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रुद्रप्रयाग: चौमासी गांव में लाई मेले का आयोजन, 36 भेड़ पालकों ने लिया हिस्सा

कालीमठ घाटी के चौमासी गांव के भुलाणी बुग्यालों में लाई मेले का आयोजन किया गया. मेले में 36 भेड़ पालकों ने प्रतिभाग किया, जिसमें 31 भेड़ पालकों को सम्मानित किया गया.

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लाई मेले का आयोजन
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Published : Oct 6, 2020, 9:57 AM IST

रुद्रप्रयाग: जिले के कालीमठ घाटी की सीमांत ग्राम पंचायत चौमासी से लगभग 2 किलोमीटर दूर भुलाणी के सुरम्य मखमली बुग्यालों में लाई मेले का आयोजन किया गया, जिसमें 36 भेड़ पालक, 1,400 भेड़ों के साथ शामिल हुए. वहीं, लाई मेले में पशुपालन विभाग ने भेड़ प्रदर्शनी में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले सहित 31 भेड़ पालकों को सम्मानित किया.

सोमवार को कालीमठ घाटी के चौमासी गांव के भुलाणी बुग्यालों में लाई मेले का आयोजन किया गया. लोक मान्यताओं के अनुसार मखमली बुग्यालों में 6 महीने प्रवास करने वाले भेड़ पालकों द्वारा प्रतिवर्ष भाद्रपद की पांच गते को लाई मेले का आयोजन किया जाता है. बतौर मुख्य अतिथि केदारनाथ विधायक मनोज रावत मेंले में शिरकत करने पहुंचे.

लाई मेले का आयोजन

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इस मौके पर उन्होंने कहा कि ने भेड़ पालन व्यवसाय, सीमांत गांवों का मुख्य व्यवसाय है. सभी ग्रामीण इससे पहले इसी व्यवसाय पर ही निर्भर रहते थे, लेकिन वर्तमान में संसाधनों के अभाव में भेड़ पालन व्यवसाय में गिरावट आई है, जो कि चिंता का विषय है. वहीं, विधायक रावत ने चौमासी गांव में विधायक निधि से निर्मित सामुदायिक मिलन केंद्र के प्रथम तल का भी लोकार्पण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सामुदायिक मिलन केंद्र का लाभ हर स्वयं सहायता समूह को मिलेगा.

ये भी पढ़ें: देहरादून: बद्रीपुर में मां-बेटी पर चाकू से हमला, महिला की हालत नाजुक

वहीं, विधायक मनोज रावत का कहना है कि भेड़ पालन व्यवसाय, हमारे पूर्वजों की धरोहर है. लाई मेला हमारा पौराणिक धरोहर है. इसे जीवित रखने की सामूहिक पहल होनी चाहिए. आने वाले समय में सभी ग्रामीणों की पहल पर लाई मेले को और भी भव्य रूप दिया जाएगा. लाई मेले में आयोजित भेड़ प्रदर्शन में जाल तल्ला निवासी हेमा देवी की भेड़ 1,400 भेड़ों में प्रथम रही, जबकि भेड़ प्रदर्शनी समूह में मुकेश राणा प्रथम, प्रकाश सिंह द्वितीय और अनूप सिंह तृतीय स्थान पर रहे.

रुद्रप्रयाग: जिले के कालीमठ घाटी की सीमांत ग्राम पंचायत चौमासी से लगभग 2 किलोमीटर दूर भुलाणी के सुरम्य मखमली बुग्यालों में लाई मेले का आयोजन किया गया, जिसमें 36 भेड़ पालक, 1,400 भेड़ों के साथ शामिल हुए. वहीं, लाई मेले में पशुपालन विभाग ने भेड़ प्रदर्शनी में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले सहित 31 भेड़ पालकों को सम्मानित किया.

सोमवार को कालीमठ घाटी के चौमासी गांव के भुलाणी बुग्यालों में लाई मेले का आयोजन किया गया. लोक मान्यताओं के अनुसार मखमली बुग्यालों में 6 महीने प्रवास करने वाले भेड़ पालकों द्वारा प्रतिवर्ष भाद्रपद की पांच गते को लाई मेले का आयोजन किया जाता है. बतौर मुख्य अतिथि केदारनाथ विधायक मनोज रावत मेंले में शिरकत करने पहुंचे.

लाई मेले का आयोजन

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इस मौके पर उन्होंने कहा कि ने भेड़ पालन व्यवसाय, सीमांत गांवों का मुख्य व्यवसाय है. सभी ग्रामीण इससे पहले इसी व्यवसाय पर ही निर्भर रहते थे, लेकिन वर्तमान में संसाधनों के अभाव में भेड़ पालन व्यवसाय में गिरावट आई है, जो कि चिंता का विषय है. वहीं, विधायक रावत ने चौमासी गांव में विधायक निधि से निर्मित सामुदायिक मिलन केंद्र के प्रथम तल का भी लोकार्पण किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सामुदायिक मिलन केंद्र का लाभ हर स्वयं सहायता समूह को मिलेगा.

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वहीं, विधायक मनोज रावत का कहना है कि भेड़ पालन व्यवसाय, हमारे पूर्वजों की धरोहर है. लाई मेला हमारा पौराणिक धरोहर है. इसे जीवित रखने की सामूहिक पहल होनी चाहिए. आने वाले समय में सभी ग्रामीणों की पहल पर लाई मेले को और भी भव्य रूप दिया जाएगा. लाई मेले में आयोजित भेड़ प्रदर्शन में जाल तल्ला निवासी हेमा देवी की भेड़ 1,400 भेड़ों में प्रथम रही, जबकि भेड़ प्रदर्शनी समूह में मुकेश राणा प्रथम, प्रकाश सिंह द्वितीय और अनूप सिंह तृतीय स्थान पर रहे.

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