रुद्रप्रयागः क्षेत्र पंचायत की त्रैमासिक बैठक में जिला स्तरीय अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर बैठक स्थगित करनी पड़ी. इतना ही नहीं सदन की ओर से निंदा प्रस्ताव पारित कर जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की गई. सदन में मौजूद जनप्रतिनिधियों ने जिला स्तरीय अधिकारियों पर सीमांत विकासखंड ऊखीमठ की उपेक्षा का आरोप लगाया. उनका कहना था कि जिला स्तरीय अधिकारियों की ओर से लगातार विकासखंड ऊखीमठ की अनदेखी की जा रही है, जिससे विकास कार्यों को गति नहीं मिल पा रही है.
दरअसल, क्षेत्र पंचायत की बैठक निर्धारित समय से करीब आधे घंटे देरी से शुरू हुई. बैठक में क्षेत्र पंचायत प्रमुख श्वेता पांडेय ने सदन में मौजूद जनप्रतिनिधियों की राय मांगी. उन्होंने कहा कि कई जिला स्तरीय अधिकारियों के उप राष्ट्रपति के केदारनाथ दौरे के कारण व्यस्त होने से बैठक में शामिल नहीं हो पाए हैं. इसलिए सदन में मौजूद जनप्रतिनिधियों के निर्णय के अनुसार बैठक का संचालन होगा. जिस पर सदन में मौजूद जनप्रतिनिधि भड़क उठे.
ऊखीमठ विकासखंड की हो रही अनदेखीः जनप्रतिनिधियों ने जिला स्तरीय अधिकारियों पर विकासखंड ऊखीमठ की अनदेखी का आरोप लगाया. उनका कहना था कि जिला स्तरीय अधिकारियों की ओर से हमेशा विकासखंड की उपेक्षा की जाती है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सदन में मौजूद जिला पंचायत सदस्य गणेश तिवारी कहा कि ऊखीमठ विकासखंड की हमेशा उपेक्षा करना समझ से परे है.
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स्थानीय विधायक के खिलाफ भी नाराजगीः क्षेत्र पंचायत सदस्य सोमेश्वरी भट्ट, उषा भट्ट ने कहा कि इससे पहले भी क्षेत्र पंचायत की बैठक स्थगित की गई. कनिष्ठ प्रमुख शैलेंद्र कोटवाल ने सदन में कहा कि जो अधिकारी सदन में मौजूद जनप्रतिनिधियों के सवालों की सही जानकारी दें, वही अधिकारी सदन में मौजूद रहें. प्रधान कुंती देवी ने कहा कि आज तक क्षेत्रीय विधायक का क्षेत्र पंचायत की बैठक में उपस्थित न रहना गंभीर सवाल है.
वहीं, प्रधान संगठन सुभाष रावत ने कहा कि 30 सूत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तर पर गठित नियमित एवं रचनात्मक संवाद समिति में भी ऊखीमठ विकासखंड की अनदेखी की गई है. जिला पंचायत सदस्य विनोद राणा ने कहा कि खनन न्यास मद में करोड़ों का राजस्व ऊखीमठ तहसील से मिलने के बावजूद खनन न्याय की बंदर बांट की जा रही है. बैठक स्थगित होने पर सदन में मौजूद जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर अपने गुस्से का इजहार किया.