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ऑलवेदर रोड के किनारे बिछा दी गई पाइपलाइन, जल संस्थान पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप

ऑलवेदर रोड के किनारे घाट पेयजल योजना की पाइपलाइन बिछा दी गई है. नियमों के मुताबिक, पहाड़ों में पाइप लाइन को जमीन के भीतर डालना जरूरी है.

Pithoragarh
पेयजल योजना की पाइपलाइन
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Published : Mar 22, 2020, 3:43 PM IST

पिथौरागढ़: ऑलवेदर सड़क निर्माण के चलते बीते साल घाट पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हो गयी थी. एनएचए ने हर्जाने के तौर पर 5 करोड़ की धनराशि जल संस्थान को दी थी. इससे जल संस्थान ने घाट से पिथौरागढ़ तक नई पेयजल लाइन बिछाई है. लेकिन हैरानी इस बात की है कि ये पाइप लाइन ऑलवेदर रोड के किनारे बिछा दी गई है. नियमों के मुताबिक पहाड़ों में पाइप लाइन को जमीन के भीतर डालना ज़रूरी है. खुले में पाइप लाइन बिछाने से कभी भी लाइन टूट सकती है. जिस क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाई गई है, वहां अक्सर भूस्खलन होता रहता है. ऐसे में भारी बोल्डर गिरने से भी लाइन टूट सकती है. बावजूद इसके विभाग कोई सुध नहीं ले रहा है.

पेयजल योजना की पाइपलाइन.

ऑलवेदर सड़क के किनारे घाट पेयजल योजना की पाइपलाइन बिछाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है. विपक्षी दल कांग्रेस ने जल संस्थान की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए है. कांग्रेस के पूर्व ज़िला अध्यक्ष मुकेश पंत का आरोप है कि जल संस्थान ने जिस तरह खुले में लाइन बिछाई है, उससे साफ है कि भ्रष्टाचार हुआ है. जो धनराशि पाइपों को बिछाने में खर्च होनी चाहिए उसे विभागीय अधिकारी डकार गए हैं.

पढ़े- टिहरी: करोड़ों की पेयजल योजना चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट, ग्रामीणों को नहीं मिला लाभ

वहीं, जल संस्थान के अधिशाषी अभियंता अशोक कुमार का कहना है कि एनएचए के साथ संयुक्त निरीक्षण के बाद ही पाइपलाइन बिछाई गई है. साथ ही उनका कहना है कि जल-संस्थान और एनएचए के उच्च अधिकारियों का संयुक्त निरीक्षण होना है, उसके बाद जो निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

पिथौरागढ़: ऑलवेदर सड़क निर्माण के चलते बीते साल घाट पेयजल योजना क्षतिग्रस्त हो गयी थी. एनएचए ने हर्जाने के तौर पर 5 करोड़ की धनराशि जल संस्थान को दी थी. इससे जल संस्थान ने घाट से पिथौरागढ़ तक नई पेयजल लाइन बिछाई है. लेकिन हैरानी इस बात की है कि ये पाइप लाइन ऑलवेदर रोड के किनारे बिछा दी गई है. नियमों के मुताबिक पहाड़ों में पाइप लाइन को जमीन के भीतर डालना ज़रूरी है. खुले में पाइप लाइन बिछाने से कभी भी लाइन टूट सकती है. जिस क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाई गई है, वहां अक्सर भूस्खलन होता रहता है. ऐसे में भारी बोल्डर गिरने से भी लाइन टूट सकती है. बावजूद इसके विभाग कोई सुध नहीं ले रहा है.

पेयजल योजना की पाइपलाइन.

ऑलवेदर सड़क के किनारे घाट पेयजल योजना की पाइपलाइन बिछाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है. विपक्षी दल कांग्रेस ने जल संस्थान की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए है. कांग्रेस के पूर्व ज़िला अध्यक्ष मुकेश पंत का आरोप है कि जल संस्थान ने जिस तरह खुले में लाइन बिछाई है, उससे साफ है कि भ्रष्टाचार हुआ है. जो धनराशि पाइपों को बिछाने में खर्च होनी चाहिए उसे विभागीय अधिकारी डकार गए हैं.

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वहीं, जल संस्थान के अधिशाषी अभियंता अशोक कुमार का कहना है कि एनएचए के साथ संयुक्त निरीक्षण के बाद ही पाइपलाइन बिछाई गई है. साथ ही उनका कहना है कि जल-संस्थान और एनएचए के उच्च अधिकारियों का संयुक्त निरीक्षण होना है, उसके बाद जो निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

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