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नंदादेवी में चलेगा सबसे बड़ा 'डेयरडेविल' रेस्क्यू, विदेशी पर्वतारोहियों के शव वापस लाना चुनौती - उत्तराखंड समाचार

पर्वतारोहियों के शवों को वापस लाने के लिए जिला प्रशासन अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने जा रहा है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कम से कम 23 दिन लगेंगे. इस दौरान बारिश और बर्फबारी होने पर ये मिशन लंबा चलने की संभावना है.

डेयर डेविल दल लापता पर्वतारोहियों के शवों को लाएगी वापस
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Published : Jun 11, 2019, 5:53 PM IST

Updated : Jun 11, 2019, 7:51 PM IST

पिथौरागढ़: नंदादेवी क्षेत्र में देखे गए 5 पर्वतारोहियों के शवों को वापस लाने के लिए अब डेयरडेविल अभियान शुरू हो गया है. आईटीबीपी के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस अभियान में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आईएमएफ के प्रशिक्षित पर्वतारोही जवान शामिल हैं. इस अभियान के शुरुआती चरण में एक हफ्ते तक दल के सदस्यों को नंदा देवी बेस कैंप में पर्यावरण के अनुरूप ढलने की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसके बाद ये दल पैदल रास्ते को खोलते हुए घटना स्थल की ओर रवाना होगा.

पर्वतारोहियों के शवों को वापस लाने के लिए जिला प्रशासन अबतक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने जा रहा है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कम से कम 23 दिन लगेंगे. इस दौरान बारिश और बर्फबारी होने पर ये मिशन लंबा चलने की संभावना है. प्रशासन की कार्ययोजना के मुताबिक, रेस्क्यू दल को भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टर के जरिये नंदा देवी बेस कैंप तक पहुंचाया जाएगा. जिसके बाद अभियान दल के सदस्यों को एक हफ्ते की एक्लाइमेटाइजेशन ट्रेनिंग दी जाएगी.

जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि अभियान दल ट्रेनिंग पूरी होने के बाद पैदल मार्ग को खोलते हुए घटना स्थल तक पहुंचेगा. यहां से शवों को ऐसे स्थान तक पहुंचाया जाएगा, जहां से हेलीकॉप्टर के जरिये शवों को मुनस्यारी से पिथौरागढ़ लाया जा सके. उन्होंने बताया कि इस अभियान में कुल 34 सदस्य हैं. जिनमें से 18 सदस्यीय टीम अभियान को लीड करेगी जबकि बाकी लोग बैकअप के लिए बेस कैंप में रहेंगे. उन्होंने बताया कि इस मिशन में करीब 10 लाख रुपये का खर्च आ सकता है, जिसकी शासन स्तर से व्यवस्था कर ली गई है.

डेयरडेविल दल नंदादेवी में लापता पर्वतारोहियों के शवों को वापस लाएगी.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा पर आए दो श्रद्धालुओं को हार्टअटैक, इलाज के दौरान तोड़ा दम

गौर हो कि बीते 26 मई को नंदा देवी ईस्ट अभियान पर गये 12 सदस्यीय दल के 8 लोग अनाम चोटी पर चढ़ते समय लापता हो गए थे, जिसकी सूचना प्रशासन को 31 मई को मिली थी. जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए लापता पर्वतारोहियों की तलाश में हेलीकॉप्टर से रेकी की थी. रेकी के दौरान नंदा देवी क्षेत्र में 5 शवों को देखा गया था जिन्हें वापस लाना भोगौलिक परिस्थितियों के साथ बर्फीले तूफान के चलते सम्भव नहीं हो पा रहा है. ऐसे में अभीतक उन शवों को लाया नहीं जा सका है.

विभिन्न देशों के लापता पर्वतारोहियों की संख्या-

  1. इंग्लैंड- 4
  2. अमेरिका- 2
  3. ऑस्ट्रेलिया- 1
  4. भारत- 1 पर्वतारोही शामिल हैं. जो भारतीय पर्वतारोहण संस्थान के लाइजन ऑफिसर शामिल थे.

उधर, बेस कैंप से इंग्लैंड के 4 पर्वतारोहियों को सुरक्षित पिथौरागढ़ वापस लाया गया है. जहां से चारों पर्वतारोही बीते दिनों वापस अपने घर लौट चुके हैं.

पिथौरागढ़: नंदादेवी क्षेत्र में देखे गए 5 पर्वतारोहियों के शवों को वापस लाने के लिए अब डेयरडेविल अभियान शुरू हो गया है. आईटीबीपी के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस अभियान में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आईएमएफ के प्रशिक्षित पर्वतारोही जवान शामिल हैं. इस अभियान के शुरुआती चरण में एक हफ्ते तक दल के सदस्यों को नंदा देवी बेस कैंप में पर्यावरण के अनुरूप ढलने की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसके बाद ये दल पैदल रास्ते को खोलते हुए घटना स्थल की ओर रवाना होगा.

पर्वतारोहियों के शवों को वापस लाने के लिए जिला प्रशासन अबतक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने जा रहा है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कम से कम 23 दिन लगेंगे. इस दौरान बारिश और बर्फबारी होने पर ये मिशन लंबा चलने की संभावना है. प्रशासन की कार्ययोजना के मुताबिक, रेस्क्यू दल को भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टर के जरिये नंदा देवी बेस कैंप तक पहुंचाया जाएगा. जिसके बाद अभियान दल के सदस्यों को एक हफ्ते की एक्लाइमेटाइजेशन ट्रेनिंग दी जाएगी.

जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि अभियान दल ट्रेनिंग पूरी होने के बाद पैदल मार्ग को खोलते हुए घटना स्थल तक पहुंचेगा. यहां से शवों को ऐसे स्थान तक पहुंचाया जाएगा, जहां से हेलीकॉप्टर के जरिये शवों को मुनस्यारी से पिथौरागढ़ लाया जा सके. उन्होंने बताया कि इस अभियान में कुल 34 सदस्य हैं. जिनमें से 18 सदस्यीय टीम अभियान को लीड करेगी जबकि बाकी लोग बैकअप के लिए बेस कैंप में रहेंगे. उन्होंने बताया कि इस मिशन में करीब 10 लाख रुपये का खर्च आ सकता है, जिसकी शासन स्तर से व्यवस्था कर ली गई है.

डेयरडेविल दल नंदादेवी में लापता पर्वतारोहियों के शवों को वापस लाएगी.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा पर आए दो श्रद्धालुओं को हार्टअटैक, इलाज के दौरान तोड़ा दम

गौर हो कि बीते 26 मई को नंदा देवी ईस्ट अभियान पर गये 12 सदस्यीय दल के 8 लोग अनाम चोटी पर चढ़ते समय लापता हो गए थे, जिसकी सूचना प्रशासन को 31 मई को मिली थी. जिसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए लापता पर्वतारोहियों की तलाश में हेलीकॉप्टर से रेकी की थी. रेकी के दौरान नंदा देवी क्षेत्र में 5 शवों को देखा गया था जिन्हें वापस लाना भोगौलिक परिस्थितियों के साथ बर्फीले तूफान के चलते सम्भव नहीं हो पा रहा है. ऐसे में अभीतक उन शवों को लाया नहीं जा सका है.

विभिन्न देशों के लापता पर्वतारोहियों की संख्या-

  1. इंग्लैंड- 4
  2. अमेरिका- 2
  3. ऑस्ट्रेलिया- 1
  4. भारत- 1 पर्वतारोही शामिल हैं. जो भारतीय पर्वतारोहण संस्थान के लाइजन ऑफिसर शामिल थे.

उधर, बेस कैंप से इंग्लैंड के 4 पर्वतारोहियों को सुरक्षित पिथौरागढ़ वापस लाया गया है. जहां से चारों पर्वतारोही बीते दिनों वापस अपने घर लौट चुके हैं.

Intro:पिथौरागढ़: नंदा देवी क्षेत्र में देखे गए पर्वतारोहियों के शवों को वापस लाने के लिए चलाया जा रहा डेयर डेविल अभियान आज (मंगलवार) से शुरू हो गया है। आईटीबीपी के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस अभियान में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आईएमएफ के प्रशिक्षित पर्वतारोही जवान शामिल है। इस अभियान के शुरुआती चरण में एक सप्ताह तक दल के सदस्यों को नंदा देवी बेस केम्प में पर्यावरण के अनुरूप ढलने की ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसके बाद पैदल रास्ते को खोलते हुए ये दल घटना स्थल की ओर रवाना होगा।

पर्वतारोहियों के शवों को वापस लाने के लिए जिला प्रशासन अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने जा रहा है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कम से कम 23 दिन लगेंगे। वहीं इस दौरान अगर बारिश और बर्फबारी होती है तो मिशन ओर लंबा चलने की संभावना है। प्रशासन ने जो कार्ययोजना तैयार की है उसके मुताबिक रेस्क्यू दल को हेलीकाप्टर के जरिये नंदा देवी बेस केम्प तक पहुंचाया जाएगा। जिसके बाद अभियान दल के सदस्यों को एक हफ्ते की एक्लेमटॉयज ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसके बाद पैदल मार्ग को खोलते हुए अभियान दल घटना स्थल तक पहुंचेगा और उन शवों को ऐसे स्थान तक पहुंचाया जाएगा जहां से हेलीकॉप्टर के जरिये शवों को मुनस्यारी से पिथौरागढ़ लाया जा सके। इस अभियान में कुल 34 सदस्य है जिनमे से 18 सदस्यीय टीम अभियान को लीड करेगी। जबकि शेष लोग बेकअप के लिए बेस कैम्प में रहेंगे। इस मिशन में कुल 10 लाख रुपये का खर्चा आना है जिसकी व्यवस्था शासन स्तर से कर ली गयी है।

गौर हो कि बीते माह नंदा देवी ईस्ट अभियान पर गये 12 सदस्यीय दल के 8 लोग अनाम चोटी को चढ़ते समय 26 मई को लापता हो गए थे। प्रशासन को इस मामले की सूचना 31 मई को मिली। लापता पर्वतारोहियों में 4 ब्रिटिश, 2 अमेरिका, 1 ऑस्ट्रेलिया और 1 भारतीय पर्वतारोहण संस्थान का लाइजन ऑफिसर शामिल था। प्रशासन द्वारा लापता पर्वतारोहियों की तलाश में हेलीकॉप्टर से रेकी की गई थी। रेकी के दौरान नंदा देवी क्षेत्र में 5 शवों को देखा गया था जिन्हें वापस लाना भोगौलिक परिस्थितियों के चलते सम्भव नही था। साथ ही बेस कैम्प से इंग्लैंड के 4 पर्वतारोहियों को हेलिको सुरक्षित पिथौरागढ़ वापस लाया गया। चारों पर्वतारोही बीते दिनों वापस लौट चुके है।

Byte: विजय कुमार जोगदंडे, जिलाधिकारी, पिथौरागढ़




Body:पिथौरागढ़: नंदा देवी क्षेत्र में देखे गए पर्वतारोहियों के शवों को वापस लाने के लिए चलाया जा रहा डेयर डेविल अभियान आज (मंगलवार) से शुरू हो गया है। आईटीबीपी के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस अभियान में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आईएमएफ के प्रशिक्षित पर्वतारोही जवान शामिल है। इस अभियान के शुरुआती चरण में एक सप्ताह तक दल के सदस्यों को नंदा देवी बेस केम्प में पर्यावरण के अनुरूप ढलने की ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसके बाद पैदल रास्ते को खोलते हुए ये दल घटना स्थल की ओर रवाना होगा।

पर्वतारोहियों के शवों को वापस लाने के लिए जिला प्रशासन अब तक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने जा रहा है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कम से कम 23 दिन लगेंगे। वहीं इस दौरान अगर बारिश और बर्फबारी होती है तो मिशन ओर लंबा चलने की संभावना है। प्रशासन ने जो कार्ययोजना तैयार की है उसके मुताबिक रेस्क्यू दल को हेलीकाप्टर के जरिये नंदा देवी बेस केम्प तक पहुंचाया जाएगा। जिसके बाद अभियान दल के सदस्यों को एक हफ्ते की एक्लेमटॉयज ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसके बाद पैदल मार्ग को खोलते हुए अभियान दल घटना स्थल तक पहुंचेगा और उन शवों को ऐसे स्थान तक पहुंचाया जाएगा जहां से हेलीकॉप्टर के जरिये शवों को मुनस्यारी से पिथौरागढ़ लाया जा सके। इस अभियान में कुल 34 सदस्य है जिनमे से 18 सदस्यीय टीम अभियान को लीड करेगी। जबकि शेष लोग बेकअप के लिए बेस कैम्प में रहेंगे। इस मिशन में कुल 10 लाख रुपये का खर्चा आना है जिसकी व्यवस्था शासन स्तर से कर ली गयी है।

गौर हो कि बीते माह नंदा देवी ईस्ट अभियान पर गये 12 सदस्यीय दल के 8 लोग अनाम चोटी को चढ़ते समय 26 मई को लापता हो गए थे। प्रशासन को इस मामले की सूचना 31 मई को मिली। लापता पर्वतारोहियों में 4 ब्रिटिश, 2 अमेरिका, 1 ऑस्ट्रेलिया और 1 भारतीय पर्वतारोहण संस्थान का लाइजन ऑफिसर शामिल था। प्रशासन द्वारा लापता पर्वतारोहियों की तलाश में हेलीकॉप्टर से रेकी की गई थी। रेकी के दौरान नंदा देवी क्षेत्र में 5 शवों को देखा गया था जिन्हें वापस लाना भोगौलिक परिस्थितियों के चलते सम्भव नही था। साथ ही बेस कैम्प से इंग्लैंड के 4 पर्वतारोहियों को हेलिको सुरक्षित पिथौरागढ़ वापस लाया गया। चारों पर्वतारोही बीते दिनों वापस लौट चुके है।

Byte: विजय कुमार जोगदंडे, जिलाधिकारी, पिथौरागढ़




Conclusion:
Last Updated : Jun 11, 2019, 7:51 PM IST
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