रुद्रप्रयाग: स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. बीके शुक्ला ने बताया कि किसी भी परिस्थिति में किसी भी विधि द्वारा प्रसव पूर्व लिंग जांच अथवा निर्धारण नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत इसमें कार्रवाई का प्रावधान है.
गौर हो कि आयोजित कार्यशाला में पीसीपीएनडीटी (गर्भ धारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक- विनियमन तथा दुरूपयोग अधिनियम) के तहत गठित जिला सलाहकार समिति व जिला निरीक्षण अनुश्रवण समिति के सदस्यों, अल्ट्रासाउंड संचालकों, निजी चिकित्सालय के प्रभारियों को पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी व सफल क्रियान्वयन के प्रावधानों के संबंध में विस्तृत से जानकारी दी गई.
राजकीय इंटरमीडिएट काॅलेज रुद्रप्रयाग के सभागार में आयोजित कार्यशाला के विषय में जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. बीके शुक्ला ने बताया कि किसी भी परिस्थिति में किसी भी विधि द्वारा प्रसव पूर्व लिंग जांच अथवा निर्धारण नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत इसमें कार्रवाई का प्रावधान है. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद में समिति का गठन किया गया है. जिसमें निजी स्वास्थ्य केंद्रों सहित अन्य विभागीय व सामाजिक सरोकारों से जुड़े व्यक्तियों को शामिल किया गया है.
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कार्यशाला में प्रतिभागियों को पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत लिंग निर्धारण की जांच करवाने वाले के विरूद्ध की जाने वाली कार्रवाई के बारे में विस्तृत से जानकारी दी गई. इससे पूर्व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. जेएस नेगी ने प्रतिभागियों को विस्तारपूर्वक पीसीपीएनडीटी एक्ट के विषय में जानकारी दी. रेडियोलाॅजिस्ट डाॅ. एसके द्विवेदी द्वारा अल्ट्रसाउंड मशीन स्थापित होने वाले एक्टिव ट्रैकर के बताया गया. इस अवसर पर पीसीपीएनडीटी जिला समन्वयक मनवर सिंह रावत, डाॅ. डीएस. रावत, वरिष्ठ सर्जन डाॅ. आनंद सिंह बोहरा, डाॅ. संजय बगवाड़ी, डाॅ. रुचिका भट्ट, डाॅ. मयंक चैहान, अमृतराज पोखरियाल, विपिन सेमवाल, सुशीला बिष्ट, अशोक चैधरी, एमपी पुरोहित सहित अन्य लोग मौजूद थे.