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अगस्त्यमुनि शहर का हुआ कायाकल्प, कूड़ा साफ होने के बाद बदली तस्वीर

अगस्त्यमुनि शहर का कायाकल्प होने के बाद वो पहले से और भी साफ और खूबसूरत दिखने लगा है. एक तरफ शहर के लोगों को कूड़े से निजात मिली है. दूसरी ओर नगर पंचायत को कूड़े से लाखों की आय प्राप्त हो रही है.

rudraprayag
अगस्त्यमुनि शहर का कायाकल्प
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Published : Jul 7, 2021, 6:02 PM IST

रुद्रप्रयाग: नगर पंचायत के गठन के बाद अगस्त्यमुनि शहर का कायाकल्प हुआ है. शहर पहले से और भी स्वच्छ और सुंदर नजर आ रहा है. वर्तमान में जहां एक ओर कूड़े की समस्या से लोगों को निजात मिली है वहीं, दूसरी ओर नगर पंचायत को कूड़े से लाखों की आमदनी भी प्राप्त हो रही है. कूड़ा निस्तारण करने में नगर पंचायत काफी अहम भूमिका निभा रहा है.

दरअसल, साल 2012 में अस्तित्व में आई नगर पंचायत अगस्त्यमुनि आज अजैविक कूड़े से लाखों की आमदनी कर रही है. इस वित्तीय वर्ष 2021-22 में 24 टन कूडे़ की बिक्री भी शामिल है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर पंचायत 3 बार सम्मानित भी हो चुकी है. कभी इस कूड़े से लोगों को काफी परेशानी हुआ करती थी. वर्तमान में अब नगर पंचायत का कायाकल्प हो चुका है, जिसके बाद से अब और भी स्वच्छ और सुंदर नजर आ रही है, जिसका पूरा श्रेय नगर पंचायत को जाता है.

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नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के अंतर्गत तालीबगड़, सौडी, जवाहर नगर, बनियाडी, विजयनगर, अगस्त्यमुनि और सिल्ली सेरा समेत 7 वॉर्ड अस्तित्व में हैं. नगर पंचायत को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए नगर कार्मिकों के साथ ही पर्यावरण मित्र अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. घर-घर से जैविक और अजैविक कूड़े को एकत्रित किया जा रहा है. इससे वॉर्ड के सभी घरों को स्वच्छ रखा जा रहा है.

ये भी पढ़ें: बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का प्रस्तावित उत्तराखंड दौरा स्थगित

अधिशासी अधिकारी हरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि अब तक पंचायत द्वारा 175.37 टन अजैविक कूडे़ को कांपेक्ट किया जा चुका है. इससे अब तक 7 लाख 9 हजार रुपए की आय प्राप्त हो चुकी है. इसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 में 24 टन कूड़े की आय भी शामिल है, जबकि 22 टन कूड़ा गाजीपुर दिल्ली वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में भेजा गया है.

ये भी पढ़ें: स्वास्थ्य मंत्री बनते ही एक्शन में धन सिंह रावत, अस्पताल संचालकों से लिया फीडबैक

जो कूड़ा बेचा नहीं जा सकता है उसे सीमेंट प्लांट राजस्थान भेजा गया है, जिससे फ्यूल निकाला जाएगा और मशीनों में उपयोग किया जाएगा. इसके अलावा 23 टन कूड़ा गाजीपुर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में भेजा गया है. यहां इस कूड़े से एनर्जी बनाई जाती है. ऐसे में जिस कूड़े को बेचा नहीं जा सकता, उसे शहर से हटाया दिया जाता है, जिससे वह अन्य जगहों पर उपयोग में लाया जाता है.

रुद्रप्रयाग: नगर पंचायत के गठन के बाद अगस्त्यमुनि शहर का कायाकल्प हुआ है. शहर पहले से और भी स्वच्छ और सुंदर नजर आ रहा है. वर्तमान में जहां एक ओर कूड़े की समस्या से लोगों को निजात मिली है वहीं, दूसरी ओर नगर पंचायत को कूड़े से लाखों की आमदनी भी प्राप्त हो रही है. कूड़ा निस्तारण करने में नगर पंचायत काफी अहम भूमिका निभा रहा है.

दरअसल, साल 2012 में अस्तित्व में आई नगर पंचायत अगस्त्यमुनि आज अजैविक कूड़े से लाखों की आमदनी कर रही है. इस वित्तीय वर्ष 2021-22 में 24 टन कूडे़ की बिक्री भी शामिल है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर पंचायत 3 बार सम्मानित भी हो चुकी है. कभी इस कूड़े से लोगों को काफी परेशानी हुआ करती थी. वर्तमान में अब नगर पंचायत का कायाकल्प हो चुका है, जिसके बाद से अब और भी स्वच्छ और सुंदर नजर आ रही है, जिसका पूरा श्रेय नगर पंचायत को जाता है.

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नगर पंचायत अगस्त्यमुनि के अंतर्गत तालीबगड़, सौडी, जवाहर नगर, बनियाडी, विजयनगर, अगस्त्यमुनि और सिल्ली सेरा समेत 7 वॉर्ड अस्तित्व में हैं. नगर पंचायत को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए नगर कार्मिकों के साथ ही पर्यावरण मित्र अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. घर-घर से जैविक और अजैविक कूड़े को एकत्रित किया जा रहा है. इससे वॉर्ड के सभी घरों को स्वच्छ रखा जा रहा है.

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अधिशासी अधिकारी हरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि अब तक पंचायत द्वारा 175.37 टन अजैविक कूडे़ को कांपेक्ट किया जा चुका है. इससे अब तक 7 लाख 9 हजार रुपए की आय प्राप्त हो चुकी है. इसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 में 24 टन कूड़े की आय भी शामिल है, जबकि 22 टन कूड़ा गाजीपुर दिल्ली वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में भेजा गया है.

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जो कूड़ा बेचा नहीं जा सकता है उसे सीमेंट प्लांट राजस्थान भेजा गया है, जिससे फ्यूल निकाला जाएगा और मशीनों में उपयोग किया जाएगा. इसके अलावा 23 टन कूड़ा गाजीपुर वेस्ट टू एनर्जी प्लांट में भेजा गया है. यहां इस कूड़े से एनर्जी बनाई जाती है. ऐसे में जिस कूड़े को बेचा नहीं जा सकता, उसे शहर से हटाया दिया जाता है, जिससे वह अन्य जगहों पर उपयोग में लाया जाता है.

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