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हादसे के बाद जागा प्रशासन, अस्थायी दुकानों को किया ध्वस्त, कई को करवाया जा रहा खाली - केदारनाथ यात्रा

Rudraprayag Gaurikund accident केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड त्रासदी ने प्रशासन को हिला कर रख दिया है. जिसके बाद प्रशासन अब एक्शन मोड पर आ गया है. प्रशासन ने गौरीकुंड में अस्थायी दुकानों को बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की.

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Published : Aug 6, 2023, 7:22 AM IST

Updated : Aug 6, 2023, 9:39 AM IST

प्रशासन ने अस्थायी दुकानों को किया ध्वस्त

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में हुई बड़ी त्रासदी के बाद प्रशासन जाग गया है. गौरीकुंड में सड़क किनारे हुए अतिक्रमण को हटाने का कार्य शुरू हो गया है. कई दुकानों को ध्वस्त किया गया है तो कई दुकानों से सामान खाली करवाकर ध्वस्त करने की कार्रवाई गतिमान है. अब बड़ा प्रश्न यह है कि यदि पहले से ही इतने खतरनाक स्थानों पर बनाए गए ढाबों व होटलों को हटाया जाता तो आज 23 लोग हादसे का शिकार नहीं होते.

बुलडोजर चलाकर किया ध्वस्त: सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग 2013 की आपदा के बाद से बेहद संकरा है. बमुश्किल यहां एक बार में एक वाहन की आवाजाही हो पाती है. वहीं सड़क किनारे बेहद खतरनाक स्थानों पर बनाए गए ढाबे अक्सर जाम की वजह बनते रहे हैं. बीते दिन जो दुकानें गौरीकुंड में आपदा की भेंट चढ़ी हैं, वह सभी डेंजर जोन पर बनाई गई हैं. यहां पर भूस्खलन होने की दिशा में बचने के कोई चांस ही नहीं थे और हुआ भी यही. इस हादसे के बाद प्रशासन जाग गया है और आसपास सड़क किनारे खतरनाक स्थानों पर बनाई गई 10 से 15 दुकानों को प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया है.
पढ़ें-गौरीकुंड त्रासदी के चश्मदीद ने सुनाई आपबीती, पलक झपकते ही मंदाकिनी नदी में समा गई 'जिंदगियां'

क्या कह रहे व्यापारी: ये दुकानें मंदाकिनी नदी के ठीक ऊपर बेहद डेंजर जोन पर अतिक्रमण करके बनाई गई थी. आसपास के क्षेत्रों में जो अन्य दुकानें बनाई गई हैं, उनसे सामान खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं और दुकानें खाली होते ही इन्हें भी ध्वस्त किया जाएगा. अभी लगभग 20 अन्य दुकानें ऐसे हैं, जो अतिक्रमण करके बनाई गई हैं और अब इनको ध्वस्त किया जाएगा. वहीं अस्थायी ढाबों के व्यापारियों का कहना है कि उन्हें बिना बताते ही प्रशासन ने कार्रवाई की है.
पढ़ें-गौरीकुंड हादसे में बढ़ी लापता लोगों की संख्या, आंकड़ा पहुंचा 23, 3 शवों की हुई पहचान

व्यापारी के आगे रोजी रोटी का संकट: उन्हें सामान हटाने का भी मौका नहीं दिया गया और उनका लाखों रुपए का सामान भी फेंक दिया गया है. उनके सामने अब रोजी-रोटी का भी संकट गहरा गया है. जिन लोगों से सामान खाली करवाया जा रहा है. उनका कहना है कि लाखों रुपए का सामान उन्होंने दुकान के अंदर भरा था और अब दुकान खाली करवाई जा रही हैं. वो इस सामान को लेकर आखिर कहां जायेंगे.

क्या कह रहे जिम्मेदार: उपजिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने कहा कि जो दुकानें ध्वस्त की गई हैं, उनको सामान हटाने को कहा गया था. यात्रा शुरू होने से पहले भी अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन व्यापारियों ने अतिक्रमण को नहीं हटाया. उन्होंने कहा कि सड़क किनारे जो अभी डेंजर जोनों पर अतिक्रमण करके दुकानें खोली गई हैं, उन सबको हटाया जाएगा.

प्रशासन ने अस्थायी दुकानों को किया ध्वस्त

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गौरीकुंड में हुई बड़ी त्रासदी के बाद प्रशासन जाग गया है. गौरीकुंड में सड़क किनारे हुए अतिक्रमण को हटाने का कार्य शुरू हो गया है. कई दुकानों को ध्वस्त किया गया है तो कई दुकानों से सामान खाली करवाकर ध्वस्त करने की कार्रवाई गतिमान है. अब बड़ा प्रश्न यह है कि यदि पहले से ही इतने खतरनाक स्थानों पर बनाए गए ढाबों व होटलों को हटाया जाता तो आज 23 लोग हादसे का शिकार नहीं होते.

बुलडोजर चलाकर किया ध्वस्त: सोनप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग 2013 की आपदा के बाद से बेहद संकरा है. बमुश्किल यहां एक बार में एक वाहन की आवाजाही हो पाती है. वहीं सड़क किनारे बेहद खतरनाक स्थानों पर बनाए गए ढाबे अक्सर जाम की वजह बनते रहे हैं. बीते दिन जो दुकानें गौरीकुंड में आपदा की भेंट चढ़ी हैं, वह सभी डेंजर जोन पर बनाई गई हैं. यहां पर भूस्खलन होने की दिशा में बचने के कोई चांस ही नहीं थे और हुआ भी यही. इस हादसे के बाद प्रशासन जाग गया है और आसपास सड़क किनारे खतरनाक स्थानों पर बनाई गई 10 से 15 दुकानों को प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया है.
पढ़ें-गौरीकुंड त्रासदी के चश्मदीद ने सुनाई आपबीती, पलक झपकते ही मंदाकिनी नदी में समा गई 'जिंदगियां'

क्या कह रहे व्यापारी: ये दुकानें मंदाकिनी नदी के ठीक ऊपर बेहद डेंजर जोन पर अतिक्रमण करके बनाई गई थी. आसपास के क्षेत्रों में जो अन्य दुकानें बनाई गई हैं, उनसे सामान खाली कराने के निर्देश दिए गए हैं और दुकानें खाली होते ही इन्हें भी ध्वस्त किया जाएगा. अभी लगभग 20 अन्य दुकानें ऐसे हैं, जो अतिक्रमण करके बनाई गई हैं और अब इनको ध्वस्त किया जाएगा. वहीं अस्थायी ढाबों के व्यापारियों का कहना है कि उन्हें बिना बताते ही प्रशासन ने कार्रवाई की है.
पढ़ें-गौरीकुंड हादसे में बढ़ी लापता लोगों की संख्या, आंकड़ा पहुंचा 23, 3 शवों की हुई पहचान

व्यापारी के आगे रोजी रोटी का संकट: उन्हें सामान हटाने का भी मौका नहीं दिया गया और उनका लाखों रुपए का सामान भी फेंक दिया गया है. उनके सामने अब रोजी-रोटी का भी संकट गहरा गया है. जिन लोगों से सामान खाली करवाया जा रहा है. उनका कहना है कि लाखों रुपए का सामान उन्होंने दुकान के अंदर भरा था और अब दुकान खाली करवाई जा रही हैं. वो इस सामान को लेकर आखिर कहां जायेंगे.

क्या कह रहे जिम्मेदार: उपजिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने कहा कि जो दुकानें ध्वस्त की गई हैं, उनको सामान हटाने को कहा गया था. यात्रा शुरू होने से पहले भी अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन व्यापारियों ने अतिक्रमण को नहीं हटाया. उन्होंने कहा कि सड़क किनारे जो अभी डेंजर जोनों पर अतिक्रमण करके दुकानें खोली गई हैं, उन सबको हटाया जाएगा.

Last Updated : Aug 6, 2023, 9:39 AM IST
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