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पिथौरागढ़: ग्रामीण बोले- सरकार नहीं दे रही संचार, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान - 13 point demands of villagers in Dharchula

धारचूला में 13 सूत्रीय मांगों को लेकर सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों में सरकार के खिलाफ काफी रोष है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया.

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ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
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Published : Jan 26, 2020, 5:30 PM IST

पिथौरागढ़: धारचूला में 13 सूत्रीय मांगों को लेकर को सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों में सरकार के खिलाफ काफी रोष है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गांवों में संचार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन करते रहे हैं. लेकिन, सरकार सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों की लगातार उपेक्षा कर रही है. वहीं, प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि, अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

जहां एक तरफ पूरा देश गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा है. वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों ने मूलभूत सुविधाओं को लेकर धारचूला तहसील कार्यालय में अनशन शुरू कर दिया है. सीमांत क्षेत्र के युवाओं ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि डिजिटल इंडिया के दौर में भी व्यास वैली के पांग्ला, जिप्ती, तांकुल, सिमखोला, बूंदी,गर्ब्यांग, गुंजी, नपलच्यू, नाभी, कुटी, रौंगकांग, जयकोट और दारामा वैली के सोबला, ऊमंचिया, दर, बौमलिंग, सेला, चल, नागलिंग, बालिंग, बौन, दुग्तू, दांतू, फिलम, सीपू ,गौ, चौदास-सिर्खा, और सिर्दांग संचार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा से वंचित हैं.

ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

ये भी पढ़े: प्रदेश के पहाड़ी और मैदानी जनपदों में गिरेगा तापमान, लोगों की बढ़ेंगी मुश्किलें

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इन गांवों में स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह बदहाल है. लेकिन, ग्रामीणों के लंबे समय से संघर्ष करने के बावजूद व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने सुविधाओं में जल्द सुधार नहीं होने पर सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

पिथौरागढ़: धारचूला में 13 सूत्रीय मांगों को लेकर को सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों में सरकार के खिलाफ काफी रोष है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गांवों में संचार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन करते रहे हैं. लेकिन, सरकार सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों की लगातार उपेक्षा कर रही है. वहीं, प्रदर्शनकारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि, अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं तो उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे.

जहां एक तरफ पूरा देश गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहा है. वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों ने मूलभूत सुविधाओं को लेकर धारचूला तहसील कार्यालय में अनशन शुरू कर दिया है. सीमांत क्षेत्र के युवाओं ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि डिजिटल इंडिया के दौर में भी व्यास वैली के पांग्ला, जिप्ती, तांकुल, सिमखोला, बूंदी,गर्ब्यांग, गुंजी, नपलच्यू, नाभी, कुटी, रौंगकांग, जयकोट और दारामा वैली के सोबला, ऊमंचिया, दर, बौमलिंग, सेला, चल, नागलिंग, बालिंग, बौन, दुग्तू, दांतू, फिलम, सीपू ,गौ, चौदास-सिर्खा, और सिर्दांग संचार, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधा से वंचित हैं.

ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

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प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इन गांवों में स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह बदहाल है. लेकिन, ग्रामीणों के लंबे समय से संघर्ष करने के बावजूद व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हुआ है. ग्रामीणों ने सुविधाओं में जल्द सुधार नहीं होने पर सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

Intro:पिथौरागढ़: धारचूला में 13 सूत्रीय मांगों को लेकर को सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों ने तहसील कार्यालय में जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों के कहना है कि वो लंबे समय से सीमांत के गांवों में संचार, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओ की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे है। मगर सरकार सीमांत क्षेत्र की लगातार उपेक्षा कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी मांगे पूरी नही हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।

Body:आज जहाँ पूरा देश गणतंत्र दिवस के जश्न में डूबा हुआ है वहीं सीमांत क्षेत्र के ग्रामीणों ने मूलभूत सुविधाओं को लेकर धारचूला तहसील कार्यालय में क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। सीमांत क्षेत्र के युवाओं ने शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपने गुस्से का इजहार किया। प्रदर्शनकारियों के कहना है कि डिजीटल इंडिया के दौर में भी व्यास वैली के पांग्ला, जिप्ती, तांकुल, सिमखोला, बूंदी,गर्ब्यांग, गुंजी, नपलच्यू, नाभी, कुटी, रौंगकांग , जयकोट और दारामा वैली के सोबला, ऊमंचिया, दर, बौमलिंग, सेला, चल, नागलिंग, बालिंग, बौन, दुग्तू, दांतू, फिलम, सीपू ,गौ, चौदास-सिर्खा, सिर्दांग संचार सुविधा से वंचित हैं। साथ ही प्रदर्शनकारियों के कहना है कि इन गांवों में स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था भी पूरी तरह बदहाल है। लेकिन लंबे समय से संघर्ष करने के बावजूद व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं किया जा रहा है। ग्रामीणों ने शीघ्र व्यवस्थाओं में सुधार नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

Byte: सुरेश जेठा, जिला पंचायत सदस्यConclusion:
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