रुद्रप्रयाग: वन स्टॉप सेंटर ने लाॅकडाउन में हिंसा से पीड़ित महिलाओं के 4 केस दर्ज किए हैं, जिनमें एक केस पीड़ित मां को उसके बेटे और बहू द्वारा मारपीट कर घर से बेदखल करने और तीन मामले घरेलू हिंसा से संबंधित हैं. इन मामलों में त्वरित कार्रवाई की गई है.
अगस्त्यमुनि विकासखंड के अलग-अलग गांवों की तीन महिलाओं के घरेलू हिंसा का शिकार होने का मामला जैसे ही वन स्टाॅप सेंटर के पास आया तो सेंटर की केंद्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट ने खुद पीड़िताओं के घर जाकर काउंसिलिंग की. काउंसिलिंग में दो मामलों में ससुरालियों की ओर से बहू को प्रताड़ित करने का था. जिसमें केन्द्र प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट ने सुलह करवाई और ससुरालियों ने आश्वस्त किया कि वे पीड़ित महिला के साथ भविष्य में ऐसे बर्ताव नहीं करेंगे.
पढ़ें- लॉकडाउन: मलेशिया में फंसा उत्तराखंड का लाल, लगा रहा वतन वापसी की गुहार
जबकि, एक घटना में मां को उसके बेटे और बहू द्वारा मारपीट कर घर से बेदखल करने का सामने आया. इस मामले में वन स्टाॅप सेंटर के हस्तक्षेप के बाद मामला कोर्ट में चला गया. इसी तरह ऊखीमठ विकासखंड के एक गांव में ससुरालियों द्वारा बहू पर अत्याचार किये जा रहे थे, जिसमें भी रंजना गैरोला भट्ट द्वारा मौके पर जाकर समझौता करवाया गया. सेंटर की केंद्र प्रशासक ने बताया कि वन स्टॉप सेंटर की ओर से हिंसा से पीड़ित महिलाओं की हरसंभव मदद की जा रही है.