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रुद्रप्रयाग: मौसम पर भारी पड़ी आस्था, बर्फबारी के बीच गुप्तकाशी पहुंची दिवारा यात्रा

भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा सांकरी गांव से विदा होकर रात्रि प्रवास के लिए गुप्तकाशी पहुंची. जहां श्रद्धालुओं ने भगवान का दर्शन कर अर्घ्य अर्पित किया.

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भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा
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Published : Mar 7, 2020, 7:46 PM IST

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा सांकरी गांव से विदा होकर शनिवार को रात्रि प्रवास के लिए गुप्तकाशी पहुंची. कड़ाके की इस ठंड में भी ग्रामीण भगवान तुंगनाथ की भक्ति में लीन दिखाई दिए. वहीं, रविवार को दिवारा यात्रा गुप्तकाशी क्षेत्र से विदा होकर पतित पावनी मंदाकिनी की जल धाराओं को पार कर रात्रि प्रवास के लिए तुंगनाथ मंदिर पहुंचेगी.

बता दें कि सांकरी गांव में तुंगनाथ की दिवारा यात्रा पहुंचते ही लोग खुशी से झूम उठे. मौके पर मौजूद आचार्य माहेश्वर प्रसाद मैठाणी के अन्य लोगों ने ब्रह्म बेला पर पंचनाम देवताओं का आह्वान कर पूजा-अर्चना की. जिसके बाद भगवान तुंगनाथ के दिवारा यात्रा में साथ चल रहे अनेक देवी-देवताओं के रुद्राभिषेक कर आरती की गई. इस अवसर पर ब्राह्मणों द्वारा भगवान तुंगनाथ की डोली का विशेष श्रृंगार किया गया. वहीं, ग्रामीणों ने भगवान पर अर्घ्य अर्पित कर विश्व कल्याण की कामना की.

ये भी पढ़े: देहरादून: आंदोलनरत कर्मचारी एसोसिएशन अध्यक्ष ने बताया अपनी जान को खतरा

वहीं, दोपहर के समय भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को आशीष प्राप्त हुआ. भगवान विश्वनाथ और भगवान तुंगनाथ के अदभुत मिलन के सैकड़ों श्रद्धालु साक्षी बने.

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा सांकरी गांव से विदा होकर शनिवार को रात्रि प्रवास के लिए गुप्तकाशी पहुंची. कड़ाके की इस ठंड में भी ग्रामीण भगवान तुंगनाथ की भक्ति में लीन दिखाई दिए. वहीं, रविवार को दिवारा यात्रा गुप्तकाशी क्षेत्र से विदा होकर पतित पावनी मंदाकिनी की जल धाराओं को पार कर रात्रि प्रवास के लिए तुंगनाथ मंदिर पहुंचेगी.

बता दें कि सांकरी गांव में तुंगनाथ की दिवारा यात्रा पहुंचते ही लोग खुशी से झूम उठे. मौके पर मौजूद आचार्य माहेश्वर प्रसाद मैठाणी के अन्य लोगों ने ब्रह्म बेला पर पंचनाम देवताओं का आह्वान कर पूजा-अर्चना की. जिसके बाद भगवान तुंगनाथ के दिवारा यात्रा में साथ चल रहे अनेक देवी-देवताओं के रुद्राभिषेक कर आरती की गई. इस अवसर पर ब्राह्मणों द्वारा भगवान तुंगनाथ की डोली का विशेष श्रृंगार किया गया. वहीं, ग्रामीणों ने भगवान पर अर्घ्य अर्पित कर विश्व कल्याण की कामना की.

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वहीं, दोपहर के समय भगवान तुंगनाथ की दिवारा यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को आशीष प्राप्त हुआ. भगवान विश्वनाथ और भगवान तुंगनाथ के अदभुत मिलन के सैकड़ों श्रद्धालु साक्षी बने.

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