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कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड के सीमांत जिले से आई राहत भरी खबर, जानिए

पिथौरागढ़ जिले में कोरोना टेस्ट के लिए ट्रू नेट मशीन आ गई है. अब कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल हल्द्वानी भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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Published : Jun 10, 2020, 7:53 PM IST

पिथौरागढ़: कोरोना संक्रमण के दौर में सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के लोगों को बड़ी राहत मिली है. स्वास्थ्य विभाग ने ट्रू नेट मशीन की मदद से कोरोना की जांच शुरू कर दी है. हालांकि अभी भी पॉजिटिव केस को कन्फर्म करने के लिए सैंपल को हायर लैब भेजना ही होगा. मगर नेगेटिव केस को यहीं डिटेक्ट किया जा सकेगा. ट्रू नेट मशीन एक घंटे में 2 सैंपल की ही जांच कर सकेगी. जिले में ट्रू नेट मशीन लगने के बाद अब उम्मीद है कि जांच में तेजी आएगी और लोगों को समय रहते इलाज मिल सकेगा.

पिथौरागढ़ जिले में कोरोना की जांच शुरू हो गयी है. स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की जांच के लिए निर्माणाधीन बेस चिकित्सालय में ट्रू नेट मशीन लगाई है. इस मशीन के जरिए कोरोना की जांच दो चरणों में होगी. पहले चरण में कोरोना के ई-जीन को डिटेक्ट किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में आरडीआरपी जीन डिटेक्ट होगा.

पिथौरागढ़ में लगी ट्रू नेट मशीन

पढ़ेंः रुड़की में कोरोना पॉजिटिव मरीज लापता, तलाश में जुटी पुलिस

सैंपल में ई-जीन डिटेक्ट होने पर केस को पॉजिटिव माना जाएगा. लेकिन पॉजिटिव केस की कन्फर्मेशन हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब से ही होगी. अब सिर्फ पॉजिटिव केस ही हायर सेंटर भेजे जाएंगे. साथ ही केस पॉजिटिव आने पर समय पर संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट किया जा सकेगा.

पिथौरागढ़: कोरोना संक्रमण के दौर में सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के लोगों को बड़ी राहत मिली है. स्वास्थ्य विभाग ने ट्रू नेट मशीन की मदद से कोरोना की जांच शुरू कर दी है. हालांकि अभी भी पॉजिटिव केस को कन्फर्म करने के लिए सैंपल को हायर लैब भेजना ही होगा. मगर नेगेटिव केस को यहीं डिटेक्ट किया जा सकेगा. ट्रू नेट मशीन एक घंटे में 2 सैंपल की ही जांच कर सकेगी. जिले में ट्रू नेट मशीन लगने के बाद अब उम्मीद है कि जांच में तेजी आएगी और लोगों को समय रहते इलाज मिल सकेगा.

पिथौरागढ़ जिले में कोरोना की जांच शुरू हो गयी है. स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की जांच के लिए निर्माणाधीन बेस चिकित्सालय में ट्रू नेट मशीन लगाई है. इस मशीन के जरिए कोरोना की जांच दो चरणों में होगी. पहले चरण में कोरोना के ई-जीन को डिटेक्ट किया जाएगा, जबकि दूसरे चरण में आरडीआरपी जीन डिटेक्ट होगा.

पिथौरागढ़ में लगी ट्रू नेट मशीन

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सैंपल में ई-जीन डिटेक्ट होने पर केस को पॉजिटिव माना जाएगा. लेकिन पॉजिटिव केस की कन्फर्मेशन हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब से ही होगी. अब सिर्फ पॉजिटिव केस ही हायर सेंटर भेजे जाएंगे. साथ ही केस पॉजिटिव आने पर समय पर संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट किया जा सकेगा.

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