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रुद्रप्रयाग के सेम गांव में बादल फटने से पेयजल स्रोत ध्वस्त, खेतों में भरा मलबा

जिले के सेम गांव में अचानक बादल फटने से पेयजल स्रोत ध्वस्त हो गए तो वहीं, खेतों में मलबा घुस गया है. ग्रामीणों ने इसकी सूचना प्रशासन को दे दी है.

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Published : May 5, 2020, 8:37 PM IST

Updated : May 5, 2020, 9:29 PM IST

रुद्रप्रयाग: कोरोना महामारी से जहां लोगों में खौफ है तो वहीं दूसरी ओर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि तबाही मचा रही है. रुद्रप्रयाग में भी फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. यही नहीं, बारिश के बाद भूस्खलन की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. इसी क्रम में मंगलवार शाम को सेम गांव में अचानक बादल फटने से पेयजल स्रोत ध्वस्त हो गए और खेतों में मलबा घुस गया. ग्रामीणों ने इसकी सूचना प्रशासन को दे दी है.

सेम गांव में बादल फटने से पेयजल स्रोत ध्वस्त.

इन दिनों शाम के समय केदारनाथ धाम से लेकर पूरे जिले में बारिश और ओलावृष्टि हो रही है. एक ओर लॉकडाउन से दिक्कतें हो रही हैं तो वहीं दूसरी ओर बारिश और ओलावृष्टि से समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. ओलावृष्टि से खेतों में पककर तैयार गेहूं की फसल नष्ट हो रही है. मई महीने में भी ठंड जारी है. आज भी तेज बारिश के होने से सेम गांव के प्राकृतिक पेयजल स्रोत ध्वस्त हो गए साथ ही पैदल रास्तों को और खेतों को भारी नुकसान पहुंचा है.

पढ़ें: आपातकालीन हवाई उड़ानों के लिए जॉलीग्रांट एयरपोर्ट तैयार, बांटी गयी सुरक्षा किट

पूर्व जिला पंचायत सदस्य आशा डिमरी और ग्रामीण प्रेम प्रकाश डिमरी ने कहा कि गांव में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है.

रुद्रप्रयाग: कोरोना महामारी से जहां लोगों में खौफ है तो वहीं दूसरी ओर बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि तबाही मचा रही है. रुद्रप्रयाग में भी फसलों को काफी नुकसान हो रहा है. यही नहीं, बारिश के बाद भूस्खलन की घटनाएं भी बढ़ रही हैं. इसी क्रम में मंगलवार शाम को सेम गांव में अचानक बादल फटने से पेयजल स्रोत ध्वस्त हो गए और खेतों में मलबा घुस गया. ग्रामीणों ने इसकी सूचना प्रशासन को दे दी है.

सेम गांव में बादल फटने से पेयजल स्रोत ध्वस्त.

इन दिनों शाम के समय केदारनाथ धाम से लेकर पूरे जिले में बारिश और ओलावृष्टि हो रही है. एक ओर लॉकडाउन से दिक्कतें हो रही हैं तो वहीं दूसरी ओर बारिश और ओलावृष्टि से समस्याएं बढ़ती जा रही हैं. ओलावृष्टि से खेतों में पककर तैयार गेहूं की फसल नष्ट हो रही है. मई महीने में भी ठंड जारी है. आज भी तेज बारिश के होने से सेम गांव के प्राकृतिक पेयजल स्रोत ध्वस्त हो गए साथ ही पैदल रास्तों को और खेतों को भारी नुकसान पहुंचा है.

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पूर्व जिला पंचायत सदस्य आशा डिमरी और ग्रामीण प्रेम प्रकाश डिमरी ने कहा कि गांव में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है.

Last Updated : May 5, 2020, 9:29 PM IST
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