रुद्रप्रयाग: जिला मुख्यालय से पांच किमी दूर मुख्य विकास भवन कार्यालय के सामने जमीन पर कब्जा करने का मामला सामने आया है. लोगों का कहना है कि यह सबकुछ तहसील प्रशासन और राजनीतिक लोगों की शह पर हो रहा है. वहीं जिलाधिकारी वंदना सिंह ने मामले में सर्वे टीम को सीमांकन करने को कहा है.
शिकायतकर्ता रमेश सिंह ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भेजते हुए कहा कि तहसील प्रशासन ने एक खेत के चार मालिक बना दिए हैं. उनकी जमीन की रजिस्ट्री और दाखिला जिला विकास अधिकारी के नाम पर भी है तो उनके नाम पर किया गया है. उनके मकान के बगल में जो जमीन जिला विकास अधिकारी और उनके नाम दर्ज है, उस पर किसी ने कब्जा कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि तहसील प्रशासन राजनीतिक दबाव में कुछ नहीं कर पा रहा है. उन्होंने अपनी जमीन की रजिस्ट्री व दाखिला सुधारने के लिए 176 का दावा किया है, जिसका मामला एसडीएम कोर्ट में गतिमान है और क्रय-विक्रय पर रोक लगी है. बावजूद इसके कब्जा करने वाला व्यक्ति कार्य करने में लगा है. उन्होंने बताया कि खेत नम्बर 93, सौ वर्ग मीटर में है. इसमें पचास वर्ग मीटर जिला विकास अधिकारी व उनके नाम पर 80 वर्ग मीटर किया गया है.
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ऐसे में यह जमीन 30 मीटर अतिरिक्त दर्शायी गयी है. खेत नम्बर 61 जो, 480 वर्ग मीटर में है. इसमें 480 मीटर अंजली देवी के नाम की गयी है और जिला विकास अधिकारी के नाम पर 190 वर्ग मीटर है. यहां भी 190 वर्ग मीटर अतिरिक्त भूमि दर्शायी गयी है. 98 नम्बर खेत 80 वर्ग मीटर है तो इसमें 30 वर्ग मीटर डीडीओ और 70 वर्ग मीटर सुभाष सिंह के नाम है. यह जमीन भी 20 वर्ग मीटर अतिरिक्त की गयी है. 97 नम्बर खेत जो सौ वर्ग मीटर है, इसमें 30 वर्ग मीटर जिला विकास अधिकारी के नाम तो 80 वर्ग मीटर सुभाष सिंह के नाम दर्शायी गयी है. इसमें दस मीटर अतिरिक्त जमीन आ रही है. तहसील प्रशासन ने इन जमीनों की अधिक रजिस्ट्री की है, जो सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि 96 नम्बर खेत जो जिला विकास अधिकारी के नाम पर है, उस पर अवैध कब्जा किया जा रहा है. वहीं मामले में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने कहा कि विकास भवन की भूमि पर कब्जे की शिकायत मिली है. मामले में सर्वे टीम को सीमांकन करने को कहा गया है. अगर कोई जमीन पर निर्माण कार्य कर रहा है तो इसके लिए एसडीएम को निर्देशित किया गया है.