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द्वितीय केदार मद्महेश्वर और भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि घोषित - उत्तराखंड न्यूज

दोनों मंदिरों की कपाट खुलने की तिथि घोषणा के समय लॉकडाउन का नियमों का पूरा पालन किया गया. साथ सोशल डिस्टेंस का भी ध्यान रखा गया.

रुद्रप्रयाग
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Published : Apr 13, 2020, 1:48 PM IST

रुद्रप्रयाग: पंच केदारो में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मद्महेश्वर के कपाट 11 मई और तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट 20 मई को आम लोगों के दर्शनार्थ खुलेंगे. सोमवार को बैसाखी के पर्व पर पंचांग गणना से कपाट खुलने और डोली प्रस्थान की तिथि तय कर घोषित की गई. दोपहर बाद भगवान बूढा मद्महेश्वर के पुष्पक विमान ने सादगी से ओंकारेश्वर मंदिर की परिक्रमा की गई.

ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में बैसाखी पर्व पर घोषित तिथि के अनुसार भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियां सात मई को शीतकालीन गद्दी स्थल के गर्भगृह से सभा मंंडप लाई जाएगी. आठ मई को पुणखी मेले का आयोजन कर भगवान मद्महेश्वर को नये अनाज का भोग अर्पित किया जाएगा. नौ मई को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को डोली में विराजमान कर डोली का विशेष श्रृंगार किया जायेगा.

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इसके बाद भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से कैलाश के लिए रवाना होकर डगवाडी, ब्रह्मामणखोली, मंगोलचारी, सलामी, फापज, मनसूना, बुरुवा, राऊलैक और उनियाणा यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रासी पहुंचेगी. 10 मई को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली रासी से प्रस्थान कर अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गांव पहुंचेगी. 11 मई को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गांव से रवाना होकर बनातोली, खटारा, नानौ, मैखम्भा और कूनचट्टी यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए अपने धाम पहुंचेगी. इसके बाद 11 मई दोपहर 12 बजे भगवान मद्महेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे.

पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट खोलने की तिथि भी बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कण्डेय तीर्थ मक्कूमठ में हक-हकूधारियो की मौजूदगी में सादगी के साथ घोषित कर दी गयी है. 18 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कण्डेय तीर्थ मक्कूमठ से रवाना होकर रात्रि प्रवास के लिए गांव के मध्य भूतनाथ मंदिर पहुंचेगी, जहां पर ग्रमीण नये अनाज का भोग लगाकर आगामी यात्रा के निर्विघ्न समपन्न होने की कामना की जाएगी.

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19 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मंदिर से रवाना होकर पावजगपुणा, चिलियाखोड़, बनिया कुंड यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए अंतिम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी. वहीं, 20 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए अपने धाम पहुंचेगी. डोली के धाम में पहुंचने पर 11.30 बजे कर्क लग्न में भगवान तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगे.

रुद्रप्रयाग: पंच केदारो में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मद्महेश्वर के कपाट 11 मई और तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ धाम के कपाट 20 मई को आम लोगों के दर्शनार्थ खुलेंगे. सोमवार को बैसाखी के पर्व पर पंचांग गणना से कपाट खुलने और डोली प्रस्थान की तिथि तय कर घोषित की गई. दोपहर बाद भगवान बूढा मद्महेश्वर के पुष्पक विमान ने सादगी से ओंकारेश्वर मंदिर की परिक्रमा की गई.

ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में बैसाखी पर्व पर घोषित तिथि के अनुसार भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियां सात मई को शीतकालीन गद्दी स्थल के गर्भगृह से सभा मंंडप लाई जाएगी. आठ मई को पुणखी मेले का आयोजन कर भगवान मद्महेश्वर को नये अनाज का भोग अर्पित किया जाएगा. नौ मई को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को डोली में विराजमान कर डोली का विशेष श्रृंगार किया जायेगा.

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इसके बाद भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से कैलाश के लिए रवाना होकर डगवाडी, ब्रह्मामणखोली, मंगोलचारी, सलामी, फापज, मनसूना, बुरुवा, राऊलैक और उनियाणा यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रासी पहुंचेगी. 10 मई को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली रासी से प्रस्थान कर अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गांव पहुंचेगी. 11 मई को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गांव से रवाना होकर बनातोली, खटारा, नानौ, मैखम्भा और कूनचट्टी यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए अपने धाम पहुंचेगी. इसके बाद 11 मई दोपहर 12 बजे भगवान मद्महेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जाएंगे.

पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट खोलने की तिथि भी बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कण्डेय तीर्थ मक्कूमठ में हक-हकूधारियो की मौजूदगी में सादगी के साथ घोषित कर दी गयी है. 18 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कण्डेय तीर्थ मक्कूमठ से रवाना होकर रात्रि प्रवास के लिए गांव के मध्य भूतनाथ मंदिर पहुंचेगी, जहां पर ग्रमीण नये अनाज का भोग लगाकर आगामी यात्रा के निर्विघ्न समपन्न होने की कामना की जाएगी.

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19 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली भूतनाथ मंदिर से रवाना होकर पावजगपुणा, चिलियाखोड़, बनिया कुंड यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए अंतिम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी. वहीं, 20 मई को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली चोपता से रवाना होकर सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए अपने धाम पहुंचेगी. डोली के धाम में पहुंचने पर 11.30 बजे कर्क लग्न में भगवान तुंगनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगे.

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