रुद्रप्रयाग: विभिन्न मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने सोमवार को डीएम कार्यालय में धरना-प्रदर्शन किया और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारे बाजी की. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का आरोप है कि प्रदेश सरकार उनकी मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है. वहीं, कार्यकत्रियों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांग पर जल्द नहीं मानती है तो वो उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगी.
दरअसल, सोमवार को जिले के तीनों विकासखण्डों से आई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने डीएम कार्यालय पहुंच कर जोरदार प्रदर्शन किया. आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने डीएम के माध्यम से CM पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा. ज्ञापन में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने अपनी मांगें जल्द पूरी करने की मांग की. संगठन की जिलाध्यक्ष सुनिता बत्र्वाल एवं कोषाध्यक्ष सुमन खंडूड़ी ने कहा कि वर्तमान में महंगाई को देखते हुए जितना मानदेय उन्हें मिल रहा है वो नाकाफी है, जिससे उन्हें घर चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता और सेविका पिछले काफी समय से अपनी आवाज उठाती आई हैं. साथ ही पिछले 3 सालों से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां लगातार धरना-प्रदर्शन भी कर रही हैं. इसके बावजूद भी प्रदेश सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है. कोषाध्यक्ष सुमन खंडूड़ी ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से उनकी मांगों का संज्ञान लेने के बजाय उल्टा 2 महीने का वेतन काटा गया. हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से मानदेय में 1 हजार रुपए की बढ़ोतरी की बात कही गई है, जिस पर कार्यकर्ताओं ने असंतुष्टि व्यक्त की है.
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वहीं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां दौड़-धूप कर रही हैं, लेकिन उन्हें न्यूनतम मानदेय के तौर पर 200 रुपए दिहाड़ी ही मिल रही है. साथ काम करने वाली हेल्पर को 50 प्रतिशत दिहाड़ी और मिनी कार्यकत्रियों को उससे कम दिहाड़ी ही मिल रही है.