पिथौरागढ़: बॉर्डर इलाके को जोड़ने वाली थल-मुनस्यारी रोड जल्द ही सीमा सड़क संगठन यानी बीआरओ (Border Roads Organisation) को दे दी जाएगी. भारत माला प्रोजेक्ट के तहत थल-मुनस्यारी और मुनस्यारी-जौलजीबी सर्किट को जोड़ा जाना है. उम्मीद जताई जा रही है कि भारत माला प्रोजेक्ट में शामिल होने के बाद बॉर्डर की इस रोड की हालत में सुधार आएगा. अब तक ये रोड लोक निर्माण विभाग के पास है.
पर्यटन नगरी मुनस्यारी में हर साल देश-विदेश से सैलानी आते हैं, लेकिन थल-मुनस्यारी सड़क की खस्ताहाली के चलते पर्यटकों को काफी हिचकोले खाने पड़ते हैं. अब थल-मुनस्यारी सड़क को भी भारत माला प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग बनने के बाद अब इस सड़क का जिम्मा पीडब्ल्यूडी के बजाए बीआरओ के पास होगा. साथ ही 70 किलोमीटर लंबे इस सड़कमार्ग को डबल लेन भी किया जाएगा.
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बता दें कि इससे पूर्व सिर्फ मुनस्यारी-जौलजीबी मार्ग ही भारत माला प्रोजेक्ट (Bharatmala Pariyojana) में शामिल था, लेकिन अब थल-मुनस्यारी सड़क को भी भारत माला प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया गया है. सड़क बनने के बाद पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा. साथ ही क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को भी विस्तार मिलेगा.
जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि थल-मुनस्यारी सड़क (Thal Munsiyari Road) को भारत माला प्रोजेक्ट में शामिल करने के लिए संयुक्त निरीक्षण कर लिया गया है. साथ ही सड़क को पीडब्ल्यूडी से बीआरओ को स्थानांतरित करने की कार्रवाई की जा रही है.