज्ञानिकों से सर्वे व रिपोर्ट के आधार पर ही सिंचाई विभाग प्राकलन बनाए. प्राकलन में कार्यों का समय निर्धारित कर कार्य शुरू किया जाएगा.

जल संरक्षण कार्यों के लिए जनपद के पुराने स्त्रोतों का पौराणिक विधि से सुधारीकरण के मॉडल विकसित करने, पोषण वाटिका को भी मनरेगा योजना के अंतर्गत स्थापित किया जाएगा, जिसमें की ग्राम स्तर पर पोषण वाटिका बनने से जो पोषण संबंधित समस्या होती है, उसे कुछ कम किया जा सके.

वर्तमान वर्ष में हरेला दिवस के अवसर पर चारा विकास नर्सरी को बड़े पैमाने पर विकसित करना होगा. इसके लिए जिन विभागों को वृक्षारोपण करना है वे वृक्षारोपण स्थल की सूची मुख्य विकास अधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दें, जिससे एक स्थल पर एक ही विभाग करें व कार्यों की डुप्लीकेसी न हो.

यह भी पढ़ें-रुद्रप्रयाग: लॉकडाउन में छूट के बाद निर्माण कार्य शुरू, विधायक ने किया शिलान्यास

नमामि गंगे योजना के अंतर्गत चोपडा, धारकोट, क्वीली, कुरझन में 16.5 लाख की योजना को जीओ हाइड्रोलॉजी के अनुसार मैपिंग की जाए और उसके पश्चात जल श्रोतों की कुल संख्या की जानकारी ली जाए.

रुद्रप्रयाग: जिलाधिकारी वंदना सिंह ने जल संरक्षण, सम्वर्द्धन व वृक्षारोपण को लेकर बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि नदियों के पुनरुद्धार के लिए गोविंद बल्लभ पंत या वाडिया भूगर्भ वैज्ञानिक संस्था के वैज्ञानिकों से सर्वे व रिपोर्ट के आधार पर ही सिंचाई विभाग प्राकलन बनाए. प्राकलन में कार्यों का समय निर्धारित कर कार्य शुरू किया जाएगा.

जल संरक्षण कार्यों के लिए जनपद के पुराने स्त्रोतों का पौराणिक विधि से सुधारीकरण के मॉडल विकसित करने, पोषण वाटिका को भी मनरेगा योजना के अंतर्गत स्थापित किया जाएगा, जिसमें की ग्राम स्तर पर पोषण वाटिका बनने से जो पोषण संबंधित समस्या होती है, उसे कुछ कम किया जा सके.

वर्तमान वर्ष में हरेला दिवस के अवसर पर चारा विकास नर्सरी को बड़े पैमाने पर विकसित करना होगा. इसके लिए जिन विभागों को वृक्षारोपण करना है वे वृक्षारोपण स्थल की सूची मुख्य विकास अधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दें, जिससे एक स्थल पर एक ही विभाग करें व कार्यों की डुप्लीकेसी न हो.

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नमामि गंगे योजना के अंतर्गत चोपडा, धारकोट, क्वीली, कुरझन में 16.5 लाख की योजना को जीओ हाइड्रोलॉजी के अनुसार मैपिंग की जाए और उसके पश्चात जल श्रोतों की कुल संख्या की जानकारी ली जाए.

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