रुद्रप्रयागः विश्व प्रसिद्ध चारधाम में शुमार केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि महाशिवरात्रि के दिन घोषित की जाएगी. इसी दिन पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि घोषित होगी. तिथि घोषित करने को लेकर ओंकारेश्वर मंदिर को 8 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है. वहीं, मंदिर के पदाधिकारियों ने ऊखीमठ की ओर रुख कर दिया है.
बता दें कि महाशिवरात्रि के पर्व पर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ धाम के कपाट खोलने और पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के रवाना होने की तिथि पंचांग गणना के अनुसार निकाली जाएगी. यह तिथि विद्वान आचार्यों, बदरी केदार मंदिर समिति के पदाधिकारियों, अधिकारियों और हक-हकूकधारी की मौजूदगी में घोषित की जाएगी.
महाशिवरात्रि पर ओंकारेश्वर मंदिर में विभिन्न शहरों के दानियों की ओर से भंडारे का आयोजन किया जा रहा है. इस बार विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी को भी फूलों से भव्य रूप दिया जा रहा है. मंदिर समिति कार्यधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ के कपाट खोलने और पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से कैलाश रवाना होने की तिथि पंचांग गणना के अनुसार घोषित की जाएगी.
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उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर विद्वान आचार्यों की ओर से ब्रह्म बेला पर भगवान शंकर समेत 33 कोटि देवी-देवताओं का महाभिषेक कर विश्व समृद्धि की कामना की जाएगी. साथ ही बताया कि भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर को मुजफ्फरनगर निवासी अभिनव बंसल के सहयोग से 8 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है.
प्रशासनिक अधिकारी राजकुमार नौटियाल ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर हंस फाउंडेशन के संस्थापक माता मंगला, भोले जी महाराज और दिल्ली निवासी प्रेम रस्तोगी की ओर से विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा. प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी को भी फूलों से सजाया गया है. वहां पर भी भंडारे का आयोजन किया जाएगा.
गौर हो कि बाबा केदार का धाम बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है. जहां यात्रा सीजन में लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. अगर उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2023 के आगाज की बात करें तो गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट 22 अप्रैल को खोले जाएंगे. जबकि, बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाने हैं.
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