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आपदा में चीन बॉर्डर की लाइफलाइन कटी, MLA धामी का आरोप- धारचूला से सौतेला व्यवहार कर रही सरकार

विधायक हरीश धामी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि वो उनकी विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावितों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. साथ ही उन्होंने दारमा और व्यास घाटी में फंसे स्थानीय लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाने की मांग की है.

Dharchula MLA Harish Dhami protested
Dharchula MLA Harish Dhami protested
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Published : Oct 25, 2021, 4:42 PM IST

Updated : Oct 25, 2021, 7:31 PM IST

पिथौरागढ़: धारचूला विधानसभा क्षेत्र के आपदाग्रस्त क्षेत्रों की सुध नहीं लिए जाने से नाराज स्थानीय विधायक हरीश धामी ने आज (सोमवार) जिला मुख्यालय में धरना दिया. इस दौरान उनके साथ कई कार्यकर्ता भी मौजूद रहे.

विधायक हरीश धामी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार उनकी विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावितों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. साथ ही उन्होंने दारमा और व्यास घाटी में फंसे स्थानीय लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाने की मांग की है.

विधायक हरीश धामी का कहना है कि धारचूला क्षेत्र में आई आपदा के चलते दारमा और व्यास घाटी को जोड़ने वाले मार्गों के साथ ही पेयजल योजनाएं और विद्युत लाइनें भी ध्वस्त हुई हैं. मगर अभी तक सरकार इन मार्गों को नहीं खोल पायी है, जिसकी वजह से उनके विधानसभा क्षेत्र की आधी-आबादी देश और दुनिया से अलग-थलग पड़ी है. चीन बॉर्डर पर मौजूद तीनों घाटियों का शेष दुनिया से सम्पर्क पूरी तरह कट गया है.

आपदा में चीन बॉर्डर की लाइफलाइन कटी

पढ़ें- हादसा: पिथौरागढ़ के धारचूला में खाई में गिरी कार, दो लोगों की मौत

विधायक हरीश धामी ने कहा कि इंटनेशनल बॉर्डर की लाइफ लाइन बंद होने से हजारों लोगों की जिंदगी पटरी से उतर गई है. वहीं सुरक्षा बलों को भी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं. इन इलाकों में फंसे सैलानियों को तो प्रशासन ने हेलीकॉप्टर की मदद से निकाल लिया है. मगर असली दिक्कत यहां रहने वालों को आ गई है. इन तीनों घाटियों में 100 से अधिक गांव हैं. ये ग्रामीण सर्दियों में निचले इलाकों में माइग्रेट होते हैं. लेकिन रास्ते बंद होने से ग्रामीण घाटियों में कैद हो गए हैं.

पढ़ें- पेयजल की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीणों ने अजय भट्ट को खूब सुनाई खरी खोटी, देखें वीडियो

उन्होंने बताया कि 16 जून को आई आसमानी आफत ने दारमा, व्यास और चौदास घाटी को जोड़ने वाली सड़कों को पूरी तरह तबाह कर डाला था. दारमा और चौदास घाटी को जोड़ने वाली सड़क को बमुश्किल 115 दिन बाद खोला गया. मगर पिछले दिनों आयी आपदा में ये सड़क फिर से पूरी तरह बर्बाद हो गयी है.

लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाली रोड का भी कुछ ऐसा ही हाल है. ये रोड भी बरसात के बाद बमुश्किल खुल पाई थी. अब इन सड़कों के इतने बुरे हाल हैं कि इन्हें खुलने में खासा वक्त लग सकता है. ऐसे में प्रभावितों की जिंदगी के पटरी पर लाने के लिए प्रशासन को अन्य विकल्पों पर भी विचार करना होगा.

विधायक हरीश धामी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक होने के नाते सरकार द्वारा उनके क्षेत्र के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दारमा, व्यास सहित मुनस्यारी, मदकोट और बंगापानी की कई सड़कें और पैदल मार्ग महीनों से बंद पड़े हैं, जिसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने चेतावनी दी है कि अगर 8 नवंबर तक धारचूला विधानसभा क्षेत्र में बंद पड़ी सड़कों और पैदल मार्गों को नहीं खोला गया तो वे 8 नवंबर से जिला मुख्यालय में आमरण अनशन शुरू कर देंगे.

पिथौरागढ़: धारचूला विधानसभा क्षेत्र के आपदाग्रस्त क्षेत्रों की सुध नहीं लिए जाने से नाराज स्थानीय विधायक हरीश धामी ने आज (सोमवार) जिला मुख्यालय में धरना दिया. इस दौरान उनके साथ कई कार्यकर्ता भी मौजूद रहे.

विधायक हरीश धामी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार उनकी विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावितों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. साथ ही उन्होंने दारमा और व्यास घाटी में फंसे स्थानीय लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाने की मांग की है.

विधायक हरीश धामी का कहना है कि धारचूला क्षेत्र में आई आपदा के चलते दारमा और व्यास घाटी को जोड़ने वाले मार्गों के साथ ही पेयजल योजनाएं और विद्युत लाइनें भी ध्वस्त हुई हैं. मगर अभी तक सरकार इन मार्गों को नहीं खोल पायी है, जिसकी वजह से उनके विधानसभा क्षेत्र की आधी-आबादी देश और दुनिया से अलग-थलग पड़ी है. चीन बॉर्डर पर मौजूद तीनों घाटियों का शेष दुनिया से सम्पर्क पूरी तरह कट गया है.

आपदा में चीन बॉर्डर की लाइफलाइन कटी

पढ़ें- हादसा: पिथौरागढ़ के धारचूला में खाई में गिरी कार, दो लोगों की मौत

विधायक हरीश धामी ने कहा कि इंटनेशनल बॉर्डर की लाइफ लाइन बंद होने से हजारों लोगों की जिंदगी पटरी से उतर गई है. वहीं सुरक्षा बलों को भी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं. इन इलाकों में फंसे सैलानियों को तो प्रशासन ने हेलीकॉप्टर की मदद से निकाल लिया है. मगर असली दिक्कत यहां रहने वालों को आ गई है. इन तीनों घाटियों में 100 से अधिक गांव हैं. ये ग्रामीण सर्दियों में निचले इलाकों में माइग्रेट होते हैं. लेकिन रास्ते बंद होने से ग्रामीण घाटियों में कैद हो गए हैं.

पढ़ें- पेयजल की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीणों ने अजय भट्ट को खूब सुनाई खरी खोटी, देखें वीडियो

उन्होंने बताया कि 16 जून को आई आसमानी आफत ने दारमा, व्यास और चौदास घाटी को जोड़ने वाली सड़कों को पूरी तरह तबाह कर डाला था. दारमा और चौदास घाटी को जोड़ने वाली सड़क को बमुश्किल 115 दिन बाद खोला गया. मगर पिछले दिनों आयी आपदा में ये सड़क फिर से पूरी तरह बर्बाद हो गयी है.

लिपुलेख दर्रे को जोड़ने वाली रोड का भी कुछ ऐसा ही हाल है. ये रोड भी बरसात के बाद बमुश्किल खुल पाई थी. अब इन सड़कों के इतने बुरे हाल हैं कि इन्हें खुलने में खासा वक्त लग सकता है. ऐसे में प्रभावितों की जिंदगी के पटरी पर लाने के लिए प्रशासन को अन्य विकल्पों पर भी विचार करना होगा.

विधायक हरीश धामी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक होने के नाते सरकार द्वारा उनके क्षेत्र के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि दारमा, व्यास सहित मुनस्यारी, मदकोट और बंगापानी की कई सड़कें और पैदल मार्ग महीनों से बंद पड़े हैं, जिसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने चेतावनी दी है कि अगर 8 नवंबर तक धारचूला विधानसभा क्षेत्र में बंद पड़ी सड़कों और पैदल मार्गों को नहीं खोला गया तो वे 8 नवंबर से जिला मुख्यालय में आमरण अनशन शुरू कर देंगे.

Last Updated : Oct 25, 2021, 7:31 PM IST
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