देहरादून, धीरज सजवाण: 38वें राष्ट्रीय खेलों में टेक्नोलॉजी से जुड़ी एक अभिनव पहल शुरू की गई है. दरअसल शनिवार से शुरू हुए एथलेटिक्स प्रतियोगिता में पदक विजेताओं को शुभांकर मौली के रोबोटिक अवतार ने मेडल वितरित किए हैं. उत्तराखंड सरकार की यह पहल सभी को लुभा रही है. वहीं, भाला फेंक प्रतियोगिता में भाले को लाने और ले जाने के लिए रोवर का उपयोग किया जा रहा है.
विजेताओं को रोबोट ने दिए मेडल: विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा ने बताया कि पूरी दुनिया के राष्ट्रीय खेलों में यह पहली बार हो रहा है कि जब विजेताओं को रोबोट की मदद से मेडल दिए जा रहे हैं. ओलंपिक में भी इस प्रकार की तकनीक नहीं है. उन्होंने कहा कि रोबोट मौली पुलिस विभाग की ओर से तैयार किया गया है. इसका संचालन पुलिस के ऑपरेटरों की और रिमोट के जरिए किया जा रहा है.
रोबोटिक पहल से बचेगा समय: विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा ने बताया कि भाला फेंक प्रतियोगिता में रोवर का उपयोग ओलंपिक और बड़ी प्रतियोगिताओं में होता है. इसे राष्ट्रीय खेलों में भी शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि इससे खेल के दौरान समय की बचत होगी. साथ ही भाले से आयोजन में लगे लोगों के चोटिल होने का खतरा भी कम हो जाएगा.
डिजिटल स्क्रीन का उपयोग: एथलेटिक्स की प्रतियोगिता में बड़ी डिजिटल स्क्रीन का भी उपयोग किया जा रहा है, जो खासकर दौड़ की प्रतियोगिताओं में लाभदायक हैं. फिनिसिंग लाइन पर खिलाड़ियों के बीच के छोटे से अंतर को भी बारीकी से स्क्रीन पर देखकर विजेताओं का फैसला किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें-