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आजादी के बाद पहली बार बिजली से रोशन हुआ सेला गांव, ग्रामीणों में खुशी का माहौल

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Published : Oct 28, 2020, 12:13 PM IST

Updated : Oct 28, 2020, 1:12 PM IST

पिथौरागढ़ के दारमा घाटी के सेला गांव में आजादी के बाद पहली बार बिजली पहुंची है. दारमा घाटी में 50 किलोवाट की जल विद्युत परियोजना बनने से सेला गांव विद्युत आपूर्ति से जुड़ने वाला दारमा घाटी का पहला विद्युतीकृत गांव बन गया है.

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सेला गांव में पहुंची बिजली.

पिथौरागढ़: चीन सीमा पर स्थित दारमा घाटी का सेला गांव आजादी के बाद पहली बार बिजली से रोशन हो गया है. दीपावली से पहले गांव में विद्युत आपूर्ति बहाल होने से ग्रामीणों में हर्ष का माहौल है. दारमा घाटी में सवा करोड़ की लागत से 50 किलोवाट की परियोजना का निर्माण किया गया है. इस परियोजना से गांव में बिजली की आपूर्ति सुचारू कर दी गयी है.

सेला गांव में पहुंची बिजली.

दारमा घाटी में जलविद्युत परियोजना का निर्माण 2011 में उरेडा ने शुरू किया गया था. 2013 में आई भीषण आपदा के चलते उपकरण क्षतिग्रस्त होने से परियोजना शुरू नहीं हो पाई थी. आजादी के लगभग 7 दशक बाद दारमा घाटी का सेला गांव बिजली से जगमगा है. दीपावली से पूर्व गांव में बिजली पहुंचने से ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं है. स्थानीय लोगों ने दारमा घाटी के अन्य गांवों को भी बिजली से जोड़ने की मांग की है.

यह भी पढ़ें-हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एमडी की 14 सीटों को मिली मान्यता, लंबे समय से थी मांग

चीन सीमा से सटे दारमा और व्यास घाटियों के दर्जनों गांवों में आज तक बिजली सुचारू रूप से नहीं पहुंच पायी है. लेकिन दारमा घाटी में 50 किलोवाट की जल विद्युत परियोजना बनने से सेला गांव विद्युत आपूर्ति से जुड़ने वाला दारमा घाटी का पहला विद्युतीकृत गांव बन गया है. परियोजना बनने के बाद उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही दारमा घाटी के अन्य गांवों में भी विद्युत आपूर्ति बहाल होगी. सेला गांव के ग्रामीणों ने गांव में बिजली पहुंचने पर उरेडा विभाग और सरकार का आभार जताया है.

पिथौरागढ़: चीन सीमा पर स्थित दारमा घाटी का सेला गांव आजादी के बाद पहली बार बिजली से रोशन हो गया है. दीपावली से पहले गांव में विद्युत आपूर्ति बहाल होने से ग्रामीणों में हर्ष का माहौल है. दारमा घाटी में सवा करोड़ की लागत से 50 किलोवाट की परियोजना का निर्माण किया गया है. इस परियोजना से गांव में बिजली की आपूर्ति सुचारू कर दी गयी है.

सेला गांव में पहुंची बिजली.

दारमा घाटी में जलविद्युत परियोजना का निर्माण 2011 में उरेडा ने शुरू किया गया था. 2013 में आई भीषण आपदा के चलते उपकरण क्षतिग्रस्त होने से परियोजना शुरू नहीं हो पाई थी. आजादी के लगभग 7 दशक बाद दारमा घाटी का सेला गांव बिजली से जगमगा है. दीपावली से पूर्व गांव में बिजली पहुंचने से ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं है. स्थानीय लोगों ने दारमा घाटी के अन्य गांवों को भी बिजली से जोड़ने की मांग की है.

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चीन सीमा से सटे दारमा और व्यास घाटियों के दर्जनों गांवों में आज तक बिजली सुचारू रूप से नहीं पहुंच पायी है. लेकिन दारमा घाटी में 50 किलोवाट की जल विद्युत परियोजना बनने से सेला गांव विद्युत आपूर्ति से जुड़ने वाला दारमा घाटी का पहला विद्युतीकृत गांव बन गया है. परियोजना बनने के बाद उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही दारमा घाटी के अन्य गांवों में भी विद्युत आपूर्ति बहाल होगी. सेला गांव के ग्रामीणों ने गांव में बिजली पहुंचने पर उरेडा विभाग और सरकार का आभार जताया है.

Last Updated : Oct 28, 2020, 1:12 PM IST
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