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रात 1 बजे पैदल ही बिहार को निकले 30 प्रवासी, LIU ने पकड़ा

बेरीनाग क्षेत्र में फंसे 30 बिहारी मजदूर पास नहीं मिलने पर रात 1 बजे पैदल ही अपने घर की ओर निकल पड़े. एलआईयू की टीम ने 40 किलोमीटर दूर सेराघाट में सभी मजदूरों को पकड़ लिया.

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बिहारी मजदूर
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Published : May 21, 2020, 9:31 AM IST

Updated : May 21, 2020, 9:47 AM IST

बेरीनागः लॉकडाउन के चलते बेरीनाग क्षेत्र में फंसे प्रवासी मजदूरों के सब्र का बांध टूट गया है. मंगलवार रात करीब एक बजे 30 प्रवासी मजदूर पैदल ही बिहार के लिए निकल पड़े. एलआईयू ने बेरीनाग से 40 किमी दूर सेराघाट में इन्हें पकड़ा और वापस लायी. इस दौरान मजदूरों ने बताया कि वो बीते एक महीने से प्रशासन और सरकार से घर छोड़ने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है.

बिहार के रहने वाले प्रवासी मजदूर रामदीन और मुन्ना ने बताया कि लॉकडाउन के कारण बीते दो महीने से काम नहीं मिल रहा है. इससे उनके सामने आर्थिकी का संकट आ गया. उन्होंने कहा कि वो कई बार सरकार और स्थानीय प्रशासन से बिहार जाने के लिए पास देने की मांग कर चुके हैं. उन्होंने वाहनों का किराया खुद देने की बात भी कही, इसके बावजूद उन्हें पास नहीं मिल रहा है.

ये भी पढ़ेंः पटवारी ने क्वारंटाइन युवक से किया अभद्र भाषा में बात, ऑडियो क्लिप से खुलेगी सच्चाई

उन्होंने कहा कि गांव में खेतीबाड़ी का काम चल रहा है. ऐसे में वो घर जाना चाहते हैं. साथ ही सरकार से जल्द घर छोड़ने की मांग की. वहीं, स्थानीय अभिसूचना के प्रभारी नवीन तोमर ने बताया कि बिना सूचना और पास के कोई भी कहीं नहीं जा सकता है. यदि कोई जबरन जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

बेरीनागः लॉकडाउन के चलते बेरीनाग क्षेत्र में फंसे प्रवासी मजदूरों के सब्र का बांध टूट गया है. मंगलवार रात करीब एक बजे 30 प्रवासी मजदूर पैदल ही बिहार के लिए निकल पड़े. एलआईयू ने बेरीनाग से 40 किमी दूर सेराघाट में इन्हें पकड़ा और वापस लायी. इस दौरान मजदूरों ने बताया कि वो बीते एक महीने से प्रशासन और सरकार से घर छोड़ने की गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों को अनदेखा किया जा रहा है.

बिहार के रहने वाले प्रवासी मजदूर रामदीन और मुन्ना ने बताया कि लॉकडाउन के कारण बीते दो महीने से काम नहीं मिल रहा है. इससे उनके सामने आर्थिकी का संकट आ गया. उन्होंने कहा कि वो कई बार सरकार और स्थानीय प्रशासन से बिहार जाने के लिए पास देने की मांग कर चुके हैं. उन्होंने वाहनों का किराया खुद देने की बात भी कही, इसके बावजूद उन्हें पास नहीं मिल रहा है.

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उन्होंने कहा कि गांव में खेतीबाड़ी का काम चल रहा है. ऐसे में वो घर जाना चाहते हैं. साथ ही सरकार से जल्द घर छोड़ने की मांग की. वहीं, स्थानीय अभिसूचना के प्रभारी नवीन तोमर ने बताया कि बिना सूचना और पास के कोई भी कहीं नहीं जा सकता है. यदि कोई जबरन जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : May 21, 2020, 9:47 AM IST
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