पिथौरागढ़: हिमनगरी मुनस्यारी में इन दिनों ट्यूलिप गार्डन की खूबसूरती देखते ही बन रही है. 9 हजार फीट की ऊंचाई पर ट्यूलिप के रंग बिरंगे फूल मुनस्यारी की सुंदरता पर चार चांद लगा रहे हैं. साथ ही पर्यटन के नए द्वार भी खोल रहे हैं. वन विभाग ने एक खास प्रोजेक्ट के तहत ईको पार्क के 30 हेक्टेयर के हिस्से मेंब्लू आइरिस, व्हाइट आइरिस, रैननकुलस, फॉक्स, ग्लोब, ब्रेन और डॉग टेल जैसी प्रजातियों के ट्यूलिप खिलाए हैं. इस प्रयोग के सफल होने के बाद अब पर्यटन नगरी मुनस्यारी ट्यूलिप के फूलों से गुलजार रहेगी.
वन विभाग ने इस प्रोजेक्ट में स्थानीय युवाओं को भी जोड़ा है. ईको विकास परिषद में शामिल युवा ट्यूलिप लगाने के गुर सीखने के साथ ही खुद के लिए रोजगार के अवसर भी तलाश रहे हैं. पंचाचूली की तलहटी में बसे मुनस्यारी में साल भर देशी-विदेशी पर्यटकों का तांता लगा रहता है.
मुनस्यारी की दिलकश वादियां और खुशनुमा मौसम पर्यटकों को हमेशा ही अपनी ओर खींच लाते हैं. वहीं अब ट्यूलिप के रंग-बिरंगे फूल भी सैलानियों को लुभाने के लिए तैयार हैं. मुनस्यारी आने वाले पर्यटकों को अब हिमालय दर्शन के साथ ही ट्यूलिप गार्डन की खूबसूरती खूब लुभा रही है. वन विभाग के प्रयासों की बदौलत मुनस्यारी में ट्यूलिप के फूल देखने को मिल रहे हैं.
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पिथौरागढ़ के डीएफओ विनय भार्गव का कहना है कि उनके इस प्रोजेक्ट का मकसद ट्यूलिप के फूलों की वैरायटी को बेहतर करना है ताकि अधिक से अधिक समय तक ट्यूलिप की खूबसूरती के लोग दीदार कर सकें. साथ ही इसका व्यवसायिक स्तर पर प्रयोग कर लोगों की आर्थिकी को बेहतर करना भी प्रोजेक्ट का मकसद है.
कश्मीर की तर्ज पर ट्यूलिप गार्डन विकसित
उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल मुनस्यारी में कश्मीर की तर्ज पर एक खास ट्यूलिप गार्डन बनकर तैयार है. इस गार्डन को वन विभाग की ओर से बनाया गया है. जहां देशी और विदेशी किस्म के हजारों फूल लगाए गए हैं.मुनस्यारी में जिस स्थान पर यह ट्यूलिप गार्डन विकसित किया गया है, उसके पीछे हिमालय की पंचाचूली पर्वत श्रृंखला है. पिथौरागढ़ जिले में पड़ने वाला मुनस्यारी उत्तराखंड के प्रसिद्ध टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में जाना जाता है. यह इलाका नैनीताल से करीब 260 किलोमीटर दूर है और हर साल यहां हजारों पर्यटक आते हैं.